وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا رُسُلًا مِّنْ قَبْلِكَ مِنْهُمْ مَّنْ قَصَصْنَا عَلَيْكَ وَمِنْهُمْ مَّنْ لَّمْ نَقْصُصْ عَلَيْكَ ۗوَمَا كَانَ لِرَسُوْلٍ اَنْ يَّأْتِيَ بِاٰيَةٍ اِلَّا بِاِذْنِ اللّٰهِ ۚفَاِذَا جَاۤءَ اَمْرُ اللّٰهِ قُضِيَ بِالْحَقِّ وَخَسِرَ هُنَالِكَ الْمُبْطِلُوْنَ ࣖ ( غافر: ٧٨ )
Walaqad arsalna rusulan min qablika minhum man qasasna 'alayka waminhum man lam naqsus 'alayka wama kana lirasoolin an yatiya biayatin illa biithni Allahi faitha jaa amru Allahi qudiya bialhaqqi wakhasira hunalika almubtiloona (Ghāfir 40:78)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हम तुमसे पहले कितने ही रसूल भेज चुके है। उनमें से कुछ तो वे है जिनके वृत्तान्त का उल्लेख हमने तुमसे किया है और उनमें ऐसे भी है जिनके वृत्तान्त का उल्लेख हमने तुमसे नहीं किया। किसी रसूल को भी यह सामर्थ्य प्राप्त न थी कि वह अल्लाह की अनुज्ञा के बिना कोई निशानी ले आए। फिर जब अल्लाह का आदेश आ जाता है तो ठीक-ठीक फ़ैसला कर दिया जाता है। और उस समय झूठवाले घाटे में पड़ जाते है
English Sahih:
And We have already sent messengers before you. Among them are those [whose stories] We have related to you, and among them are those [whose stories] We have not related to you. And it was not for any messenger to bring a sign [or verse] except by permission of Allah. So when the command of Allah comes, it will be concluded [i.e., judged] in truth, and the falsifiers will thereupon lose [all]. ([40] Ghafir : 78)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और तुमसे पहले भी हमने बहुत से पैग़म्बर भेजे उनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिनके हालात हमने तुमसे बयान कर दिए, और कुछ ऐसे हैं जिनके हालात तुमसे नहीं दोहराए और किसी पैग़म्बर की ये मजाल न थी कि ख़ुदा के ऐख्तेयार दिए बग़ैर कोई मौजिज़ा दिखा सकें फिर जब ख़ुदा का हुक्म (अज़ाब) आ पहुँचा तो ठीक ठीक फैसला कर दिया गया और अहले बातिल ही इस घाटे में रहे,