وَسِيْقَ الَّذِيْنَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ اِلَى الْجَنَّةِ زُمَرًا ۗحَتّٰىٓ اِذَا جَاۤءُوْهَا وَفُتِحَتْ اَبْوَابُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَا سَلٰمٌ عَلَيْكُمْ طِبْتُمْ فَادْخُلُوْهَا خٰلِدِيْنَ ( الزمر: ٧٣ )
Waseeqa allatheena ittaqaw rabbahum ila aljannati zumaran hatta itha jaooha wafutihat abwabuha waqala lahum khazanatuha salamun 'alaykum tibtum faodkhulooha khalideena (az-Zumar 39:73)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जो लोग अपने रब का डर रखते थे, वे गिरोह के गिरोह जन्नत की ओर ले जाएँगे, यहाँ तक कि जब वे वहाँ पहुँचेंगे इस हाल में कि उसके द्वार खुले होंगे। और उसके प्रहरी उनसे कहेंगे, 'सलाम हो तुमपर! बहुत अच्छे रहे! अतः इसमें प्रवेश करो सदैव रहने के लिए तो (उनकी ख़ुशियों का क्या हाल होगा!)
English Sahih:
But those who feared their Lord will be driven to Paradise in groups until, when they reach it while its gates have been opened and its keepers say, "Peace be upon you; you have become pure; so enter it to abide eternally therein," [they will enter]. ([39] Az-Zumar : 73)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जो लोग अपने परवरदिगार से डरते थे वह गिर्दो गिर्दा (गिरोह गिरोह) बेहिश्त की तरफ़ (एजाज़ व इकराम से) बुलाए जाएगें यहाँ तक कि जब उसके पास पहुँचेगें और बेहिश्त के दरवाज़े खोल दिये जाएँगें और उसके निगेहबान उन से कहेंगें सलाम अलैकुम तुम अच्छे रहे, तुम बेहिश्त में हमेशा के लिए दाख़िल हो जाओ