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اَلَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَلَمْ يَلْبِسُوْٓا اِيْمَانَهُمْ بِظُلْمٍ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمُ الْاَمْنُ وَهُمْ مُّهْتَدُوْنَ ࣖ  ( الأنعام: ٨٢ )

Those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
believed
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and (did) not
وَلَمْ
और नहीं
mix
يَلْبِسُوٓا۟
उन्होंने मिलाया
their belief
إِيمَٰنَهُم
अपने ईमान को
with wrong
بِظُلْمٍ
साथ ज़ुल्म के
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
for them
لَهُمُ
उनके लिए
(is) the security
ٱلْأَمْنُ
अमन है
and they
وَهُم
और वो ही
(are) rightly guided
مُّهْتَدُونَ
हिदायत याफ़्ता हैं

Allatheena amanoo walam yalbisoo eemanahum bithulmin olaika lahumu alamnu wahum muhtadoona (al-ʾAnʿām 6:82)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'जो लोग ईमान लाए और अपने ईमान में किसी (शिर्क) ज़ुल्म की मिलावट नहीं की, वही लोग है जो भय मुक्त है और वही सीधे मार्ग पर हैं।'

English Sahih:

They who believe and do not mix their belief with injustice – those will have security, and they are [rightly] guided. ([6] Al-An'am : 82)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अपने ईमान को ज़ुल्म (शिर्क) से आलूदा नहीं किया उन्हीं लोगों के लिए अमन (व इतमिनान) है और यही लोग हिदायत याफ़ता हैं