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وَتَحْمِلُ اَثْقَالَكُمْ اِلٰى بَلَدٍ لَّمْ تَكُوْنُوْا بٰلِغِيْهِ اِلَّا بِشِقِّ الْاَنْفُسِۗ اِنَّ رَبَّكُمْ لَرَءُوْفٌ رَّحِيْمٌۙ  ( النحل: ٧ )

And they carry
وَتَحْمِلُ
और वो उठा ले जाते हैं
your loads
أَثْقَالَكُمْ
बोझ तुम्हारे
to
إِلَىٰ
तरफ़ उस शहर के
a land
بَلَدٍ
तरफ़ उस शहर के
not
لَّمْ
ना
you could
تَكُونُوا۟
थे तुम
reach it
بَٰلِغِيهِ
पहुँचने वाले उस तक
except
إِلَّا
मगर
with great trouble
بِشِقِّ
साथ मशक़्क़त के
(to) yourselves
ٱلْأَنفُسِۚ
जानों की
Indeed
إِنَّ
बेशक
your Lord
رَبَّكُمْ
रब तुम्हारा
surely is Most Kind
لَرَءُوفٌ
अलबत्ता बहुत शफ़क़त करने वाला है
Most Merciful
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Watahmilu athqalakum ila baladin lam takoonoo baligheehi illa bishiqqi alanfusi inna rabbakum laraoofun raheemun (an-Naḥl 16:7)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे तुम्हारे बोझ ढोकर ऐसे भूभाग तक ले जाते हैं, जहाँ तुम जी-तोड़ परिश्रम के बिना नहीं पहुँच सकते थे। निस्संदेह तुम्हारा रब बड़ा ही करुणामय, दयावान है

English Sahih:

And they carry your loads to a land you could not have reached except with difficulty to yourselves. Indeed, your Lord is Kind and Merciful. ([16] An-Nahl : 7)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो उनकी वजह से तुम्हारी रौनक़ भी है और जिन शहरों तक बग़ैर बड़ी जान ज़ोख़म में डाले बगैर के पहुँच न सकते थे वहाँ तक ये चौपाए भी तुम्हारे बोझे भी उठा लिए फिरते हैं इसमें शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार बड़ा शफीक़ मेहरबान है