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يٰقَوْمِ ادْخُلُوا الْاَرْضَ الْمُقَدَّسَةَ الَّتِيْ كَتَبَ اللّٰهُ لَكُمْ وَلَا تَرْتَدُّوْا عَلٰٓى اَدْبَارِكُمْ فَتَنْقَلِبُوْا خٰسِرِيْنَ  ( المائدة: ٢١ )

"O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Enter
ٱدْخُلُوا۟
दाख़िल हो जाओ
the land
ٱلْأَرْضَ
अरदे
the Holy
ٱلْمُقَدَّسَةَ
मुक़द्दस में
which
ٱلَّتِى
वो जो
(has been) ordained
كَتَبَ
लिख दी
(by) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
and (do) not
وَلَا
और ना
turn
تَرْتَدُّوا۟
तुम फिर जाना
on
عَلَىٰٓ
अपनी पुश्तों पर
your backs
أَدْبَارِكُمْ
अपनी पुश्तों पर
then you will turn back
فَتَنقَلِبُوا۟
वरना तुम लौट जाओगे
(as) losers"
خَٰسِرِينَ
ख़सारा पाने वाले होकर

Ya qawmi odkhuloo alarda almuqaddasata allatee kataba Allahu lakum wala tartaddoo 'ala adbarikum fatanqaliboo khasireena (al-Māʾidah 5:21)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'ऐ मेरे लोगो! इस पवित्र भूमि में प्रवेश करो, जो अल्लाह ने तुम्हारे लिए लिख दी है। और पीछे न हटो, अन्यथा, घाटे में पड़ जाओगे।'

English Sahih:

O my people, enter the blessed land [i.e., Palestine] which Allah has assigned to you and do not turn back [from fighting in Allah's cause] and [thus] become losers." ([5] Al-Ma'idah : 21)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ मेरी क़ौम (शाम) की उस मुक़द्दस ज़मीन में जाओ जहॉ ख़ुदा ने तुम्हारी तक़दीर में (हुकूमत) लिख दी है और दुशमन के मुक़ाबले पीठ न फेरो (क्योंकि) इसमें तो तुम ख़ुद उलटा घाटा उठाओगे