और तुम पहाड़ों को देखकर समझते हो कि वे जमे हुए है, हालाँकि वे चल रहे होंगे, जिस प्रकार बादल चलते है। यह अल्लाह की कारीगरी है, जिसने हर चीज़ को सुदृढ़ किया। निस्संदेह वह उसकी ख़बर रखता है, जो कुछ तुम करते हो
English Sahih:
And you see the mountains, thinking them motionless, while they will pass as the passing of clouds. [It is] the work of Allah, who perfected all things. Indeed, He is Aware of that which you do. ([27] An-Naml : 88)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और तुम पहाड़ों को देखकर उन्हें मज़बूर जमे हुए समझतें हो हालाकि ये (क़यामत के दिन) बादल की तरह उड़े उडे फ़िरेगें (ये भी) ख़ुदा की कारीगरी है कि जिसने हर चीज़ को ख़ूब मज़बूत बनाया है बेशक जो कुछ तुम लोग करते हो उससे वह ख़ूब वाक़िफ़ है
2 Azizul-Haqq Al-Umary
और तुम देखते हो पर्वतों को, तो उन्हें समझते हो स्थिर (अचल) हैं, जबकि वे उस दिन उड़ेंगे बादल के समान, ये अल्लाह की रचना है, जिसने सुदृढ़ किया है प्रत्येक चीज़ को, निश्चय वह भली-भाँति सूचित है उससे, जो तुम कर रहे हो।