هُوَ الَّذِيْ يُرِيْكُمْ اٰيٰتِهٖ وَيُنَزِّلُ لَكُمْ مِّنَ السَّمَاۤءِ رِزْقًا ۗوَمَا يَتَذَكَّرُ اِلَّا مَنْ يُّنِيْبُ ( غافر: ١٣ )
He
هُوَ
वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِى
जो
shows you
يُرِيكُمْ
दिखाता है तुम्हें
His Signs
ءَايَٰتِهِۦ
निशानियाँ अपनी
and sends down
وَيُنَزِّلُ
और उतारता है
for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
from
مِّنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
provision
رِزْقًاۚ
रिज़्क़
But (does) not
وَمَا
और नहीं
take heed
يَتَذَكَّرُ
नसीहत पकड़ता
except
إِلَّا
मगर
(one) who
مَن
वो जो
turns
يُنِيبُ
वो रुजूअ करता है
Huwa allathee yureekum ayatihi wayunazzilu lakum mina alssamai rizqan wama yatathakkaru illa man yuneebu (Ghāfir 40:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वही है जो तुम्हें अपनी निशानियाँ दिखाता है और तुम्हारे लिए आकाश से रोज़ी उतारता है, किन्तु याददिहानी तो बस वही हासिल करता है जो (उसकी ओर) रुजू करे
English Sahih:
It is He who shows you His signs and sends down to you from the sky, provision. But none will remember except he who turns back [in repentance]. ([40] Ghafir : 13)