Ya ayyuha allatheena amanoo la tuqaddimoo bayna yadayi Allahi warasoolihi waittaqoo Allaha inna Allaha samee'un 'aleemun
ऐ ईमानवालो! अल्लाह और उसके रसूल से आगे न बढो और अल्लाह का डर रखो। निश्चय ही अल्लाह सुनता, जानता है
Ya ayyuha allatheena amanoo la tarfa'oo aswatakum fawqa sawti alnnabiyyi wala tajharoo lahu bialqawli kajahri ba'dikum liba'din an tahbata a'malukum waantum la tash'uroona
ऐ लोगो, जो ईमान लाए हो! तुम अपनी आवाज़ों को नबी की आवाज़ से ऊँची न करो। और जिस तरह तुम आपस में एक-दूसरे से ज़ोर से बोलते हो, उससे ऊँची आवाज़ में बात न करो। कहीं ऐसा न हो कि तुम्हारे कर्म अकारथ हो जाएँ और तुम्हें ख़बर भी न हो
Inna allatheena yaghuddoona aswatahum 'inda rasooli Allahi olaika allatheena imtahana Allahu quloobahum lilttaqwa lahum maghfiratun waajrun 'atheemun
वे लोग जो अल्लाह के रसूल के समक्ष अपनी आवाज़ों को दबी रखते है, वही लोग है जिनके दिलों को अल्लाह ने परहेज़गारी के लिए जाँचकर चुन लिया है। उनके लिए क्षमा और बड़ा बदला है
Inna allatheena yunadoonaka min warai alhujurati aktharuhum la ya'qiloona
जो लोग (ऐ नबी) तुम्हें कमरों के बाहर से पुकारते है उनमें से अधिकतर बुद्धि से काम नहीं लेते
Walaw annahum sabaroo hatta takhruja ilayhim lakana khayran lahum waAllahu ghafoorun raheemun
यदि वे धैर्य से काम लेते यहाँ तक कि तुम स्वयं निकलकर उनके पास आ जाते तो यह उनके लिए अच्छा होता। किन्तु अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
Ya ayyuha allatheena amanoo in jaakum fasiqun binabain fatabayyanoo an tuseeboo qawman bijahalatin fatusbihoo 'ala ma fa'altum nadimeena
ऐ लोगों, जो ईमान लाए हो! यदि कोई अवज्ञाकारी तुम्हारे पास कोई ख़बर लेकर आए तो उसकी छानबीन कर लिया करो। कहीं ऐसा न हो कि तुम किसी गिरोह को अनजाने में तकलीफ़ और नुक़सान पहुँचा बैठो, फिर अपने किए पर पछताओ
Wai'lamoo anna feekum rasoola Allahi law yutee'ukum fee katheerin mina alamri la'anittum walakinna Allaha habbaba ilaykumu aleemana wazayyanahu fee quloobikum wakarraha ilaykumu alkufra waalfusooqa waal'isyana olaika humu alrrashidoona
जान लो कि तुम्हारे बीच अल्लाह का रसूल मौजूद है। बहुत-से मामलों में यदि वह तुम्हारी बात मान ले तो तुम कठिनाई में पड़ जाओ। किन्तु अल्लाह ने तुम्हारे लिए ईमान को प्रिय बना दिया और उसे तुम्हारे दिलों में सुन्दरता दे दी और इनकार, उल्लंघन और अवज्ञा को तुम्हारे लिए बहुत अप्रिय बना दिया।
Fadlan mina Allahi wani'matan waAllahu 'aleemun hakeemun
ऐसे ही लोग अल्लाह के उदार अनुग्रह और अनुकम्पा से सूझबूझवाले है। और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है
Wain taifatani mina almumineena iqtataloo faaslihoo baynahuma fain baghat ihdahuma 'ala alokhra faqatiloo allatee tabghee hatta tafeea ila amri Allahi fain faat faaslihoo baynahuma bial'adli waaqsitoo inna Allaha yuhibbu almuqsiteena
यदि मोमिनों में से दो गिरोह आपस में लड़ पड़े तो उनके बीच सुलह करा दो। फिर यदि उनमें से एक गिरोह दूसरे पर ज़्यादती करे, तो जो गिरोह ज़्यादती कर रहा हो उससे लड़ो, यहाँ तक कि वह अल्लाह के आदेश की ओर पलट आए। फिर यदि वह पलट आए तो उनके बीच न्याय के साथ सुलह करा दो, और इनसाफ़ करो। निश्चय ही अल्लाह इनसाफ़ करनेवालों को पसन्द करता है
Innama almuminoona ikhwatun faaslihoo bayna akhawaykum waittaqoo Allaha la'allakum turhamoona
मोमिन तो भाई-भाई ही है। अतः अपने दो भाईयो के बीच सुलह करा दो और अल्लाह का डर रखो, ताकि तुमपर दया की जाए
القرآن الكريم: | الحجرات |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Al-Hujurat |
सूरा: | 49 |
कुल आयत: | 18 |
कुल शब्द: | 343 |
कुल वर्ण: | 1476 |
रुकु: | 2 |
वर्गीकरण: | मदीनन सूरा |
Revelation Order: | 106 |
से शुरू आयत: | 4612 |