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bismillah

يَٰٓأَيُّهَا
ٱلْمُزَّمِّلُ
कपड़े में लिपटने वाले

Ya ayyuha almuzzammilu

ऐ कपड़े में लिपटनेवाले!

Tafseer (तफ़सीर )

قُمِ
क़याम कीजिए
ٱلَّيْلَ
रात को
إِلَّا
मगर
قَلِيلًا
कम

Qumi allayla illa qaleelan

रात को उठकर (नमाज़ में) खड़े रहा करो - सिवाय थोड़ा हिस्सा -

Tafseer (तफ़सीर )

نِّصْفَهُۥٓ
आधा उसका
أَوِ
या
ٱنقُصْ
कम कर लीजिए
مِنْهُ
उससे
قَلِيلًا
थोड़ा सा

Nisfahu awi onqus minhu qaleelan

आधी रात

Tafseer (तफ़सीर )

أَوْ
या
زِدْ
ज़्यादा बढ़ा दीजिए
عَلَيْهِ
उस पर
وَرَتِّلِ
और ठहर-ठहर कर पढ़िए
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरआन को
تَرْتِيلًا
ठहर-ठहर कर पढ़ना

Aw zid 'alayhi warattili alqurana tarteelan

या उससे कुछ थोड़ा कम कर लो या उससे कुछ अधिक बढ़ा लो और क़ुरआन को भली-भाँति ठहर-ठहरकर पढ़ो। -

Tafseer (तफ़सीर )

إِنَّا
बेशक हम
سَنُلْقِى
अनक़रीब हम डाल देंगे
عَلَيْكَ
आप पर
قَوْلًا
एक बात /क़ौल
ثَقِيلًا
बहुत भारी

Inna sanulqee 'alayka qawlan thaqeelan

निश्चय ही हम तुमपर एक भारी बात डालनेवाले है

Tafseer (तफ़सीर )

إِنَّ
बेशक
نَاشِئَةَ
उठना
ٱلَّيْلِ
रात का
هِىَ
वो
أَشَدُّ
ज़्यादा सख़्त है
وَطْـًٔا
रौंदने में (नफ़्स को)
وَأَقْوَمُ
और ज़्यादा दुरुस्त है
قِيلًا
बात करने में

Inna nashiata allayli hiya ashaddu watan waaqwamu qeelan

निस्संदेह रात का उठना अत्यन्त अनुकूलता रखता है और बात भी उसमें अत्यन्त सधी हुई होती है

Tafseer (तफ़सीर )

إِنَّ
बेशक
لَكَ
आप के लिए
فِى
दिन में
ٱلنَّهَارِ
दिन में
سَبْحًا
मसरूफ़ियत है
طَوِيلًا
तवील

Inna laka fee alnnahari sabhan taweelan

निश्चय ही तुम्हार लिए दिन में भी (तसबीह की) बड़ी गुंजाइश है। -

Tafseer (तफ़सीर )

وَٱذْكُرِ
और ज़िक्र कीजिए
ٱسْمَ
नाम
رَبِّكَ
अपने रब का
وَتَبَتَّلْ
और सबसे अलग हो कर मुतावज्जा हो जाइए
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
تَبْتِيلًا
मुतावज्जा होना

Waothkuri isma rabbika watabattal ilayhi tabteelan

और अपने रब के नाम का ज़िक्र किया करो और सबसे कटकर उसी के हो रहो।

Tafseer (तफ़सीर )

رَّبُّ
रब
ٱلْمَشْرِقِ
मशरिक़ का
وَٱلْمَغْرِبِ
और रब मग़रिब का
لَآ
नहीं
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
إِلَّا
मगर
هُوَ
वो ही
فَٱتَّخِذْهُ
पस बना लीजिए उसे
وَكِيلًا
कारसाज़

Rabbu almashriqi waalmaghribi la ilaha illa huwa faittakhithhu wakeelan

वह पूर्व और पश्चिम का रब है, उसके सिवा कोई इष्ट-पूज्य नहीं, अतः तुम उसी को अपना कार्यसाधक बना लो

Tafseer (तफ़सीर )

وَٱصْبِرْ
और सब्र कीजिए
عَلَىٰ
उस पर
مَا
जो
يَقُولُونَ
वो कहते हैं
وَٱهْجُرْهُمْ
और छोड़ दीजिए उन्हें
هَجْرًا
छोड़ना
جَمِيلًا
ख़ूबसूरत(अंदाज़ में)

Waisbir 'ala ma yaqooloona waohjurhum hajran jameelan

और जो कुछ वे कहते है उसपर धैर्य से काम लो और भली रीति से उनसे अलग हो जाओ

Tafseer (तफ़सीर )
कुरान की जानकारी :
अल-मुज़म्मिल
القرآن الكريم:المزمل
आयत सजदा (سجدة):-
सूरा (latin):Al-Muzzammil
सूरा:73
कुल आयत:20
कुल शब्द:285
कुल वर्ण:838
रुकु:2
वर्गीकरण:मक्कन सूरा
Revelation Order:3
से शुरू आयत:5475