اُولٰۤىِٕكَ جَزَاۤؤُهُمْ مَّغْفِرَةٌ مِّنْ رَّبِّهِمْ وَجَنّٰتٌ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَا ۗ وَنِعْمَ اَجْرُ الْعٰمِلِيْنَۗ ( آل عمران: ١٣٦ )
Those -
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
their reward
جَزَآؤُهُم
बदला उनका
(is) forgiveness
مَّغْفِرَةٌ
बख़्शिश है
from
مِّن
उनके रब की तरफ़ से
their Lord
رَّبِّهِمْ
उनके रब की तरफ़ से
and Gardens
وَجَنَّٰتٌ
और बाग़ात हैं
flows
تَجْرِى
बहती हैं
from
مِن
उनके नीचे से
underneath it
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
the rivers
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
abiding forever
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
in it
فِيهَاۚ
उनमें
And an excellent
وَنِعْمَ
और कितना अच्छा है
reward
أَجْرُ
अजर
(for) the (righteous) workers
ٱلْعَٰمِلِينَ
अमल करने वालों का
Olaika jazaohum maghfiratun min rabbihim wajannatun tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha wani'ma ajru al'amileena (ʾĀl ʿImrān 3:136)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनका बदला उनके रब की ओर से क्षमादान है और ऐसे बाग़ है जिनके नीचे नहरें बहती होंगी। उनमें वे सदैव रहेंगे। और क्या ही अच्छा बदला है अच्छे कर्म करनेवालों का
English Sahih:
Those – their reward is forgiveness from their Lord and gardens beneath which rivers flow [in Paradise], wherein they will abide eternally; and excellent is the reward of the [righteous] workers. ([3] Ali 'Imran : 136)