وَٱلَّيْلِ
और रात की
إِذَا
जब
سَجَىٰ
वो छा जाए
Waallayli itha saja
और रात जबकि उसका सन्नाटा छा जाए
مَا
नहीं
وَدَّعَكَ
छोड़ा आपको
رَبُّكَ
आपके रब ने
وَمَا
और ना
قَلَىٰ
वो नाराज़ हुआ
Ma wadda'aka rabbuka wama qala
तुम्हारे रब ने तुम्हें न तो विदा किया और न वह बेज़ार (अप्रसन्न) हुआ
وَلَلْءَاخِرَةُ
और यक़ीनन आख़िरत
خَيْرٌ
बेहतर है
لَّكَ
आपके लिए
مِنَ
पहली (दुनिया) से
ٱلْأُولَىٰ
पहली (दुनिया) से
Walalakhiratu khayrun laka mina aloola
और निश्चय ही बाद में आनेवाली (अवधि) तुम्हारे लिए पहलेवाली से उत्तम है
وَلَسَوْفَ
और यक़ीनन अनक़रीब
يُعْطِيكَ
अता करेगा आपको
رَبُّكَ
रब आपका
فَتَرْضَىٰٓ
तो आप राज़ी हो जाऐंगे
Walasawfa yu'teeka rabbuka fatarda
और शीघ्र ही तुम्हारा रब तुम्हें प्रदान करेगा कि तुम प्रसन्न हो जाओगे
أَلَمْ
क्या नहीं
يَجِدْكَ
उसने पाया आपको
يَتِيمًا
यतीम
فَـَٔاوَىٰ
फिर उसने ठिकान फ़राहम किया
Alam yajidka yateeman faawa
क्या ऐसा नहीं कि उसने तुम्हें अनाथ पाया तो ठिकाना दिया?
وَوَجَدَكَ
और उसने पाया आपको
ضَآلًّا
राह भूला
فَهَدَىٰ
तो उसने रहनुमाई की
Wawajadaka dallan fahada
और तुम्हें मार्ग से अपरिचित पाया तो मार्ग दिखाया?
وَوَجَدَكَ
और उसने पाया आपको
عَآئِلًا
तंग दस्त
فَأَغْنَىٰ
तो उसने ग़नी कर दिया
Wawajadaka 'ailan faaghna
और तुम्हें निर्धन पाया तो समृद्ध कर दिया?
فَأَمَّا
तो रहा
ٱلْيَتِيمَ
यतीम
فَلَا
पस ना
تَقْهَرْ
आप सख़्ती कीजिए(उस पर)
Faamma alyateema fala taqhar
अतः जो अनाथ हो उसे मत दबाना,
وَأَمَّا
और रहा
ٱلسَّآئِلَ
सवाली
فَلَا
पस ना
تَنْهَرْ
आप झिड़कये (उसे)
Waamma alssaila fala tanhar
और जो माँगता हो उसे न झिझकना,
القرآن الكريم: | الضحى |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Ad-Duha |
सूरा: | 93 |
कुल आयत: | 11 |
कुल शब्द: | 40 |
कुल वर्ण: | 172 |
रुकु: | 1 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 11 |
से शुरू आयत: | 6079 |