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لَوْلَا يَنْهٰىهُمُ الرَّبَّانِيُّوْنَ وَالْاَحْبَارُ عَنْ قَوْلِهِمُ الْاِثْمَ وَاَكْلِهِمُ السُّحْتَۗ لَبِئْسَ مَا كَانُوْا يَصْنَعُوْنَ  ( المائدة: ٦٣ )

Why (do) not
لَوْلَا
क्यों नहीं
forbid them
يَنْهَىٰهُمُ
रोकते उन्हें
the Rabbis
ٱلرَّبَّٰنِيُّونَ
रब्बानी/रब वाले
and the religious scholars
وَٱلْأَحْبَارُ
और उलेमा
from
عَن
उनके क़ौल से
their saying
قَوْلِهِمُ
उनके क़ौल से
the sinful
ٱلْإِثْمَ
गुनाह के
and their eating
وَأَكْلِهِمُ
और उनके खाने से
(of) the forbidden?
ٱلسُّحْتَۚ
हराम को
Surely evil
لَبِئْسَ
अलबत्ता कितना बुरा है
(is) what
مَا
जो
they used to
كَانُوا۟
थे वो
do
يَصْنَعُونَ
वो करते/बनाते

Lawla yanhahumu alrrabbaniyyoona waalahbaru 'an qawlihimu alithma waaklihimu alssuhta labisa ma kanoo yasna'oona (al-Māʾidah 5:63)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके सन्त और धर्मज्ञाता उन्हें गुनाह की बात बकने और हराम खाने से क्यों नहीं रोकते? निश्चय ही बहुत बुरा है जो काम वे कर रहे है

English Sahih:

Why do the rabbis and religious scholars not forbid them from saying what is sinful and devouring what is unlawful? How wretched is what they have been practicing. ([5] Al-Ma'idah : 63)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उनको अल्लाह वाले और उलेमा झूठ बोलने और हरामख़ोरी से क्यों नहीं रोकते जो (दरगुज़र) ये लोग करते हैं यक़ीनन बहुत ही बुरी है