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هُمُ الَّذِيْنَ يَقُوْلُوْنَ لَا تُنْفِقُوْا عَلٰى مَنْ عِنْدَ رَسُوْلِ اللّٰهِ حَتّٰى يَنْفَضُّوْاۗ وَلِلّٰهِ خَزَاۤىِٕنُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۙ وَلٰكِنَّ الْمُنٰفِقِيْنَ لَا يَفْقَهُوْنَ   ( المنافقون: ٧ )

They
هُمُ
वो ही हैं
(are) those who
ٱلَّذِينَ
जो
say
يَقُولُونَ
कहते हैं
"(Do) not
لَا
ना तुम ख़र्च करो
spend
تُنفِقُوا۟
ना तुम ख़र्च करो
on
عَلَىٰ
ऊपर
(those) who
مَنْ
उनके जो
(are) with
عِندَ
पास हैं
(the) Messenger
رَسُولِ
रसूल अल्लाह के
(of) Allah
ٱللَّهِ
रसूल अल्लाह के
until
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
they disband"
يَنفَضُّوا۟ۗ
वो मुन्तशिर हो जाऐं
And for Allah
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए हैं
(are the) treasures
خَزَآئِنُ
ख़ज़ाने
(of) the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन के
but
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
the hypocrites
ٱلْمُنَٰفِقِينَ
मुनाफ़िक़
(do) not
لَا
नहीं वो समझते
understand
يَفْقَهُونَ
नहीं वो समझते

Humu allatheena yaqooloona la tunfiqoo 'ala man 'inda rasooli Allahi hatta yanfaddoo walillahi khazainu alssamawati waalardi walakinna almunafiqeena la yafqahoona (al-Munāfiq̈ūn 63:7)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे वहीं लोग है जो कहते है, 'उन लोगों पर ख़र्च न करो जो अल्लाह के रसूल के पास रहनेवाले है, ताकि वे तितर-बितर हो जाएँ।' हालाँकि आकाशों और धरती के ख़जाने अल्लाह ही के है, किन्तु वे मुनाफ़िक़ समझते नहीं

English Sahih:

They are the ones who say, "Do not spend on those who are with the Messenger of Allah until they disband." And to Allah belong the depositories of the heavens and the earth, but the hypocrites do not understand. ([63] Al-Munafiqun : 7)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये वही लोग तो हैं जो (अन्सार से) कहते हैं कि जो (मुहाजिरीन) रसूले ख़ुदा के पास रहते हैं उन पर ख़र्च न करो यहाँ तक कि ये लोग ख़ुद तितर बितर हो जाएँ हालॉकि सारे आसमान और ज़मीन के ख़ज़ाने ख़ुदा ही के पास हैं मगर मुनाफेक़ीन नहीं समझते