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فَالْتَقَطَهٗٓ اٰلُ فِرْعَوْنَ لِيَكُوْنَ لَهُمْ عَدُوًّا وَّحَزَنًاۗ اِنَّ فِرْعَوْنَ وَهَامٰنَ وَجُنُوْدَهُمَا كَانُوْا خٰطِـِٕيْنَ   ( القصص: ٨ )

Then picked him up
فَٱلْتَقَطَهُۥٓ
पस उठा लिया उसे
(the) family
ءَالُ
आले फ़िरऔन ने
(of) Firaun
فِرْعَوْنَ
आले फ़िरऔन ने
so that he might become
لِيَكُونَ
ताकि वो हो
to them
لَهُمْ
उनके लिए
an enemy
عَدُوًّا
दुश्मन
and a grief
وَحَزَنًاۗ
और ग़म को (मोजिब)
Indeed
إِنَّ
बेशक
Firaun
فِرْعَوْنَ
फ़िरऔन
and Haman
وَهَٰمَٰنَ
और हामान
and their hosts
وَجُنُودَهُمَا
और उन दोनों के लश्कर
were
كَانُوا۟
थे वो
sinners
خَٰطِـِٔينَ
ख़ताकार

Failtaqatahu alu fir'awna liyakoona lahum 'aduwwan wahazanan inna fir'awna wahamana wajunoodahuma kanoo khatieena (al-Q̈aṣaṣ 28:8)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अन्ततः फ़िरऔन के लोगों ने उसे उठा लिया, ताकि परिणामस्वरूप वह उनका शत्रु और उनके लिए दुख बने। निश्चय ही फ़िरऔन और हामान और उनकी सेनाओं से बड़ी चूक हुई

English Sahih:

And the family of Pharaoh picked him up [out of the river] so that he would become to them an enemy and a [cause of] grief. Indeed, Pharaoh and Haman and their soldiers were deliberate sinners. ([28] Al-Qasas : 8)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ग़रज़ मूसा की माँ ने दरिया में डाल दिया) वह सन्दूक़ बहते बहते फिरऔन के महल के पास आ लगा तो फिरऔन के लोगों ने उसे उठा लिया ताकि (एक दिन यही) उनका दुश्मन और उनके राज का बायस बने इसमें शक नहीं कि फिरऔन और हामान उन दोनों के लश्कर ग़लती पर थे