لَآ
नहीं मैं क़सम खाता हूँ
أُقْسِمُ
नहीं मैं क़सम खाता हूँ
بِهَٰذَا
इस शहर की
ٱلْبَلَدِ
इस शहर की
La oqsimu bihatha albaladi
सुनो! मैं क़सम खाता हूँ इस नगर (मक्का) की -
وَأَنتَ
और आप
حِلٌّۢ
मुक़ीम हैं
بِهَٰذَا
इस शहर में
ٱلْبَلَدِ
इस शहर में
Waanta hillun bihatha albaladi
हाल यह है कि तुम इसी नगर में रह रहे हो -
وَوَالِدٍ
क़सम है वालिद की
وَمَا
और जिसे
وَلَدَ
उसने जन्म दिया
Wawalidin wama walada
और बाप और उसकी सन्तान की,
لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
خَلَقْنَا
पैदा किया हमने
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान को
فِى
मशक़्क़त में
كَبَدٍ
मशक़्क़त में
Laqad khalaqna alinsana fee kabadin
निस्संदेह हमने मनुष्य को पूर्ण मशक़्क़त (अनुकूलता और सन्तुलन) के साथ पैदा किया
أَيَحْسَبُ
क्या वो समझता है
أَن
कि
لَّن
हरगिज़ नहीं
يَقْدِرَ
क़ादिर होगा
عَلَيْهِ
उस पर
أَحَدٌ
कोई एक
Ayahsabu an lan yaqdira 'alayhi ahadun
क्या वह समझता है कि उसपर किसी का बस न चलेगा?
يَقُولُ
वो कहता है
أَهْلَكْتُ
हलाक कर दिया मैं ने
مَالًا
माल
لُّبَدًا
ढेरों
Yaqoolu ahlaktu malan lubadan
कहता है कि 'मैंने ढेरो माल उड़ा दिया।'
أَيَحْسَبُ
क्या वो समझता है
أَن
कि
لَّمْ
नहीं
يَرَهُۥٓ
देखा उसे
أَحَدٌ
किसी एक ने
Ayahsabu an lam yarahu ahadun
क्या वह समझता है कि किसी ने उसे देखा नहीं?
أَلَمْ
क्या नहीं
نَجْعَل
हमने बनाईं
لَّهُۥ
उसके लिए
عَيْنَيْنِ
दो आँखें
Alam naj'al lahu 'aynayni
क्या हमने उसे नहीं दी दो आँखें,
وَلِسَانًا
और एक ज़बान
وَشَفَتَيْنِ
और दो होंट
Walisanan washafatayni
और एक ज़बान और दो होंठ?
وَهَدَيْنَٰهُ
और दिखाए हमने उसे
ٱلنَّجْدَيْنِ
दो रास्ते
Wahadaynahu alnnajdayni
और क्या ऐसा नहीं है कि हमने दिखाई उसे दो ऊँचाइयाँ?
القرآن الكريم: | البلد |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Al-Balad |
सूरा: | 90 |
कुल आयत: | 20 |
कुल शब्द: | 82 |
कुल वर्ण: | 320 |
रुकु: | 1 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 35 |
से शुरू आयत: | 6023 |