وَيَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا يَنْفَعُهُمْ وَلَا يَضُرُّهُمْۗ وَكَانَ الْكَافِرُ عَلٰى رَبِّهٖ ظَهِيْرًا ( الفرقان: ٥٥ )
But they worship
وَيَعْبُدُونَ
और वो इबादत करते हैं
besides Allah
مِن
सिवाए
besides Allah
دُونِ
सिवाए
besides Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
what
مَا
उनकी जो
not profits them
لَا
ना वो नफ़ा दे सकते हैं उन्हें
not profits them
يَنفَعُهُمْ
ना वो नफ़ा दे सकते हैं उन्हें
and not
وَلَا
और ना
harms them
يَضُرُّهُمْۗ
वो नुक़्सान दे सकते हैं उन्हें
and is
وَكَانَ
और है
the disbeliever
ٱلْكَافِرُ
काफ़िर
against
عَلَىٰ
ख़िलाफ़ अपने रब के
his Lord
رَبِّهِۦ
ख़िलाफ़ अपने रब के
a helper
ظَهِيرًا
मददगार
Waya'budoona min dooni Allahi ma la yanfa'uhum wala yadurruhum wakana alkafiru 'ala rabbihi thaheeran (al-Furq̈ān 25:55)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह से इतर वे उनको पूजते है जो न उन्हें लाभ पहुँचा सकते है और न ही उन्हें हानि पहुँचा सकते है। और ऊपर से यह भी कि इनकार करनेवाला अपने रब का विरोधी और उसके मुक़ाबले में दूसरों का सहायक बना हुआ है
English Sahih:
But they worship rather than Allah that which does not benefit them or harm them, and the disbeliever is ever, against his Lord, an assistant [to Satan]. ([25] Al-Furqan : 55)