Skip to main content

رَبِّ
ऐ मेरे रब
قَدْ
तहक़ीक़
ءَاتَيْتَنِى
दिया तूने मुझे
مِنَ
बादशाहत में से
ٱلْمُلْكِ
बादशाहत में से
وَعَلَّمْتَنِى
और सिखाया तूने मुझे
مِن
हक़ीक़त में से
تَأْوِيلِ
हक़ीक़त में से
ٱلْأَحَادِيثِۚ
बातों की
فَاطِرَ
ऐ पैदा करने वाले
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन के
أَنتَ
तू ही
وَلِىِّۦ
मेरा दोस्त है
فِى
दुनिया में
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
وَٱلْءَاخِرَةِۖ
और आख़िरत में
تَوَفَّنِى
तू फ़ौत करना मुझे
مُسْلِمًا
मुसलमान
وَأَلْحِقْنِى
और मिला देना मुझे
بِٱلصَّٰلِحِينَ
सालिहीन से

Rabbi qad ataytanee mina almulki wa'allamtanee min taweeli alahadeethi fatira alssamawati waalardi anta waliyyee fee alddunya waalakhirati tawaffanee musliman waalhiqnee bialssaliheena

मेरे रब! तुने मुझे राज्य प्रदान किया और मुझे घटनाओं और बातों के निष्कर्ष तक पहुँचना सिखाया। आकाश और धरती के पैदा करनेवाले! दुनिया और आख़िरत में तू ही मेरा संरक्षक मित्र है। तू मुझे इस दशा से उठा कि मैं मुस्लिम (आज्ञाकारी) हूँ और मुझे अच्छे लोगों के साथ मिला।'

Tafseer (तफ़सीर )

ذَٰلِكَ
ये
مِنْ
कुछ ख़बरें हैं
أَنۢبَآءِ
कुछ ख़बरें हैं
ٱلْغَيْبِ
ग़ैब की
نُوحِيهِ
हम वही करते हैं उसे
إِلَيْكَۖ
तरफ़ आपके
وَمَا
और ना
كُنتَ
थे आप
لَدَيْهِمْ
पास उनके
إِذْ
जब
أَجْمَعُوٓا۟
उन्होंने इत्तिफ़ाक़ किया
أَمْرَهُمْ
अपने मामले पर
وَهُمْ
और वो
يَمْكُرُونَ
वो चालें चल रहे थे

Thalika min anbai alghaybi nooheehi ilayka wama kunta ladayhim ith ajma'oo amrahum wahum yamkuroona

ये परोक्ष की ख़बरे हैं जिनकी हम तुम्हारी ओर प्रकाशना कर रहे है। तुम तो उनके पास नहीं थे, जब उन्होंने अपने मामले को पक्का करके षड्यंत्र किया था

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَآ
और नहीं
أَكْثَرُ
अक्सर
ٱلنَّاسِ
लोग
وَلَوْ
और अगरचे
حَرَصْتَ
हिर्स करें आप
بِمُؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Wama aktharu alnnasi walaw harasta bimumineena

किन्तु चाहे तुम कितना ही चाहो, अधिकतर लोग तो मानेंगे नहीं

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَا
और नहीं
تَسْـَٔلُهُمْ
आप सवाल करते उनसे
عَلَيْهِ
इस पर
مِنْ
किसी अजर का
أَجْرٍۚ
किसी अजर का
إِنْ
नहीं है
هُوَ
वो
إِلَّا
मगर
ذِكْرٌ
एक ज़िक्र
لِّلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों के लिए

Wama tasaluhum 'alayhi min ajrin in huwa illa thikrun lil'alameena

तुम उनसे इसका कोई बदला भी नहीं माँगते। यह तो सारे संसार के लिए बस एक अनुस्मरण है

Tafseer (तफ़सीर )

وَكَأَيِّن
और कितनी ही
مِّنْ
निशानियाँ हैं
ءَايَةٍ
निशानियाँ हैं
فِى
आसमानों में
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन में
يَمُرُّونَ
वो गुज़रते हैं
عَلَيْهَا
उन पर
وَهُمْ
और वो
عَنْهَا
उनसे
مُعْرِضُونَ
ऐराज़ करने वाले हैं

Wakaayyin min ayatin fee alssamawati waalardi yamurroona 'alayha wahum 'anha mu'ridoona

आकाशों और धरती में कितनी ही निशानियाँ हैं, जिनपर से वे इस तरह गुज़र जाते है कि उनकी ओर वे ध्यान ही नहीं देते

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَا
और नहीं
يُؤْمِنُ
ईमान लाते
أَكْثَرُهُم
अक्सर उनके
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
إِلَّا
मगर
وَهُم
इस हाल में कि वो
مُّشْرِكُونَ
मुशरिक हैं

Wama yuminu aktharuhum biAllahi illa wahum mushrikoona

इनमें अधिकतर लोग अल्लाह को मानते भी है तो इस तरह कि वे साझी भी ठहराते है

Tafseer (तफ़सीर )

أَفَأَمِنُوٓا۟
क्या भला वो अमन में आ गए
أَن
कि
تَأْتِيَهُمْ
आ जाए उनके पास
غَٰشِيَةٌ
एक छा जाने वाली (आफ़त)
مِّنْ
अज़ाब से
عَذَابِ
अज़ाब से
ٱللَّهِ
अल्लाह के
أَوْ
या
تَأْتِيَهُمُ
आ जाए उनके पास
ٱلسَّاعَةُ
क़यामत
بَغْتَةً
अचानक
وَهُمْ
और वो
لَا
ना वो शऊर रखते हों
يَشْعُرُونَ
ना वो शऊर रखते हों

Afaaminoo an tatiyahum ghashiyatun min 'athabi Allahi aw tatiyahumu alssa'atu baghtatan wahum la yash'uroona

क्या वे इस बात से निश्चिन्त है कि अल्लाह की कोई यातना उन्हें ढँक ले या सहसा वह घड़ी ही उनपर आ जाए, जबकि वे बिलकुल बेख़बर हों?

Tafseer (तफ़सीर )

قُلْ
कह दीजिए
هَٰذِهِۦ
ये है
سَبِيلِىٓ
रास्ता मेरा
أَدْعُوٓا۟
मैं बुलाता हूँ
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
ٱللَّهِۚ
तरफ़ अल्लाह के
عَلَىٰ
बसीरत पर
بَصِيرَةٍ
बसीरत पर
أَنَا۠
मैं
وَمَنِ
और जो कोई
ٱتَّبَعَنِىۖ
पैरवी करे मेरी
وَسُبْحَٰنَ
और पाक है
ٱللَّهِ
अल्लाह
وَمَآ
और नहीं
أَنَا۠
मैं
مِنَ
शिर्क करने वालों में से
ٱلْمُشْرِكِينَ
शिर्क करने वालों में से

Qul hathihi sabeelee ad'oo ila Allahi 'ala baseeratin ana wamani ittaba'anee wasubhana Allahi wama ana mina almushrikeena

कह दो, 'यही मेरा मार्ग है। मैं अल्लाह की ओर बुलाता हूँ। मैं स्वयं भी पूर्ण प्रकाश में हूँ और मेरे अनुयायी भी - महिमावान है अल्लाह! ृृ- और मैं कदापि बहुदेववादी नहीं।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَآ
और नहीं
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
مِن
आपसे पहले
قَبْلِكَ
आपसे पहले
إِلَّا
मगर
رِجَالًا
मर्दों को
نُّوحِىٓ
हम वही करते थे
إِلَيْهِم
तरफ़ उनके
مِّنْ
बस्ती वालों में से
أَهْلِ
बस्ती वालों में से
ٱلْقُرَىٰٓۗ
बस्ती वालों में से
أَفَلَمْ
क्या फिर नहीं
يَسِيرُوا۟
वो चले-फिरे
فِى
ज़मीन में
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
فَيَنظُرُوا۟
तो वो देखते
كَيْفَ
किस तरह
كَانَ
हुआ
عَٰقِبَةُ
अंजाम
ٱلَّذِينَ
उनका जो
مِن
उनसे पहले थे
قَبْلِهِمْۗ
उनसे पहले थे
وَلَدَارُ
और अलबत्ता घर
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत का
خَيْرٌ
बेहतर है
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जो
ٱتَّقَوْا۟ۗ
तक़वा करें
أَفَلَا
क्या फिर नहीं
تَعْقِلُونَ
तुम अक़्ल से काम लेते

Wama arsalna min qablika illa rijalan noohee ilayhim min ahli alqura afalam yaseeroo fee alardi fayanthuroo kayfa kana 'aqibatu allatheena min qablihim waladaru alakhirati khayrun lillatheena ittaqaw afala ta'qiloona

तुमसे पहले भी हमने जिनको रसूल बनाकर भेजा, वे सब बस्तियों के रहनेवाले पुरुष ही थे। हम उनकी ओर प्रकाशना करते रहे - फिर क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते कि उनका कैसा परिणाम हुआ, जो उनसे पहले गुज़रे है? निश्चय ही आख़िरत का घर ही डर रखनेवालों के लिए सर्वोत्तम है। तो क्या तुम समझते नहीं? -

Tafseer (तफ़सीर )

حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
إِذَا
जब
ٱسْتَيْـَٔسَ
ना उम्मीद हो गए
ٱلرُّسُلُ
रसूल
وَظَنُّوٓا۟
और उन्होंने समझा
أَنَّهُمْ
कि बेशक वो
قَدْ
यक़ीनन
كُذِبُوا۟
वो झूठ बोले गए
جَآءَهُمْ
आ गई उनके पास
نَصْرُنَا
मदद हमारी
فَنُجِّىَ
तो बचा लिया गया
مَن
उसको जिसे
نَّشَآءُۖ
हम चाहते थे
وَلَا
और नहीं
يُرَدُّ
फेरा जाता
بَأْسُنَا
अज़ाब हमारा
عَنِ
उन लोगों से
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों से
ٱلْمُجْرِمِينَ
जो मुजरिम हैं

Hatta itha istayasa alrrusulu wathannoo annahum qad kuthiboo jaahum nasruna fanujjiya man nashao wala yuraddu basuna 'ani alqawmi almujrimeena

यहाँ तक कि जब वे रसूल निराश होने लगे और वे समझने लगे कि उनसे झूठ कहा गया था कि सहसा उन्हें हमारी सहायता पहुँच गई। फिर हमने जिसे चाहा बचा लिया। किन्तु अपराधी लोगों पर से तो हमारी यातना टलती ही नहीं

Tafseer (तफ़सीर )