قُلْ اَيُّ شَيْءٍ اَكْبَرُ شَهَادَةً ۗ قُلِ اللّٰهُ ۗشَهِيْدٌۢ بَيْنِيْ وَبَيْنَكُمْ ۗوَاُوْحِيَ اِلَيَّ هٰذَا الْقُرْاٰنُ لِاُنْذِرَكُمْ بِهٖ وَمَنْۢ بَلَغَ ۗ اَىِٕنَّكُمْ لَتَشْهَدُوْنَ اَنَّ مَعَ اللّٰهِ اٰلِهَةً اُخْرٰىۗ قُلْ لَّآ اَشْهَدُ ۚ قُلْ اِنَّمَا هُوَ اِلٰهٌ وَّاحِدٌ وَّاِنَّنِيْ بَرِيْۤءٌ مِّمَّا تُشْرِكُوْنَ ( الأنعام: ١٩ )
Qul ayyu shayin akbaru shahadatan quli Allahu shaheedun baynee wabaynakum waoohiya ilayya hatha alquranu lionthirakum bihi waman balagha ainnakum latashhadoona anna ma'a Allahi alihatan okhra qul la ashhadu qul innama huwa ilahun wahidun wainnanee bareeon mimma tushrikoona (al-ʾAnʿām 6:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहो, 'किस चीज़ की गवाही सबसे बड़ी है?' कहो, 'मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह गवाह है। और यह क़ुरआन मेरी ओर वह्यी (प्रकाशना) किया गया है, ताकि मैं इसके द्वारा तुम्हें सचेत कर दूँ। और जिस किसी को यह अल्लाह के साथ दूसरे पूज्य भी है?' तुम कह दो, 'मैं तो इसकी गवाही नहीं देता।' कह दो, 'वह तो बस अकेला पूज्य है। और तुम जो उसका साझी ठहराते हो, उससे मेरा कोई सम्बन्ध नहीं।'
English Sahih:
Say, "What thing is greatest in testimony?" Say, "Allah is witness between me and you. And this Quran was revealed to me that I may warn you thereby and whomever it reaches. Do you [truly] testify that with Allah there are other deities?" Say, "I will not testify [with you]." Say, "Indeed, He is but one God, and indeed, I am free of what you associate [with Him]." ([6] Al-An'am : 19)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि गवाही में सबसे बढ़के कौन चीज़ है तुम खुद ही कह दो कि मेरे और तुम्हारे दरमियान ख़ुदा गवाह है और मेरे पास ये क़ुरान वही के तौर पर इसलिए नाज़िल किया गया ताकि मैं तुम्हें और जिसे (उसकी) ख़बर पहुँचे उसके ज़रिए से डराओ क्या तुम यक़ीनन यह गवाही दे सकते हो कि अल्लाह के साथ और दूसरे माबूद भी हैं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मै तो उसकी गवाही नहीं देता (तुम दिया करो) तुम (उन लोगों से) कहो कि वह तो बस एक ही ख़ुदा है और जिन चीज़ों को तुम (ख़ुदा का) शरीक बनाते हो