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قُلْ لَّوْ اَنَّ عِنْدِيْ مَا تَسْتَعْجِلُوْنَ بِهٖ لَقُضِيَ الْاَمْرُ بَيْنِيْ وَبَيْنَكُمْ ۗوَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِالظّٰلِمِيْنَ   ( الأنعام: ٥٨ )

Say
قُل
कह दीजिए
"If
لَّوْ
अगर
that
أَنَّ
बेशक
(were) with me
عِندِى
मेरे पास (होता)
what
مَا
वो जो
you seek to hasten
تَسْتَعْجِلُونَ
तुम जल्द तलब कर रहे हो
of it
بِهِۦ
उसे
surely would have been decided
لَقُضِىَ
अलबत्ता फ़ैसला कर दिया जाता
the matter
ٱلْأَمْرُ
मामले का
between me
بَيْنِى
दर्मियान मेरे
and between you
وَبَيْنَكُمْۗ
और दर्मियान तुम्हारे
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) most knowing
أَعْلَمُ
ख़ूब जानता है
of the wrongdoers
بِٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों को

Qul law anna 'indee ma tasta'jiloona bihi laqudiya alamru baynee wabaynakum waAllahu a'lamu bialththalimeena (al-ʾAnʿām 6:58)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कह दो, 'जिस चीज़ की तुम्हें जल्दी पड़ी हुई है, यदि कहीं वह चीज़ मेरे पास होती तो मेरे और तुम्हारे बीच कभी का फ़ैसला हो चुका होता। और अल्लाह अत्याचारियों को भली-भाती जानता है।'

English Sahih:

Say, "If I had that for which you are impatient, the matter would have been decided between me and you, but Allah is most knowing of the wrongdoers." ([6] Al-An'am : 58)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(उन लोगों से) कह दो कि जिस (अज़ाब) की तुम जल्दी करते हो अगर वह मेरे पास (एख्तियार में) होता तो मेरे और तुम्हारे दरमियान का फैसला कब का चुक गया होता और ख़ुदा तो ज़ालिमों से खूब वाक़िफ है