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ثُمَّ
फिर
أَمَاتَهُۥ
उसने मौत दी उसे
فَأَقْبَرَهُۥ
फिर उसने क़ब्र दी उसे

Thumma amatahu faaqbarahu

फिर उसे मृत्यु दी और क्रब में उसे रखवाया,

Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ
फिर
إِذَا
जब
شَآءَ
वो चाहेगा
أَنشَرَهُۥ
वो उठा खड़ा करेगा उसे

Thumma itha shaa ansharahu

फिर जब चाहेगा उसे (जीवित करके) उठा खड़ा करेगा। -

Tafseer (तफ़सीर )

كَلَّا
हरगिज़ नहीं
لَمَّا
अभी तक नहीं
يَقْضِ
उसने पूरा किया
مَآ
जो
أَمَرَهُۥ
उसने हुक्म दिया था उसे

Kalla lamma yaqdi ma amarahu

कदापि नहीं, उसने उसको पूरा नहीं किया जिसका आदेश अल्लाह ने उसे दिया है

Tafseer (तफ़सीर )

فَلْيَنظُرِ
पस चाहिए कि देखे
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
إِلَىٰ
तरफ़ अपने खाने के
طَعَامِهِۦٓ
तरफ़ अपने खाने के

Falyanthuri alinsanu ila ta'amihi

अतः मनुष्य को चाहिए कि अपने भोजन को देखे,

Tafseer (तफ़सीर )

أَنَّا
बेशक हम
صَبَبْنَا
उँडेला हमने
ٱلْمَآءَ
पानी
صَبًّا
ख़ूब उँडेलना

Anna sababna almaa sabban

कि हमने ख़ूब पानी बरसाया,

Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ
फिर
شَقَقْنَا
फाड़ी हमने
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन
شَقًّا
ख़ूब फाड़ना

Thumma shaqaqna alarda shaqqan

फिर धरती को विशेष रूप से फाड़ा,

Tafseer (तफ़सीर )

فَأَنۢبَتْنَا
फिर उगाया हमने
فِيهَا
उसमें
حَبًّا
ग़ल्ला

Faanbatna feeha habban

फिर हमने उसमें उगाए अनाज,

Tafseer (तफ़सीर )

وَعِنَبًا
और उंगूर
وَقَضْبًا
और तरकारी

Wa'inaban waqadban

और अंगूर और तरकारी,

Tafseer (तफ़सीर )

وَزَيْتُونًا
और ज़ैतून
وَنَخْلًا
और खजूर

Wazaytoonan wanakhlan

और ज़ैतून और खजूर,

Tafseer (तफ़सीर )

وَحَدَآئِقَ
और बाग़ात
غُلْبًا
घने

Wahadaiqa ghulban

और घने बाग़,

Tafseer (तफ़सीर )