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وَاِنْ نَّشَأْ نُغْرِقْهُمْ فَلَا صَرِيْخَ لَهُمْ وَلَاهُمْ يُنْقَذُوْنَۙ  ( يس: ٤٣ )

And if
وَإِن
और अगर
We will
نَّشَأْ
हम चाहें
We could drown them;
نُغْرِقْهُمْ
हम ग़र्क़ कर दें उन्हें
then not
فَلَا
तो नहीं
(would be) a responder to a cry
صَرِيخَ
कोई फ़रियाद रस
for them
لَهُمْ
उनके लिए
and not
وَلَا
और ना
they
هُمْ
वो
would be saved
يُنقَذُونَ
वो बचाए जा सकेंगे

Wain nasha nughriqhum fala sareekha lahum wala hum yunqathoona (Yāʾ Sīn 36:43)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यदि हम चाहें तो उन्हें डूबो दें। फिर न तो उनकी कोई चीख-पुकार हो और न उन्हें बचाया जा सके

English Sahih:

And if We should will, We could drown them; then no one responding to a cry would there be for them, nor would they be saved ([36] Ya-Sin : 43)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिन पर ये लोग सवार हुआ करते हैं और अगर हम चाहें तो उन सब लोगों को डुबा मारें फिर न कोई उन का फरियाद रस होगा और न वह लोग छुटकारा ही पा सकते हैं