سَيَقُوْلُ لَكَ الْمُخَلَّفُوْنَ مِنَ الْاَعْرَابِ شَغَلَتْنَآ اَمْوَالُنَا وَاَهْلُوْنَا فَاسْتَغْفِرْ لَنَا ۚيَقُوْلُوْنَ بِاَلْسِنَتِهِمْ مَّا لَيْسَ فِيْ قُلُوْبِهِمْۗ قُلْ فَمَنْ يَّمْلِكُ لَكُمْ مِّنَ اللّٰهِ شَيْـًٔا اِنْ اَرَادَ بِكُمْ ضَرًّا اَوْ اَرَادَ بِكُمْ نَفْعًا ۗبَلْ كَانَ اللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِيْرًا ( الفتح: ١١ )
Sayaqoolu laka almukhallafoona mina ala'rabi shaghalatna amwaluna waahloona faistaghfir lana yaqooloona bialsinatihim ma laysa fee quloobihim qul faman yamliku lakum mina Allahi shayan in arada bikum darran aw arada bikum naf'an bal kana Allahu bima ta'maloona khabeeran (al-Fatḥ 48:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो बद्दू पीछे रह गए थे, वे अब तुमसे कहेगे, 'हमारे माल और हमारे घरवालों ने हमें व्यस्त कर रखा था; तो आप हमारे लिए क्षमा की प्रार्थना कीजिए।' वे अपनी ज़बानों से वे बातें कहते है जो उनके दिलों में नहीं। कहना कि, 'कौन है जो अल्लाह के मुक़ाबले में तुम्हारे किए किसी चीज़ का अधिकार रखता है, यदि वह तुम्हें कोई हानि पहुँचानी चाहे या वह तुम्हें कोई लाभ पहुँचाने का इरादा करे? बल्कि जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उसकी ख़बर रखता है। -
English Sahih:
Those who remained behind of the bedouins will say to you, "Our properties and our families occupied us, so ask forgiveness for us." They say with their tongues what is not within their hearts. Say, "Then who could prevent Allah at all if He intended for you harm or intended for you benefit? Rather, ever is Allah, of what you do, Aware. ([48] Al-Fath : 11)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
जो गंवार देहाती (हुदैबिया से) पीछे रह गए अब वह तुमसे कहेंगे कि हमको हमारे माल और लड़के वालों ने रोक रखा तो आप हमारे वास्ते (ख़ुदा से) मग़फिरत की दुआ माँगें ये लोग अपनी ज़बान से ऐसी बातें कहते हैं जो उनके दिल में नहीं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर ख़ुदा तुम लोगों को नुक़सान पहुँचाना चाहे या तुम्हें फायदा पहुँचाने का इरादा करे तो ख़ुदा के मुक़ाबले में तुम्हारे लिए किसका बस चल सकता है बल्कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाक़िफ है