وَيَقُوْلُ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَهٰٓؤُلَاۤءِ الَّذِيْنَ اَقْسَمُوْا بِاللّٰهِ جَهْدَ اَيْمَانِهِمْۙ اِنَّهُمْ لَمَعَكُمْۗ حَبِطَتْ اَعْمَالُهُمْ فَاَصْبَحُوْا خٰسِرِيْنَ ( المائدة: ٥٣ )
And will say
وَيَقُولُ
और कहते हैं
those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
believe
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए
"Are these
أَهَٰٓؤُلَآءِ
क्या ये हैं
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
swore
أَقْسَمُوا۟
क़समें खाईं
by Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह की
strongest
جَهْدَ
पक्की
(of) their oaths
أَيْمَٰنِهِمْۙ
क़समें अपनी
indeed they
إِنَّهُمْ
कि बेशक वो
(were) with you?"
لَمَعَكُمْۚ
अलबत्ता साथ हैं तुम्हारे
Became worthless
حَبِطَتْ
ज़ाया हो गए
their deeds
أَعْمَٰلُهُمْ
आमाल उनके
and they became
فَأَصْبَحُوا۟
पस वो हो गए
(the) losers
خَٰسِرِينَ
ख़सारा पाने वाले
Wayaqoolu allatheena amanoo ahaolai allatheena aqsamoo biAllahi jahda aymanihim innahum lama'akum habitat a'maluhum faasbahoo khasireena (al-Māʾidah 5:53)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उस समय ईमानवाले कहेंगे, 'क्या ये वही लोग है जो अल्लाह की कड़ी-कड़ी क़समें खाकर विश्वास दिलाते थे कि हम तुम्हारे साथ है?' इनका किया-धरा सब अकारथ गया और ये घाटे में पड़कर रहे
English Sahih:
And those who believe will say, "Are these the ones who swore by Allah their strongest oaths that indeed they were with you?" Their deeds have become worthless, and they have become losers. ([5] Al-Ma'idah : 53)