Itha jaaka almunafiqoona qaloo nashhadu innaka larasoolu Allahi waAllahu ya'lamu innaka larasooluhu waAllahu yashhadu inna almunafiqeena lakathiboona
जब मुनाफ़िक (कपटाचारी) तुम्हारे पास आते है तो कहते है, 'हम गवाही देते है कि निश्चय ही आप अल्लाह के रसूल है।' अल्लाह जानता है कि निस्संदेह तुम उसके रसूल हो, किेन्तु अल्लाह गवाही देता है कि ये मुनाफ़िक बिलकुल झूठे है
Ittakhathoo aymanahum junnatan fasaddoo 'an sabeeli Allahi innahum saa ma kanoo ya'maloona
उन्होंने अपनी क़समों को ढाल बना रखा है, इस प्रकार वे अल्लाह के मार्ग से रोकते है। निश्चय ही बुरा है जो वे कर रहे है
Thalika biannahum amanoo thumma kafaroo fatubi'a 'ala quloobihim fahum la yafqahoona
यह इस कारण कि वे ईमान लाए, फिर इनकार किया, अतः उनके दिलों पर मुहर लगा दी गई, अब वे कुछ नहीं समझते
Waitha raaytahum tu'jibuka ajsamuhum wain yaqooloo tasma' liqawlihim kaannahum khushubun musannadatun yahsaboona kulla sayhatin 'alayhim humu al'aduwwu faihtharhum qatalahumu Allahu anna yufakoona
तुम उन्हें देखते हो तो उनके शरीर (बाह्य रूप) तुम्हें अच्छे लगते है, औरयदि वे बात करें तो उनकी बात तुम सुनते रह जाओ। किन्तु यह ऐसा ही है मानो वे लकड़ी के कुंदे है, जिन्हें (दीवार के सहारे) खड़ा कर दिया गया हो। हर ज़ोर की आवाज़ को वे अपने ही विरुद्ध समझते है। वही वास्तविक शत्रु हैं, अतः उनसे बचकर रहो। अल्लाह की मार उनपर। वे कहाँ उल्टे फिरे जा रहे है!
Waitha qeela lahum ta'alaw yastaghfir lakum rasoolu Allahi lawwaw ruoosahum waraaytahum yasuddoona wahum mustakbiroona
और जब उनसे कहा जाता है, 'आओ, अल्लाह का रसूल तुम्हारे लिए क्षमा की प्रार्थना करे।' तो वे अपने सिर मटकाते है और तुम देखते हो कि घमंड के साथ खिंचे रहते है
Sawaon 'alayhim astaghfarta lahum am lam tastaghfir lahum lan yaghfira Allahu lahum inna Allaha la yahdee alqawma alfasiqeena
उनके लिए बराबर है चाहे तुम उनके किए क्षमा की प्रार्थना करो या उनके लिए क्षमा की प्रार्थना न करो। अल्लाह उन्हें कदापि क्षमा न करेगा। निश्चय ही अल्लाह अवज्ञाकारियों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता
Humu allatheena yaqooloona la tunfiqoo 'ala man 'inda rasooli Allahi hatta yanfaddoo walillahi khazainu alssamawati waalardi walakinna almunafiqeena la yafqahoona
वे वहीं लोग है जो कहते है, 'उन लोगों पर ख़र्च न करो जो अल्लाह के रसूल के पास रहनेवाले है, ताकि वे तितर-बितर हो जाएँ।' हालाँकि आकाशों और धरती के ख़जाने अल्लाह ही के है, किन्तु वे मुनाफ़िक़ समझते नहीं
Yaqooloona lain raja'na ila almadeenati layukhrijanna ala'azzu minha alathalla walillahi al'izzatu walirasoolihi walilmumineena walakinna almunafiqeena la ya'lamoona
वे कहते है, 'यदि हम मदीना लौटकर गए तो जो अधिक शक्तिवाला है, वह हीनतर (व्यक्तियों) को वहाँ से निकाल बाहर करेगा।' हालाँकि शक्ति अल्लाह और उसके रसूल और मोमिनों के लिए है, किन्तु वे मुनाफ़िक़ जानते नहीं
Ya ayyuha allatheena amanoo la tulhikum amwalukum wala awladukum 'an thikri Allahi waman yaf'al thalika faolaika humu alkhasiroona
ऐ ईमान लानेवालो! तुम्हारे माल तुम्हें अल्लाह की याद से ग़ाफ़िल न कर दें और न तुम्हारी सन्तान ही। जो कोई ऐसा करे तो ऐसे ही लोग घाटे में रहनेवाले है
Waanfiqoo min ma razaqnakum min qabli an yatiya ahadakumu almawtu fayaqoola rabbi lawla akhkhartanee ila ajalin qareebin faassaddaqa waakun mina alssaliheena
हमने तुम्हें जो कुछ दिया है उसमें से ख़र्च करो इससे पहले कि तुममें से किसी की मृत्यु आ जाए और उस समय वह करने लगे, 'ऐ मेरे रब! तूने मुझे कुछ थोड़े समय तक और मुहलत क्यों न दी कि मैं सदक़ा (दान) करता (मुझे मुहलत दे कि मैं सदक़ा करूँ) और अच्छे लोगों में सम्मिलित हो जाऊँ।'
القرآن الكريم: | المنافقون |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Al-Munafiqun |
सूरा: | 63 |
कुल आयत: | 11 |
कुल शब्द: | 80 |
कुल वर्ण: | 976 |
रुकु: | 2 |
वर्गीकरण: | मदीनन सूरा |
Revelation Order: | 104 |
से शुरू आयत: | 5188 |