اَوْ تَقُوْلُوْٓا اِنَّمَآ اَشْرَكَ اٰبَاۤؤُنَا مِنْ قَبْلُ وَكُنَّا ذُرِّيَّةً مِّنْۢ بَعْدِهِمْۚ اَفَتُهْلِكُنَا بِمَا فَعَلَ الْمُبْطِلُوْنَ ( الأعراف: ١٧٣ )
Or
أَوْ
या
you say
تَقُولُوٓا۟
तुम कहो
"Only
إِنَّمَآ
बेशक
partners (were) associated (with Allah)
أَشْرَكَ
शिर्क किया था
(by) our forefathers
ءَابَآؤُنَا
हमारे आबा ओ अजदाद ने
from
مِن
इससे पहले
before (us)
قَبْلُ
इससे पहले
and we are
وَكُنَّا
और थे हम
descendants
ذُرِّيَّةً
औलाद
from
مِّنۢ
उनके बाद वालों की
after them
بَعْدِهِمْۖ
उनके बाद वालों की
So will You destroy us
أَفَتُهْلِكُنَا
क्या पस तू हलाक करता है हमें
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
did
فَعَلَ
किया
the falsifiers?"
ٱلْمُبْطِلُونَ
ग़लतकारों ने
Aw taqooloo innama ashraka abaona min qablu wakunna thurriyyatan min ba'dihim afatuhlikuna bima fa'ala almubtiloona (al-ʾAʿrāf 7:173)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
या कहो कि '(अल्लाह के साथ) साझी तो पहले हमारे बाप-दादा ने किया। हम तो उसके पश्चात उनकी सन्तति में हुए है। तो क्या तू हमें उसपर विनष्ट करेगा जो कुछ मिथ्याचारियों ने किया है?'
English Sahih:
Or [lest] you say, "It was only that our fathers associated [others in worship] with Allah before, and we were but descendants after them. Then would You destroy us for what the falsifiers have done?" ([7] Al-A'raf : 173)