فَاِنَّكَ لَا تُسْمِعُ الْمَوْتٰى وَلَا تُسْمِعُ الصُّمَّ الدُّعَاۤءَ اِذَا وَلَّوْا مُدْبِرِيْنَ ( الروم: ٥٢ )
So indeed, you
فَإِنَّكَ
पस बेशक आप
(can) not
لَا
नहीं आप सुना सकते
make the dead hear
تُسْمِعُ
नहीं आप सुना सकते
make the dead hear
ٱلْمَوْتَىٰ
मुर्दों को
and not
وَلَا
और ना
make the deaf hear
تُسْمِعُ
आप सुना सकते हैं
make the deaf hear
ٱلصُّمَّ
बहरों क
the call
ٱلدُّعَآءَ
पुकार
when
إِذَا
जब
they turn
وَلَّوْا۟
वो मुँह मोड़ जाऐं
retreating
مُدْبِرِينَ
पीठ फेरते हुए
Fainnaka la tusmi'u almawta wala tusmi'u alssumma alddu'aa itha wallaw mudbireena (ar-Rūm 30:52)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः तुम मुर्दों को नहीं सुना सकते और न बहरों को अपनी पुकार सुना सकते हो, जबकि वे पीठ फेरे चले जो रहे हों
English Sahih:
So indeed, you will not make the dead hear, nor will you make the deaf hear the call when they turn their backs, retreating. ([30] Ar-Rum : 52)