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وَمَا خَلَقْنَا السَّمَاۤءَ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا بَاطِلًا ۗذٰلِكَ ظَنُّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا فَوَيْلٌ لِّلَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنَ النَّارِۗ  ( ص: ٢٧ )

And not
وَمَا
और नहीं
We created
خَلَقْنَا
पैदा किया हमने
the heaven
ٱلسَّمَآءَ
आसमान
and the earth
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
and whatever
وَمَا
और जो
(is) between them
بَيْنَهُمَا
उन दोनों के दर्मियान है
without purpose
بَٰطِلًاۚ
बातिल
That
ذَٰلِكَ
ये
(is the) assumption
ظَنُّ
गुमान है
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनका जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟ۚ
कुफ़्र किया
So woe
فَوَيْلٌ
पस हलाकत है
to those
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जिन्होंने
who disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
from
مِنَ
आग से
the Fire
ٱلنَّارِ
आग से

Wama khalaqna alssamaa waalarda wama baynahuma batilan thalika thannu allatheena kafaroo fawaylun lillatheena kafaroo mina alnnari (Ṣād 38:27)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने आकाश और धरती को और जो कुछ उनके बीच है, व्यर्थ नहीं पैदा किया। यह तो उन लोगों का गुमान है जिन्होंने इनकार किया। अतः आग में झोंके जाने के कारण इनकार करनेवालों की बड़ी दुर्गति है

English Sahih:

And We did not create the heaven and the earth and that between them aimlessly. That is the assumption of those who disbelieve, so woe to those who disbelieve from the Fire. ([38] Sad : 27)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने आसमान और ज़मीन और जो चीज़ें उन दोनों के दरमियान हैं बेकार नहीं पैदा किया ये उन लोगों का ख्याल है जो काफ़िर हो बैठे तो जो लोग दोज़ख़ के मुनकिर हैं उन पर अफ़सोस है