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فَخَرَجَ
तो वो निकला
مِنْهَا
उससे
خَآئِفًا
डरते हुए
يَتَرَقَّبُۖ
ख़ुफ़िया टोह लगाते हुए
قَالَ
कहा
رَبِّ
ऐ मेरे रब
نَجِّنِى
निजात दे मुझे
مِنَ
उन लोगों से
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों से
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Fakharaja minha khaifan yataraqqabu qala rabbi najjinee mina alqawmi alththalimeena

फिर वह वहाँ से डरता और ख़तरा भाँपता हुआ निकल खड़ा हुआ। उसने कहा, 'ऐ मेरे रब! मुझे ज़ालिम लोगों से छुटकारा दे।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَمَّا
और जब
تَوَجَّهَ
उसने रुख़ किया
تِلْقَآءَ
जानिब
مَدْيَنَ
मदयन के
قَالَ
कहा
عَسَىٰ
उम्मीद है
رَبِّىٓ
मेरा रब
أَن
कि
يَهْدِيَنِى
वो दिखाएगा मुझे
سَوَآءَ
सीधा
ٱلسَّبِيلِ
रास्ता

Walamma tawajjaha tilqaa madyana qala 'asa rabbee an yahdiyanee sawaa alssabeeli

जब उसने मदयन का रुख़ किया तो कहा, 'आशा है, मेरा रब मुझे ठीक रास्ते पर डाल देगा।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَمَّا
और जब
وَرَدَ
वो वारिद हुआ/ पहुँचा
مَآءَ
पानी पर
مَدْيَنَ
मदयन के
وَجَدَ
उसने पाया
عَلَيْهِ
उस पर
أُمَّةً
एक गिरोह को
مِّنَ
लोगों में से
ٱلنَّاسِ
लोगों में से
يَسْقُونَ
वो पानी पिला रहे थे
وَوَجَدَ
और उसने पाया
مِن
उनके अलावा
دُونِهِمُ
उनके अलावा
ٱمْرَأَتَيْنِ
दो औरतों को
تَذُودَانِۖ
वो दोनों हटाती थीं(मवेशी)
قَالَ
कहा
مَا
क्या
خَطْبُكُمَاۖ
मामला है तुम दोनों का
قَالَتَا
वो दोनों कहने लगीं
لَا
नहीं हम पानी पिलातीं
نَسْقِى
नहीं हम पानी पिलातीं
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
يُصْدِرَ
वापस ले जाऐं
ٱلرِّعَآءُۖ
चरवाहे (अपने मवेशी)
وَأَبُونَا
और बाप हमारा
شَيْخٌ
बूढ़ा
كَبِيرٌ
बड़ी उम्र का है

Walamma warada maa madyana wajada 'alayhi ommatan mina alnnasi yasqoona wawajada min doonihimu imraatayni tathoodani qala ma khatbukuma qalata la nasqee hatta yusdira alrri'ao waaboona shaykhun kabeerun

और जब वह मदयन के पानी पर पहुँचा तो उसने उसपर पानी पिलाते लोगों को एक गिरोह पाया। और उनसे हटकर एक ओर दो स्त्रियों को पाया, जो अपन जानवरों को रोक रही थीं। उसने कहा, 'तुम्हारा क्या मामला है?' उन्होंने कहा, 'हम उस समय तक पानी नहीं पिला सकते, जब तक ये चरवाहे अपने जानवर निकाल न ले जाएँ, और हमारे बाप बहुत ही बूढ़े है।'

Tafseer (तफ़सीर )

فَسَقَىٰ
तो उसने पानी पिलाया
لَهُمَا
उन दोनों के लिए
ثُمَّ
फिर
تَوَلَّىٰٓ
वो पलट गया
إِلَى
तरफ़ साय के
ٱلظِّلِّ
तरफ़ साय के
فَقَالَ
फिर वो कहने लगा
رَبِّ
ऐ मेरे रब
إِنِّى
बेशक मैं
لِمَآ
उसके लिए जो
أَنزَلْتَ
नाज़िल करे तू
إِلَىَّ
मेरी तरफ़
مِنْ
भलाई में से
خَيْرٍ
भलाई में से
فَقِيرٌ
मोहताज हूँ

Fasaqa lahuma thumma tawalla ila alththilli faqala rabbi innee lima anzalta ilayya min khayrin faqeerun

तब उसने उन दोनों के लिए पानी पिला दिया। फिर छाया की ओर पलट गया और कहा, 'ऐ मेरे रब, जो भलाई भी तू मेरी उतार दे, मैं उसका ज़रूरतमंद हूँ।'

Tafseer (तफ़सीर )

فَجَآءَتْهُ
तो आई उसके पास
إِحْدَىٰهُمَا
उन दोनों में से एक
تَمْشِى
चलती हुई
عَلَى
साथ हया के
ٱسْتِحْيَآءٍ
साथ हया के
قَالَتْ
वो कहने लगी
إِنَّ
बेशक
أَبِى
मेरे वालिद
يَدْعُوكَ
बुला रहे हैं तुम्हें
لِيَجْزِيَكَ
ताकि वो बदले में दें तुम्हें
أَجْرَ
उज्रत
مَا
उसकी जो
سَقَيْتَ
पानी पिलाया तू ने
لَنَاۚ
हमारे लिए
فَلَمَّا
तो जब
جَآءَهُۥ
वो आ गया उसके पास
وَقَصَّ
और उसने बयान किया
عَلَيْهِ
उस पर
ٱلْقَصَصَ
क़िस्सा
قَالَ
उसने कहा
لَا
ना तुम डरो
تَخَفْۖ
ना तुम डरो
نَجَوْتَ
निजात पा गए हो तुम
مِنَ
उन लोगों से
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों से
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Fajaathu ihdahuma tamshee 'ala istihyain qalat inna abee yad'ooka liyajziyaka ajra ma saqayta lana falamma jaahu waqassa 'alayhi alqasasa qala la takhaf najawta mina alqawmi alththalimeena

फिर उन दोनों में से एक लजाती हुई उसके पास आई। उसने कहा, 'मेरे बाप आपको बुला रहे है, ताकि आपने हमारे लिए (जानवरों को) जो पानी पिलाया है, उसका बदला आपको दें।' फिर जब वह उसके पास पहुँचा और उसे अपने सारे वृत्तान्त सुनाए तो उसने कहा, 'कुछ भय न करो। तुम ज़ालिम लोगों से छुटकारा पा गए हो।'

Tafseer (तफ़सीर )

قَالَتْ
कहा
إِحْدَىٰهُمَا
उन दोनों में से एक ने
يَٰٓأَبَتِ
ऐ मेरे अब्बाजान
ٱسْتَـْٔجِرْهُۖ
उज्रत पर रख लीजिए उसे
إِنَّ
बेशक
خَيْرَ
बेहतरीन
مَنِ
वो जिसे
ٱسْتَـْٔجَرْتَ
उज्रत पर रखें आप
ٱلْقَوِىُّ
जो मज़बूत है
ٱلْأَمِينُ
अमानतदार है

Qalat ihdahuma ya abati istajirhu inna khayra mani istajarta alqawiyyu alameenu

उन दोनों स्त्रियों में से एक ने कहा, 'ऐ मेरे बाप! इसको मज़दूरी पर रख लीजिए। अच्छा व्यक्ति, जिसे आप मज़दूरी पर रखें, वही है जो बलवान, अमानतदार हो।'

Tafseer (तफ़सीर )

قَالَ
उसने कहा
إِنِّىٓ
बेशक मैं
أُرِيدُ
मैं चाहता हूँ
أَنْ
कि
أُنكِحَكَ
मैं निकाह कर दूँ तुम से
إِحْدَى
एक का
ٱبْنَتَىَّ
अपनी दोनों बेटियों में से
هَٰتَيْنِ
इन दो
عَلَىٰٓ
इस (शर्त) पर
أَن
कि
تَأْجُرَنِى
तुम मज़दूरी करो मेरी
ثَمَٰنِىَ
आठ
حِجَجٍۖ
साल
فَإِنْ
फिर अगर
أَتْمَمْتَ
पूरे कर दो तुम
عَشْرًا
दस(साल)
فَمِنْ
तो तुम्हारी तरफ़ से है
عِندِكَۖ
तो तुम्हारी तरफ़ से है
وَمَآ
और नहीं
أُرِيدُ
मैं चाहता
أَنْ
कि
أَشُقَّ
मैं मशक़्क़त डालूँ
عَلَيْكَۚ
तुम पर
سَتَجِدُنِىٓ
यक़ीनन तुम पाओगे मुझे
إِن
अगर
شَآءَ
चाहा
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
مِنَ
नेक लोगों में से
ٱلصَّٰلِحِينَ
नेक लोगों में से

Qala innee oreedu an onkihaka ihda ibnatayya hatayni 'ala an tajuranee thamaniya hijajin fain atmamta 'ashran famin 'indika wama oreedu an ashuqqa 'alayka satajidunee in shaa Allahu mina alssaliheena

उसने कहा, 'मैं चाहता हूँ कि अपनी इन दोनों बेटियों में से एक का विवाह तुम्हारे साथ इस शर्त पर कर दूँ कि तुम आठ वर्ष तक मेरे यहाँ नौकरी करो। और यदि तुम दस वर्ष पूरे कर दो, तो यह तुम्हारी ओर से होगा। मैं तुम्हें कठिनाई में डालना नहीं चाहता। यदि अल्लाह ने चाहा तो तुम मुझे नेक पाओगे।'

Tafseer (तफ़सीर )

قَالَ
उसने कहा
ذَٰلِكَ
ये(बात तय) है
بَيْنِى
दर्मियान मेरे
وَبَيْنَكَۖ
और दर्मियान तुम्हारे
أَيَّمَا
जो भी
ٱلْأَجَلَيْنِ
दो मुद्दतों में से
قَضَيْتُ
मैं पूरी कर दूँ
فَلَا
तो ना होगी
عُدْوَٰنَ
कोई ज़्यादती
عَلَىَّۖ
मुझ पर
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
عَلَىٰ
ऊपर
مَا
उसके जो
نَقُولُ
हम कह रहे हैं
وَكِيلٌ
निगरान है

Qala thalika baynee wabaynaka ayyama alajalayni qadaytu fala 'udwana 'alayya waAllahu 'ala ma naqoolu wakeelun

कहा, 'यह मेरे और आपके बीच निश्चय हो चुका। इन दोनों अवधियों में से जो भी मैं पूरी कर दूँ, तो तुझपर कोई ज़्यादती नहीं होगी। और जो कुछ हम कह रहे है, उसके विषय में अल्लाह पर भरोसा काफ़ी है।'

Tafseer (तफ़सीर )

فَلَمَّا
तो जब
قَضَىٰ
पूरी की
مُوسَى
मूसा ने
ٱلْأَجَلَ
मुक़र्रर मुद्दत
وَسَارَ
और वो ले चला
بِأَهْلِهِۦٓ
अपने घर वालों को
ءَانَسَ
उसने देखी
مِن
तूर की जानिब से
جَانِبِ
तूर की जानिब से
ٱلطُّورِ
तूर की जानिब से
نَارًا
एक आग
قَالَ
कहा
لِأَهْلِهِ
अपने घर वालों से
ٱمْكُثُوٓا۟
ठहर जाओ
إِنِّىٓ
बेशक मैं
ءَانَسْتُ
देखी है मैं ने
نَارًا
एक आग
لَّعَلِّىٓ
शायद कि मैं
ءَاتِيكُم
मैं लाऊँ तुम्हारे पास
مِّنْهَا
उसमें से
بِخَبَرٍ
कोई ख़बर
أَوْ
या
جَذْوَةٍ
कोई अँगारा
مِّنَ
आग से
ٱلنَّارِ
आग से
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
تَصْطَلُونَ
तुम ताप सको

Falamma qada moosaalajala wasara biahlihi anasa min janibi alttoori naran qala liahlihi omkuthoo innee anastu naran la'allee ateekum minha bikhabarin aw jathwatin mina alnnari la'allakum tastaloona

फिर जब मूसा ने अवधि पूरी कर दी और अपने घरवालों को लेकर चला तो तूर की ओर उसने एक आग-सी देखी। उसने अपने घरवालों से कहा, 'ठहरो, मैंने एक आग का अवलोकन किया है। कदाचित मैं वहाँ से तुम्हारे पास कोई ख़बर ले आऊँ या उस आग से कोई अंगारा ही, ताकि तुम ताप सको।'

Tafseer (तफ़सीर )

فَلَمَّآ
तो जब
أَتَىٰهَا
वो आया उसके पास
نُودِىَ
वो पुकारा गया
مِن
किनारे से
شَٰطِئِ
किनारे से
ٱلْوَادِ
वादी के
ٱلْأَيْمَنِ
दाईं जानिब की
فِى
जगह में
ٱلْبُقْعَةِ
जगह में
ٱلْمُبَٰرَكَةِ
बरकत वाली
مِنَ
दरख़्त में से
ٱلشَّجَرَةِ
दरख़्त में से
أَن
कि
يَٰمُوسَىٰٓ
ऐ मूसा
إِنِّىٓ
बेशक मैं
أَنَا
मैं ही
ٱللَّهُ
अल्लाह हूँ
رَبُّ
रब
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का

Falamma ataha noodiya min shatii alwadi alaymani fee albuq'ati almubarakati mina alshshajarati an ya moosa innee ana Allahu rabbu al'alameena

फिर जब वह वहाँ पहुँचा तो दाहिनी घाटी के किनारे से शुभ क्षेत्र में वृक्ष से आवाज़ आई, 'ऐ मूसा! मैं ही अल्लाह हूँ, सारे संसार का रब!'

Tafseer (तफ़सीर )