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أَرَءَيْتَ
क्या देखा आपने
إِن
अगर
كَانَ
हो वो
عَلَى
हिदायत पर
ٱلْهُدَىٰٓ
हिदायत पर

Araayta in kana 'ala alhuda

तुम्हारा क्या विचार है? यदि वह सीधे मार्ग पर हो,

Tafseer (तफ़सीर )

أَوْ
या
أَمَرَ
वो हुक्म देता हो
بِٱلتَّقْوَىٰٓ
तक़्वा का

Aw amara bialttaqwa

या परहेज़गारी का हुक्म दे (उसके अच्छा होने में क्या संदेह है)

Tafseer (तफ़सीर )

أَرَءَيْتَ
क्या देखा आपने
إِن
अगर
كَذَّبَ
उसने झुठलाया
وَتَوَلَّىٰٓ
और उसने मुँह मोड़ा

Araayta in kaththaba watawalla

तुम्हारा क्या विचार है? यदि उस (रोकनेवाले) ने झुठलाया और मुँह मोड़ा (तो उसके बुरा होने में क्या संदेह है) -

Tafseer (तफ़सीर )

أَلَمْ
क्या नहीं
يَعْلَم
वो जानता
بِأَنَّ
कि बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
يَرَىٰ
देख रहा है

Alam ya'lam bianna Allaha yara

क्या उसने नहीं जाना कि अल्लाह देख रहा है?

Tafseer (तफ़सीर )

كَلَّا
हरगिज़ नहीं
لَئِن
अलबत्ता अगर
لَّمْ
ना
يَنتَهِ
वो बाज़ आया
لَنَسْفَعًۢا
तो हम ज़रूर घसीटेंगे (उसे)
بِٱلنَّاصِيَةِ
पेशानी के (बालों से )

Kalla lain lam yantahi lanasfa'an bialnnasiyati

कदापि नहीं, यदि वह बाज़ न आया तो हम चोटी पकड़कर घसीटेंगे,

Tafseer (तफ़सीर )

نَاصِيَةٍ
पेशानी
كَٰذِبَةٍ
जो झूठी है
خَاطِئَةٍ
ख़ताकार है

Nasiyatin kathibatin khatiatin

झूठी, ख़ताकार चोटी

Tafseer (तफ़सीर )

فَلْيَدْعُ
पस चाहिए कि वो पुकारे
نَادِيَهُۥ
अपनी मजलिस को

Falyad'u nadiyahu

अब बुला ले वह अपनी मजलिस को!

Tafseer (तफ़सीर )

سَنَدْعُ
अनक़रीब हम बुला लेंगे
ٱلزَّبَانِيَةَ
दोज़ख़ के फ़रिश्तों को

Sanad'u alzzabaniyata

हम भी बुलाए लेते है सिपाहियों को

Tafseer (तफ़सीर )

كَلَّا
हरगिज़ नहीं
لَا
ना आप इताअत कीजिए उसकी
تُطِعْهُ
ना आप इताअत कीजिए उसकी
وَٱسْجُدْ
और सजदा कीजिए
وَٱقْتَرِب۩
और क़ुर्ब हासिल कीजिए

Kalla la tuti'hu waosjud waiqtarib

कदापि नहीं, उसकी बात न मानो और सजदे करते और क़रीब होते रहो

Tafseer (तफ़सीर )