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قُلْ اِنْ كَانَتْ لَكُمُ الدَّارُ الْاٰخِرَةُ عِنْدَ اللّٰهِ خَالِصَةً مِّنْ دُوْنِ النَّاسِ فَتَمَنَّوُا الْمَوْتَ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ   ( البقرة: ٩٤ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"If
إِن
अगर
is
كَانَتْ
है
for you
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
the home
ٱلدَّارُ
घर
(of) the Hereafter
ٱلْءَاخِرَةُ
आख़िरत का
with
عِندَ
पास अल्लाह के
Allah
ٱللَّهِ
पास अल्लाह के
exclusively
خَالِصَةً
ख़ास/मख़सूस
from
مِّن
अलावा
excluding
دُونِ
अलावा
the mankind
ٱلنَّاسِ
लोगों के
then wish
فَتَمَنَّوُا۟
तो तुम तमन्ना करो
(for) [the] death
ٱلْمَوْتَ
मौत की
if
إِن
अगर
you are
كُنتُمْ
हो तुम
truthful"
صَٰدِقِينَ
सच्चे

Qul in kanat lakumu alddaru alakhiratu 'inda Allahi khalisatan min dooni alnnasi fatamannawoo almawta in kuntum sadiqeena (al-Baq̈arah 2:94)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अपने हाथों इन्होंने जो कुछ आगे भेजा है उसके कारण वे कदापि उसकी कामना न करेंगे; अल्लाह तो ज़ालिमों को भली-भाँति जानता है

English Sahih:

Say, [O Muhammad], "If the home of the Hereafter with Allah is for you alone and not the [other] people, then wish for death, if you should be truthful." ([2] Al-Baqarah : 94)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) इन लोगों से कह दो कि अगर खुदा के नज़दीक आख़ेरत का घर (बेहिश्त) ख़ास तुम्हारे वास्ते है और लोगों के वासते नहीं है पस अगर तुम सच्चे हो तो मौत की आरजू क़रो