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اَنِ اقْذِفِيْهِ فِى التَّابُوْتِ فَاقْذِفِيْهِ فِى الْيَمِّ فَلْيُلْقِهِ الْيَمُّ بِالسَّاحِلِ يَأْخُذْهُ عَدُوٌّ لِّيْ وَعَدُوٌّ لَّهٗ ۗوَاَلْقَيْتُ عَلَيْكَ مَحَبَّةً مِّنِّيْ ەۚ وَلِتُصْنَعَ عَلٰى عَيْنِيْ ۘ  ( طه: ٣٩ )

"That
أَنِ
कि
cast him
ٱقْذِفِيهِ
डाल दे इसे
in
فِى
ताबूत में
the chest
ٱلتَّابُوتِ
ताबूत में
then cast it
فَٱقْذِفِيهِ
फिर डाल दे उसे
in
فِى
दरिया में
the river
ٱلْيَمِّ
दरिया में
then let cast it
فَلْيُلْقِهِ
फिर ज़रूर डाल देगा उसे
the river
ٱلْيَمُّ
दरिया
on the bank;
بِٱلسَّاحِلِ
साहिल पर
will take him
يَأْخُذْهُ
पकड़ लेगा उसे
an enemy
عَدُوٌّ
दुश्मन
to Me
لِّى
मेरा
and an enemy
وَعَدُوٌّ
और दुश्मन
to him'"
لَّهُۥۚ
उसका
And I cast
وَأَلْقَيْتُ
और डाल दी मैंने
over you
عَلَيْكَ
तुझ पर
love
مَحَبَّةً
मोहब्बत
from Me
مِّنِّى
अपनी तरफ़ से
and that you may be brought up
وَلِتُصْنَعَ
और ताकि तू परवरिश किया जाए
under
عَلَىٰ
मेरी आँखों के सामने
My Eye
عَيْنِىٓ
मेरी आँखों के सामने

Ani iqthifeehi fee alttabooti faiqthifeehi fee alyammi falyulqihi alyammu bialssahili yakhuthhu 'aduwwun lee wa'aduwwun lahu waalqaytu 'alayka mahabbatan minnee walitusna'a 'ala 'aynee (Ṭāʾ Hāʾ 20:39)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कि उसको सन्दूक में रख दे; फिर उसे दरिया में डाल दे; फिर दरिया उसे तट पर डाल दे कि उसे मेरा शत्रु और उसका शत्रु उठा ले। मैंने अपनी ओर से तुझपर अपना प्रेम डाला। (ताकि तू सुरक्षित रहे) और ताकि मेरी आँख के सामने तेरा पालन-पोषण हो

English Sahih:

[Saying], 'Cast him into the chest and cast it into the river, and the river will throw it onto the bank; there will take him an enemy to Me and an enemy to him.' And I bestowed upon you love from Me that you would be brought up under My eye [i.e., observation and care]. ([20] Taha : 39)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

कि तुम इसे (मूसा को) सन्दूक़ में रखकर सन्दूक़ को दरिया में डाल दो फिर दरिया उसे ढकेल कर किनारे डाल देगा कि मूसा को मेरा दुशमन और मूसा का दुशमन (फिरऔन) उठा लेगा और मैंने तुम पर अपनी मोहब्बत को डाल दिया जो देखता (प्यार करता) ताकि तुम मेरी ख़ास निगरानी में पाले पोसे जाओ