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ذٰلِكَ نَتْلُوْهُ عَلَيْكَ مِنَ الْاٰيٰتِ وَالذِّكْرِ الْحَكِيْمِ   ( آل عمران: ٥٨ )

That
ذَٰلِكَ
ये
(is what) We recite [it]
نَتْلُوهُ
हम तिलावत कर रहे हैं उसे
to you
عَلَيْكَ
आप पर
of
مِنَ
आयात में से
the Verses
ٱلْءَايَٰتِ
आयात में से
and the Reminder -
وَٱلذِّكْرِ
और ज़िक्र
[the] Wise
ٱلْحَكِيمِ
बहुत हिकमत वाले से

Thalika natloohu 'alayka mina alayati waalththikri alhakeemi (ʾĀl ʿImrān 3:58)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ये आयतें है और हिकमत (तत्वज्ञान) से परिपूर्ण अनुस्मारक, जो हम तुम्हें सुना रहे हैं

English Sahih:

This is what We recite to you, [O Muhammad], of [Our] verses and the precise [and wise] message [i.e., the Quran]. ([3] Ali 'Imran : 58)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) ये जो हम तुम्हारे सामने बयान कर रहे हैं कुदरते ख़ुदा की निशानियॉ और हिकमत से भरे हुये तज़किरे हैं