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bismillah

وَٱلْمُرْسَلَٰتِ
क़सम है उन हवाओं की जो छोड़ी जाती हैं
عُرْفًا
मुतवातिर

Waalmursalati 'urfan

साक्षी है वे (हवाएँ) जिनकी चोटी छोड़ दी जाती है

Tafseer (तफ़सीर )

فَٱلْعَٰصِفَٰتِ
फिर उनकी जो तेज़ चलती हैं
عَصْفًا
तेज़ चलना

Faal'asifati 'asfan

फिर ख़ूब तेज़ हो जाती है,

Tafseer (तफ़सीर )

وَٱلنَّٰشِرَٰتِ
और उनकी जो फैलाने वाली हैं
نَشْرًا
फैलाना

Waalnnashirati nashran

और (बादलों को) उठाकर फैलाती है,

Tafseer (तफ़सीर )

فَٱلْفَٰرِقَٰتِ
फिर जो जुदा करने वाली हैं
فَرْقًا
जुदा करना

Faalfariqati farqan

फिर मामला करती है अलग-अलग,

Tafseer (तफ़सीर )

فَٱلْمُلْقِيَٰتِ
फिर जो डालने वाली हैं
ذِكْرًا
ज़िक्र को

Faalmulqiyati thikran

फिर पेश करती है याददिहानी

Tafseer (तफ़सीर )

عُذْرًا
उज़्र के तौर पर
أَوْ
या
نُذْرًا
डरावे के तौर पर

'uthran aw nuthran

इल्ज़ाम उतारने या चेतावनी देने के लिए,

Tafseer (तफ़सीर )

إِنَّمَا
बेशक जो
تُوعَدُونَ
तुम वादा किए जाते हो
لَوَٰقِعٌ
अलबत्ता वाक़ेअ होने वाला है

Innama too'adoona lawaqi'un

निस्संदेह जिसका वादा तुमसे किया जा रहा है वह निश्चित ही घटित होकर रहेगा

Tafseer (तफ़सीर )

فَإِذَا
फिर जब
ٱلنُّجُومُ
सितारे
طُمِسَتْ
मिटा दिए जाऐंगे

Faitha alnnujoomu tumisat

अतः जब तारे विलुप्त (प्रकाशहीन) हो जाएँगे,

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذَا
और जब
ٱلسَّمَآءُ
आसमान
فُرِجَتْ
खोला जाएगा

Waitha alssamao furijat

और जब आकाश फट जाएगा

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذَا
और जब
ٱلْجِبَالُ
पहाड़
نُسِفَتْ
उड़ा दिए जाऐंगे

Waitha aljibalu nusifat

और पहाड़ चूर्ण-विचूर्ण होकर बिखर जाएँगे;

Tafseer (तफ़सीर )
कुरान की जानकारी :
अल-मुर्सलत
القرآن الكريم:المرسلات
आयत सजदा (سجدة):-
सूरा (latin):Al-Mursalat
सूरा:77
कुल आयत:50
कुल शब्द:180
कुल वर्ण:816
रुकु:2
वर्गीकरण:मक्कन सूरा
Revelation Order:33
से शुरू आयत:5622