Skip to main content

كَيْفَ يَهْدِى اللّٰهُ قَوْمًا كَفَرُوْا بَعْدَ اِيْمَانِهِمْ وَشَهِدُوْٓا اَنَّ الرَّسُوْلَ حَقٌّ وَّجَاۤءَهُمُ الْبَيِّنٰتُ ۗ وَاللّٰهُ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الظّٰلِمِيْنَ  ( آل عمران: ٨٦ )

How
كَيْفَ
किस तरह
(shall) guide
يَهْدِى
हिदायत देगा
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
a people
قَوْمًا
उस क़ौम को
(who) disbelieved
كَفَرُوا۟
जिन्होंने कुफ़्र किया
after
بَعْدَ
बाद
their belief
إِيمَٰنِهِمْ
अपने ईमान लाने के
and (had) witnessed
وَشَهِدُوٓا۟
और उन्होंने गवाही दी
that
أَنَّ
कि बेशक
the Messenger
ٱلرَّسُولَ
रसूल
(is) true
حَقٌّ
बरहक़ हैं
and came to them
وَجَآءَهُمُ
और आईं उनके पास
the clear proofs?
ٱلْبَيِّنَٰتُۚ
वाज़ेह निशानियाँ
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो हिदायत देता
guide
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
the people
ٱلْقَوْمَ
उन लोगों को
[the] wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Kayfa yahdee Allahu qawman kafaroo ba'da eemanihim washahidoo anna alrrasoola haqqun wajaahumu albayyinatu waAllahu la yahdee alqawma alththalimeena (ʾĀl ʿImrān 3:86)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह उन लोगों को कैसे मार्ग दिखाएगा, जिन्होंने अपने ईमान के पश्चात अधर्म और इनकार की नीति अपनाई, जबकि वे स्वयं इस बात की गवाही दे चुके हैं कि यह रसूल सच्चा है और उनके पास स्पष्ट निशानियाँ भी आ चुकी हैं? अल्लाह अत्याचारी लोगों को मार्ग नहीं दिखाया करता

English Sahih:

How shall Allah guide a people who disbelieved after their belief and had witnessed that the Messenger is true and clear signs had come to them? And Allah does not guide the wrongdoing people. ([3] Ali 'Imran : 86)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

भला ख़ुदा ऐसे लोगों की क्योंकर हिदायत करेगा जो इमाने लाने के बाद फिर काफ़िर हो गए हालॉकि वह इक़रार कर चुके थे कि पैग़म्बर (आख़िरूज़ज़मा) बरहक़ हैं और उनके पास वाजेए व रौशन मौजिज़े भी आ चुके थे और ख़ुदा ऐसी हठधर्मी करने वाले लोगों की हिदायत नहीं करता