مَا
नहीं
كَذَبَ
झूठ बोला
ٱلْفُؤَادُ
दिल ने
مَا
जो कुछ
رَأَىٰٓ
उसने देखा
Ma kathaba alfuadu ma raa
दिल ने कोई धोखा नहीं दिया, जो कुछ उसने देखा;
أَفَتُمَٰرُونَهُۥ
क्या फिर तुम झगड़ते हो उससे
عَلَىٰ
ऊपर उसके जो
مَا
ऊपर उसके जो
يَرَىٰ
वो देखता है
Afatumaroonahu 'ala ma yara
अब क्या तुम उस चीज़ पर झगड़ते हो, जिसे वह देख रहा है? -
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
رَءَاهُ
उसने देखा उसे
نَزْلَةً
एक बार उतरते
أُخْرَىٰ
और भी
Walaqad raahu nazlatan okhra
और निश्चय ही वह उसे एक बार और
عِندَ
पास
سِدْرَةِ
सिदरतुल मुन्तहा के
ٱلْمُنتَهَىٰ
सिदरतुल मुन्तहा के
'inda sidrati almuntaha
'सिदरतुल मुन्तहा' (परली सीमा के बेर) के पास उतरते देख चुका है
عِندَهَا
उसी के पास है
جَنَّةُ
जन्नतुल मावा
ٱلْمَأْوَىٰٓ
जन्नतुल मावा
'indaha jannatu almawa
उसी के निकट 'जन्नतुल मावा' (ठिकानेवाली जन्नत) है। -
إِذْ
जब
يَغْشَى
छा रहा था
ٱلسِّدْرَةَ
बेरी के दरख़्त पर
مَا
जो कुछ
يَغْشَىٰ
छा रहा था
Ith yaghsha alssidrata ma yaghsha
जबकि छा रहा था उस बेर पर, जो कुछ छा रहा था
مَا
ना
زَاغَ
कजी की
ٱلْبَصَرُ
निगाह ने
وَمَا
और ना
طَغَىٰ
वो हद से बढ़ी
Ma zagha albasaru wama tagha
निगाह न तो टेढ़ी हुइ और न हद से आगे बढ़ी
لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
رَأَىٰ
उसने देखीं
مِنْ
निशानियाँ
ءَايَٰتِ
निशानियाँ
رَبِّهِ
अपने रब की
ٱلْكُبْرَىٰٓ
बड़ी-बड़ी
Laqad raa min ayati rabbihi alkubra
निश्चय ही उसने अपने रब की बड़ी-बड़ी निशानियाँ देखीं
أَفَرَءَيْتُمُ
क्या फिर देखा तुमने
ٱللَّٰتَ
लात
وَٱلْعُزَّىٰ
और उज़्ज़ा को
Afaraaytumu allata waal'uzza
तो क्या तुमने लात और उज़्ज़ा
وَمَنَوٰةَ
और मनात
ٱلثَّالِثَةَ
तीसरी
ٱلْأُخْرَىٰٓ
एक और को
Wamanata alththalithata alokhra
और तीसरी एक और (देवी) मनात पर विचार किया?