وَمَا بِكُمْ مِّنْ نِّعْمَةٍ فَمِنَ اللّٰهِ ثُمَّ اِذَا مَسَّكُمُ الضُّرُّ فَاِلَيْهِ تَجْـَٔرُوْنَۚ ( النحل: ٥٣ )
And whatever
وَمَا
और जो भी है
you have
بِكُم
तुम्हारे पास
of
مِّن
कोई नेअमत
favor
نِّعْمَةٍ
कोई नेअमत
(is) from
فَمِنَ
पस अल्लाह की तरफ़ से है
Allah
ٱللَّهِۖ
पस अल्लाह की तरफ़ से है
Then
ثُمَّ
फिर
when
إِذَا
जब
touches you
مَسَّكُمُ
पहुँचती है तुम्हें
the adversity
ٱلضُّرُّ
तकलीफ़
then to Him
فَإِلَيْهِ
तो तरफ़ उसी के
you cry for help
تَجْـَٔرُونَ
तुम फ़रयाद करते हो
Wama bikum min ni'matin famina Allahi thumma itha massakumu alddurru failayhi tajaroona (an-Naḥl 16:53)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम्हारे पास जो भी नेमत है वह अल्लाह ही की ओर से है। फिर जब तुम्हे कोई तकलीफ़ पहुँचती है, तो तुम उसी से फ़रियाद करते हो
English Sahih:
And whatever you have of favor – it is from Allah. Then when adversity touches you, to Him you cry for help. ([16] An-Nahl : 53)