مَتَاعٌ قَلِيْلٌ ۗ ثُمَّ مَأْوٰىهُمْ جَهَنَّمُ ۗوَبِئْسَ الْمِهَادُ ( آل عمران: ١٩٧ )
An enjoyment
مَتَٰعٌ
फ़ायदा उठाना है
little
قَلِيلٌ
थोड़ा सा
then
ثُمَّ
फिर
their abode
مَأْوَىٰهُمْ
ठिकाना उनका
(is) hell -
جَهَنَّمُۚ
जहन्नम है
[and] a wretched
وَبِئْسَ
और कितना बुरा है
[the] resting place
ٱلْمِهَادُ
ठिकाना
Mata'un qaleelun thumma mawahum jahannamu wabisa almihadu (ʾĀl ʿImrān 3:197)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह तो थोड़ी सुख-सामग्री है फिर तो उनका ठिकाना जहन्नम है, और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है
English Sahih:
[It is but] a small enjoyment; then their [final] refuge is Hell, and wretched is the resting place. ([3] Ali 'Imran : 197)