۞ فَلَمَّآ اَحَسَّ عِيْسٰى مِنْهُمُ الْكُفْرَ قَالَ مَنْ اَنْصَارِيْٓ اِلَى اللّٰهِ ۗ قَالَ الْحَوَارِيُّوْنَ نَحْنُ اَنْصَارُ اللّٰهِ ۚ اٰمَنَّا بِاللّٰهِ ۚ وَاشْهَدْ بِاَنَّا مُسْلِمُوْنَ ( آل عمران: ٥٢ )
Falamma ahassa 'eesa minhumu alkufra qala man ansaree ila Allahi qala alhawariyyoona nahnu ansaru Allahi amanna biAllahi waishhad bianna muslimoona (ʾĀl ʿImrān 3:52)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर जब ईसा को उनके अविश्वास और इनकार का आभास हुआ तो उसने कहा, 'कौन अल्लाह की ओर बढ़ने में मेरा सहायक होता है?' हवारियों (साथियों) ने कहा, 'हम अल्लाह के सहायक हैं। हम अल्लाह पर ईमान लाए और गवाह रहिए कि हम मुस्लिम है
English Sahih:
But when Jesus felt [persistence in] disbelief from them, he said, "Who are my supporters for [the cause of] Allah?" The disciples said, "We are supporters for Allah. We have believed in Allah and testify that we are Muslims [submitting to Him]. ([3] Ali 'Imran : 52)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
पस उसकी इबादत करो (क्योंकि) यही नजात का सीधा रास्ता है फिर जब ईसा ने (इतनी बातों के बाद भी) उनका कुफ़्र (पर अड़े रहना) देखा तो (आख़िर) कहने लगे कौन ऐसा है जो ख़ुदा की तरफ़ होकर मेरा मददगार बने (ये सुनकर) हवारियों ने कहा हम ख़ुदा के तरफ़दार हैं और हम ख़ुदा पर ईमान लाए