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قُلْ لَّوْ كَانَ الْبَحْرُ مِدَادًا لِّكَلِمٰتِ رَبِّيْ لَنَفِدَ الْبَحْرُ قَبْلَ اَنْ تَنْفَدَ كَلِمٰتُ رَبِّيْ وَلَوْ جِئْنَا بِمِثْلِهٖ مَدَدًا   ( الكهف: ١٠٩ )

Say
قُل
कह दीजिए
"If
لَّوْ
अगर
were
كَانَ
हो जाए
the sea
ٱلْبَحْرُ
समन्दर (का पानी)
ink
مِدَادًا
रोशनाई
for (the) Words
لِّكَلِمَٰتِ
कलिमात के लिए
(of) my Lord
رَبِّى
मेरे रब के
surely (would be) exhausted
لَنَفِدَ
अलबत्ता ख़त्म हो जाए
the sea
ٱلْبَحْرُ
समन्दर (का पानी)
before
قَبْلَ
इससे पहले
[that]
أَن
कि
(were) exhausted
تَنفَدَ
ख़त्म हों
(the) Words
كَلِمَٰتُ
कलिमात
(of) my Lord
رَبِّى
मेरे रब के
even if
وَلَوْ
और अगरचे
We brought
جِئْنَا
लाऐं हम
(the) like (of) it
بِمِثْلِهِۦ
मानिन्द इसके
(as) a supplement"
مَدَدًا
मदद (मज़ीद)

Qul law kana albahru midadan likalimati rabbee lanafida albahru qabla an tanfada kalimatu rabbee walaw jina bimithlihi madadan (al-Kahf 18:109)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो, 'यदि समुद्र मेरे रब के बोल को लिखने के लिए रोशनाई हो जाए तो इससे पहले कि मेरे रब के बोल समाप्त हों, समुद्र ही समाप्त हो जाएगा। यद्यपि हम उसके सदृश्य एक और भी समुद्र उसके साथ ला मिलाएँ।'

English Sahih:

Say, "If the sea were ink for [writing] the words of my Lord, the sea would be exhausted before the words of my Lord were exhausted, even if We brought the like of it in [continual] supplement." ([18] Al-Kahf : 109)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल उन लोगों से) कहो कि अगर मेरे परवरदिगार की बातों के (लिखने के) वास्ते समन्दर (का पानी) भी सियाही बन जाए तो क़ब्ल उसके कि मेरे परवरदिगार की बातें ख़त्म हों समन्दर ही ख़त्म हो जाएगा अगरचे हम वैसा ही एक समन्दर उस की मदद को लाँए