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سَابِقُوٓا۟
दौड़ो
إِلَىٰ
तरफ़ बख़्शिश के
مَغْفِرَةٍ
तरफ़ बख़्शिश के
مِّن
अपने रब की
رَّبِّكُمْ
अपने रब की
وَجَنَّةٍ
और जन्नत के
عَرْضُهَا
चौड़ाई जिसकी
كَعَرْضِ
जैसे चौड़ाई
ٱلسَّمَآءِ
आसमान
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन की
أُعِدَّتْ
वो तैयार की गई
لِلَّذِينَ
उनके लिए जो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
وَرُسُلِهِۦۚ
और उसके रसूलों पर
ذَٰلِكَ
ये
فَضْلُ
फ़ज़ल है
ٱللَّهِ
अल्लाह का
يُؤْتِيهِ
वो अता करता है उसे
مَن
जिसे
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ذُو
फ़ज़ल वाल है
ٱلْفَضْلِ
फ़ज़ल वाल है
ٱلْعَظِيمِ
बहुत बड़े

Sabiqoo ila maghfiratin min rabbikum wajannatin 'arduha ka'ardi alssamai waalardi o'iddat lillatheena amanoo biAllahi warusulihi thalika fadlu Allahi yuteehi man yashao waAllahu thoo alfadli al'atheemi

अपने रब की क्षमा और उस जन्नत की ओर अग्रसर होने में एक-दूसरे से बाज़ी ले जाओ, जिसका विस्तार आकाश और धरती के विस्तार जैसा है, जो उन लोगों के लिए तैयार की गई है जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाए हों। यह अल्लाह का उदार अनुग्रह है, जिसे चाहता है प्रदान करता है। अल्लाह बड़े उदार अनुग्रह का मालिक है

Tafseer (तफ़सीर )

مَآ
नहीं
أَصَابَ
पहुँचती
مِن
कोई मुसीबत
مُّصِيبَةٍ
कोई मुसीबत
فِى
ज़मीन में
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
وَلَا
और ना
فِىٓ
तुम्हारे नफ़्सों में
أَنفُسِكُمْ
तुम्हारे नफ़्सों में
إِلَّا
मगर
فِى
एक किताब में है
كِتَٰبٍ
एक किताब में है
مِّن
इससे पहले
قَبْلِ
इससे पहले
أَن
कि
نَّبْرَأَهَآۚ
हम पैदा करें उसे
إِنَّ
बेशक
ذَٰلِكَ
ये
عَلَى
अल्लाह पर
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
يَسِيرٌ
बहुत आसान है

Ma asaba min museebatin fee alardi wala fee anfusikum illa fee kitabin min qabli an nabraaha inna thalika 'ala Allahi yaseerun

जो मुसीबतें भी धरती में आती है और तुम्हारे अपने ऊपर, वह अनिवार्यतः एक किताब में अंकित है, इससे पहले कि हम उसे अस्तित्व में लाएँ - निश्चय ही यह अल्लाह के लिए आसान है -

Tafseer (तफ़सीर )

لِّكَيْلَا
ताकि ना
تَأْسَوْا۟
तुम अफ़सोस करो
عَلَىٰ
उस पर जो
مَا
उस पर जो
فَاتَكُمْ
खो जाए तुमसे
وَلَا
और ना
تَفْرَحُوا۟
तुम इतराओ
بِمَآ
उस पर जो
ءَاتَىٰكُمْۗ
उसने दिया तुम्हें
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
لَا
नहीं
يُحِبُّ
वो पसंद करता
كُلَّ
हर
مُخْتَالٍ
ख़ुदपसंद
فَخُورٍ
फ़ख़्र करने वाले को

Likayla tasaw 'ala ma fatakum wala tafrahoo bima atakum waAllahu la yuhibbu kulla mukhtalin fakhoorin

(यह बात तुम्हें इसलिए बता दी गई) ताकि तुम उस चीज़ का अफ़सोस न करो जो तुम पर जाती रहे और न उसपर फूल जाओ जो उसने तुम्हें प्रदान की हो। अल्लाह किसी इतरानेवाले, बड़ाई जतानेवाले को पसन्द नहीं करता

Tafseer (तफ़सीर )

ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
يَبْخَلُونَ
बुख़्ल करते हैं
وَيَأْمُرُونَ
और वो हुक्म देते हैं
ٱلنَّاسَ
लोगों को
بِٱلْبُخْلِۗ
बुख़्ल का
وَمَن
और जो कोई
يَتَوَلَّ
मुँह फेरता है
فَإِنَّ
तो बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
هُوَ
वो ही है
ٱلْغَنِىُّ
बहुत बेनियाज़
ٱلْحَمِيدُ
ख़ूब तारीफ़ वाला

Allatheena yabkhaloona wayamuroona alnnasa bialbukhli waman yatawalla fainna Allaha huwa alghaniyyu alhameedu

जो स्वयं कंजूसी करते है और लोगों को भी कंजूसी करने पर उकसाते है, और जो कोई मुँह मोड़े तो अल्लाह तो निस्पृह प्रशंसनीय है

Tafseer (तफ़सीर )

لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
رُسُلَنَا
अपने रसूलों को
بِٱلْبَيِّنَٰتِ
साथ वाज़ेह निशानियों के
وَأَنزَلْنَا
और नाज़िल की हमने
مَعَهُمُ
साथ उनके
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
وَٱلْمِيزَانَ
और मीज़ान
لِيَقُومَ
ताकि क़ायम हों
ٱلنَّاسُ
लोग
بِٱلْقِسْطِۖ
इन्साफ़ पर
وَأَنزَلْنَا
और उतारा हमने
ٱلْحَدِيدَ
लोहा
فِيهِ
जिसमें
بَأْسٌ
ज़ोर है
شَدِيدٌ
सख़्त
وَمَنَٰفِعُ
और कई फ़ायदे हैं
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
وَلِيَعْلَمَ
और ताकि जान ले
ٱللَّهُ
अल्लाह
مَن
कौन
يَنصُرُهُۥ
मदद करता है उसकी
وَرُسُلَهُۥ
और उसके रसूलों की
بِٱلْغَيْبِۚ
ग़ायबाना
إِنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
قَوِىٌّ
बहुत क़ुव्वत वाला है
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है

Laqad arsalna rusulana bialbayyinati waanzalna ma'ahumu alkitaba waalmeezana liyaqooma alnnasu bialqisti waanzalna alhadeeda feehi basun shadeedun wamanafi'u lilnnasi waliya'lama Allahu man yansuruhu warusulahu bialghaybi inna Allaha qawiyyun 'azeezun

निश्चय ही हमने अपने रसूलों को स्पष्ट प्रमाणों के साथ भेजा और उनके लिए किताब और तुला उतारी, ताकि लोग इनसाफ़ पर क़ायम हों। और लोहा भी उतारा, जिसमें बड़ी दहशत है और लोगों के लिए कितने ही लाभ है., और (किताब एवं तुला इसलिए भी उतारी) ताकि अल्लाह जान ले कि कौन परोक्ष में रहते हुए उसकी और उसके रसूलों की सहायता करता है। निश्चय ही अल्लाह शक्तिशाली, प्रभुत्वशाली है

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
نُوحًا
नूह
وَإِبْرَٰهِيمَ
और इब्राहीम को
وَجَعَلْنَا
और रखी हमने
فِى
उन दोनों की औलाद में
ذُرِّيَّتِهِمَا
उन दोनों की औलाद में
ٱلنُّبُوَّةَ
नुबूव्वत
وَٱلْكِتَٰبَۖ
और किताब
فَمِنْهُم
तो कुछ उनमें से
مُّهْتَدٍۖ
हिदायत याफ़्ता हैं
وَكَثِيرٌ
और अक्सर
مِّنْهُمْ
उनमें से
فَٰسِقُونَ
फ़ासिक़ हैं

Walaqad arsalna noohan waibraheema waja'alna fee thurriyyatihima alnnubuwwata waalkitaba faminhum muhtadin wakatheerun minhum fasiqoona

हमने नूह और इबराहीम को भेजा और उन दोनों की सन्तान में पैग़म्बरी और क़िताब रख दी। फिर उनमें से किसी ने तो संमार्ग अपनाया; किन्तु उनमें से अधिकतर अवज्ञाकारी थे

Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ
फिर
قَفَّيْنَا
पै दर पै भेजे हमने
عَلَىٰٓ
उनके आसार पर
ءَاثَٰرِهِم
उनके आसार पर
بِرُسُلِنَا
अपने रसूल
وَقَفَّيْنَا
और पीछे भेजा हमने
بِعِيسَى
ईसा इब्ने मरियम को
ٱبْنِ
ईसा इब्ने मरियम को
مَرْيَمَ
ईसा इब्ने मरियम को
وَءَاتَيْنَٰهُ
और अता किया हमने उसे
ٱلْإِنجِيلَ
इन्जील
وَجَعَلْنَا
और डाल दी हमने
فِى
दिलों में
قُلُوبِ
दिलों में
ٱلَّذِينَ
उन लोगों के जिन्होंने
ٱتَّبَعُوهُ
पैरवी की उसकी
رَأْفَةً
शफ़्क़त
وَرَحْمَةً
और रहमत को
وَرَهْبَانِيَّةً
और रहबानियत/तर्क दुनिया
ٱبْتَدَعُوهَا
उन्होंने ईजाद कर लिया उसे
مَا
नहीं फ़र्ज़ किया था हमने उसे
كَتَبْنَٰهَا
नहीं फ़र्ज़ किया था हमने उसे
عَلَيْهِمْ
उन पर
إِلَّا
मगर
ٱبْتِغَآءَ
हासिल करने को
رِضْوَٰنِ
रज़ा
ٱللَّهِ
अल्लाह की
فَمَا
तो नहीं
رَعَوْهَا
उन्होंने ख़्याल रखा उसका
حَقَّ
जैसे हक़ था
رِعَايَتِهَاۖ
उसका ख़्याल रखने का
فَـَٔاتَيْنَا
तो दिया हमने
ٱلَّذِينَ
उन लोगों को जो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
مِنْهُمْ
उनमें से
أَجْرَهُمْۖ
अजर उनका
وَكَثِيرٌ
और अक्सर
مِّنْهُمْ
उनमें से
فَٰسِقُونَ
फ़ासिक़ हैं

Thumma qaffayna 'ala atharihim birusulina waqaffayna bi'eesa ibni maryama waataynahu alinjeela waja'alna fee quloobi allatheena ittaba'oohu rafatan warahmatan warahbaniyyatan ibtada'ooha ma katabnaha 'alayhim illa ibtighaa ridwani Allahi fama ra'awha haqqa ri'ayatiha faatayna allatheena amanoo minhum ajrahum wakatheerun minhum fasiqoona

फिर उनके पीछ उन्हीं के पद-चिन्हों पर हमने अपने दूसरे रसूलों को भेजा और हमने उनके पीछे मरयम के बेटे ईसा को भेजा और उसे इंजील प्रदान की। और जिन लोगों ने उसका अनुसरण किया, उनके दिलों में हमने करुणा और दया रख दी। रहा संन्यास, तो उसे उन्होंने स्वयं घड़ा था। हमने उसे उनके लिए अनिवार्य नहीं किया था, यदि अनिवार्य किया था तो केवल अल्लाह की प्रसन्नता की चाहत। फिर वे उसका निर्वाह न कर सकें, जैसा कि उनका निर्वाह करना चाहिए था। अतः उन लोगों को, जो उनमें से वास्तव में ईमान लाए थे, उनका बदला हमने (उन्हें) प्रदान किया। किन्तु उनमें से अधिकतर अवज्ञाकारी ही है

Tafseer (तफ़सीर )

يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगों जो
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगों जो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
ٱتَّقُوا۟
डरो
ٱللَّهَ
अल्लाह से
وَءَامِنُوا۟
और ईमान लाओ
بِرَسُولِهِۦ
उसके रसूल पर
يُؤْتِكُمْ
वो देगा तुम्हें
كِفْلَيْنِ
दो हिस्से
مِن
अपनी रहमत में से
رَّحْمَتِهِۦ
अपनी रहमत में से
وَيَجْعَل
और वो बना देगा
لَّكُمْ
तुम्हारे लिए
نُورًا
एक नूर
تَمْشُونَ
तुम चलोगे
بِهِۦ
साथ उसके
وَيَغْفِرْ
और वो बख़्श देगा
لَكُمْۚ
तुम्हें
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Ya ayyuha allatheena amanoo ittaqoo Allaha waaminoo birasoolihi yutikum kiflayni min rahmatihi wayaj'al lakum nooran tamshoona bihi wayaghfir lakum waAllahu ghafoorun raheemun

ऐ लोगों, जो ईमान लाए हो! अल्लाह का डर रखो और उसके रसूल पर ईमान लाओ। वह तुम्हें अपनी दयालुता का दोहरा हिस्सा प्रदान करेगा और तुम्हारे लिए एक प्रकाश कर देगा, जिसमें तुम चलोगे और तुम्हें क्षमा कर देगा। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है

Tafseer (तफ़सीर )

لِّئَلَّا
ताकि
يَعْلَمَ
जान लें
أَهْلُ
एहले किताब
ٱلْكِتَٰبِ
एहले किताब
أَلَّا
ये कि नहीं
يَقْدِرُونَ
वो क़ुदरत रखते
عَلَىٰ
किसी चीज़ पर
شَىْءٍ
किसी चीज़ पर
مِّن
फ़ज़ल में से
فَضْلِ
फ़ज़ल में से
ٱللَّهِۙ
अल्लाह के
وَأَنَّ
और बेशक
ٱلْفَضْلَ
फ़ज़ल
بِيَدِ
अल्लाह के हाथ में है
ٱللَّهِ
अल्लाह के हाथ में है
يُؤْتِيهِ
वो देता है उसे
مَن
जिसे
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ذُو
फ़ज़ल वाला है
ٱلْفَضْلِ
फ़ज़ल वाला है
ٱلْعَظِيمِ
बहुत बड़े

Lialla ya'lama ahlu alkitabi alla yaqdiroona 'ala shayin min fadli Allahi waanna alfadla biyadi Allahi yuteehi man yashao waAllahu thoo alfadli al'atheemi

ताकि किताबवाले यह न समझें कि अल्लाह के अनुग्रह में से वे किसी चीज़ पर अधिकार न प्राप्त कर सकेंगे और यह कि अनुग्रह अल्लाह के हाथ में है, जिसे चाहता है प्रदान करता है। अल्लाह बड़े अनुग्रह का मालिक है

Tafseer (तफ़सीर )