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وَلَمَّا
और जब
جَآءَهُمْ
आ गया उनके पास
رَسُولٌ
एक रसूल
مِّنْ
अल्लाह के पास से
عِندِ
अल्लाह के पास से
ٱللَّهِ
अल्लाह के पास से
مُصَدِّقٌ
तस्दीक़ करने वाला
لِّمَا
उसकी जो
مَعَهُمْ
पास है उनके
نَبَذَ
फेंक दिया
فَرِيقٌ
एक गिरोह ने
مِّنَ
उन लोगों में से
ٱلَّذِينَ
उन लोगों में से
أُوتُوا۟
दिए गए
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
كِتَٰبَ
अल्लाह की किताब को
ٱللَّهِ
अल्लाह की किताब को
وَرَآءَ
पीछे
ظُهُورِهِمْ
अपनी पुश्तों के
كَأَنَّهُمْ
गोया कि वो
لَا
नहीं वो इल्म रखते
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते

Walamma jaahum rasoolun min 'indi Allahi musaddiqun lima ma'ahum nabatha fareequn mina allatheena ootoo alkitaba kitaba Allahi waraa thuhoorihim kaannahum la ya'lamoona

और जब उनके पास अल्लाह की ओर से एक रसूल आया, जिससे उस (भविष्यवाणी) की पुष्टि हो रही है जो उनके पास थी, तो उनके एक गिरोह ने, जिन्हें किताब मिली थी, अल्लाह की किताब को अपने पीठ पीछे डाल दिया, मानो वे कुछ जानते ही नही

Tafseer (तफ़सीर )

وَٱتَّبَعُوا۟
और उन्होंने पैरवी की
مَا
उसकी जो
تَتْلُوا۟
पढ़ते थे
ٱلشَّيَٰطِينُ
शयातीन
عَلَىٰ
बादशाहत पर (लगा कर)
مُلْكِ
बादशाहत पर (लगा कर)
سُلَيْمَٰنَۖ
सुलेमान की
وَمَا
और नहीं
كَفَرَ
कुफ़्र किया था
سُلَيْمَٰنُ
सुलेमान ने
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
ٱلشَّيَٰطِينَ
शयातीन ने
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
يُعَلِّمُونَ
वो सिखाते थे
ٱلنَّاسَ
लोगों को
ٱلسِّحْرَ
जादू
وَمَآ
और जो
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया था
عَلَى
ऊपर
ٱلْمَلَكَيْنِ
दो फ़रिश्तों के
بِبَابِلَ
बाबिल में
هَٰرُوتَ
हारूत
وَمَٰرُوتَۚ
और मारूत के
وَمَا
और नहीं
يُعَلِّمَانِ
वो दोनों सिखाते थे
مِنْ
किसी एक को
أَحَدٍ
किसी एक को
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
يَقُولَآ
वो दोनों कहते
إِنَّمَا
बेशक
نَحْنُ
हम तो
فِتْنَةٌ
एक फ़ितना हैं
فَلَا
पस ना
تَكْفُرْۖ
तुम कुफ़्र करो
فَيَتَعَلَّمُونَ
पस वो सीखते थे
مِنْهُمَا
उन दोनों से
مَا
जो
يُفَرِّقُونَ
वो जुदाई डालते थे
بِهِۦ
साथ उसके
بَيْنَ
दर्मियान
ٱلْمَرْءِ
मर्द
وَزَوْجِهِۦۚ
और उसकी बीवी के
وَمَا
और नहीं थे
هُم
वो
بِضَآرِّينَ
ज़रर पहुँचाने वाले
بِهِۦ
साथ उसके
مِنْ
किसी एक को
أَحَدٍ
किसी एक को
إِلَّا
मगर
بِإِذْنِ
अल्लाह के इज़्न से
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के इज़्न से
وَيَتَعَلَّمُونَ
और वो सीखते थे
مَا
जो
يَضُرُّهُمْ
नुक़सान देता उन्हें
وَلَا
और ना
يَنفَعُهُمْۚ
वो नफ़ा देता उन्हें
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
عَلِمُوا۟
वो जानते थे
لَمَنِ
अलबत्ता जिसने
ٱشْتَرَىٰهُ
ख़रीदा उसे
مَا
नहीं है
لَهُۥ
उसके लिए
فِى
आख़िरत में
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत में
مِنْ
कोई हिस्सा
خَلَٰقٍۚ
कोई हिस्सा
وَلَبِئْسَ
और अलबत्ता कितना बुरा है
مَا
जो
شَرَوْا۟
उन्होंने बेच डाला
بِهِۦٓ
बदले उसके
أَنفُسَهُمْۚ
अपनी जानों को
لَوْ
काश
كَانُوا۟
होते वो
يَعْلَمُونَ
वो जानते

Waittaba'oo ma tatloo alshshayateenu 'ala mulki sulaymana wama kafara sulaymanu walakinna alshshayateena kafaroo yu'allimoona alnnasa alssihra wama onzila 'ala almalakayni bibabila haroota wamaroota wama yu'allimani min ahadin hatta yaqoola innama nahnu fitnatun fala takfur fayata'allamoona minhuma ma yufarriqoona bihi bayna almari wazawjihi wama hum bidarreena bihi min ahadin illa biithni Allahi wayata'allamoona ma yadurruhum wala yanfa'uhum walaqad 'alimoo lamani ishtarahu ma lahu fee alakhirati min khalaqin walabisa ma sharaw bihi anfusahum law kanoo ya'lamoona

और जो वे उस चीज़ के पीछे पड़ गए जिसे शैतान सुलैमान की बादशाही पर थोपकर पढ़ते थे - हालाँकि सुलैमान ने कोई कुफ़्र नहीं किया था, बल्कि कुफ़्र तो शैतानों ने किया था; वे लोगों को जादू सिखाते थे - और उस चीज़ में पड़ गए जो बाबिल में दोनों फ़रिश्तों हारूत और मारूत पर उतारी गई थी। और वे किसी को भी सिखाते न थे जब तक कि कह न देते, 'हम तो बस एक परीक्षा है; तो तुम कुफ़्र में न पड़ना।' तो लोग उन दोनों से वह कुछ सीखते है, जिसके द्वारा पति और पत्नी में अलगाव पैदा कर दे - यद्यपि वे उससे किसी को भी हानि नहीं पहुँचा सकते थे। हाँ, यह और बात है कि अल्लाह के हुक्म से किसी को हानि पहुँचनेवाली ही हो - और वह कुछ सीखते है जो उन्हें हानि ही पहुँचाए और उन्हें कोई लाभ न पहुँचाए। और उन्हें भली-भाँति मालूम है कि जो उसका ग्राहक बना, उसका आखिरत में कोई हिस्सा नहीं। कितनी बुरी चीज़ के बदले उन्होंने प्राणों का सौदा किया, यदि वे जानते (तो ठीक मार्ग अपनाते)

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْ
और अगर
أَنَّهُمْ
बेशक वो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाते
وَٱتَّقَوْا۟
और तक़वा इख़्तियार करते
لَمَثُوبَةٌ
अलबत्ता सवाब पाते
مِّنْ
अल्लाह के पास से
عِندِ
अल्लाह के पास से
ٱللَّهِ
अल्लाह के पास से
خَيْرٌۖ
बेहतर
لَّوْ
काश
كَانُوا۟
होते वो
يَعْلَمُونَ
वो जानते

Walaw annahum amanoo waittaqaw lamathoobatun min 'indi Allahi khayrun law kanoo ya'lamoona

और यदि वे ईमान लाते और डर रखते, तो अल्लाह के यहाँ से मिलनेवाला बदला कहीं अच्छा था, यदि वे जानते (तो इसे समझ सकते)

Tafseer (तफ़सीर )

يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
لَا
ना तुम कहो
تَقُولُوا۟
ना तुम कहो
رَٰعِنَا
राइना/रिआयत कीजिए हमारी
وَقُولُوا۟
बल्कि कहो
ٱنظُرْنَا
उन्ज़ुरना/नज़र कीजिए हमारी तरफ़
وَٱسْمَعُوا۟ۗ
और सुना करो
وَلِلْكَٰفِرِينَ
और काफ़िरों के लिए
عَذَابٌ
अज़ाब है
أَلِيمٌ
दर्दनाक

Ya ayyuha allatheena amanoo la taqooloo ra'ina waqooloo onthurna waisma'oo walilkafireena 'athabun aleemun

ऐ ईमान लानेवालो! 'राइना' न कहा करो, बल्कि 'उनज़ुरना' कहा और सुना करो। और इनकार करनेवालों के लिए दुखद यातना है

Tafseer (तफ़सीर )

مَّا
नहीं
يَوَدُّ
चाहते
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
مِنْ
अहले किताब में से
أَهْلِ
अहले किताब में से
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से
وَلَا
और ना
ٱلْمُشْرِكِينَ
मुशरिकीन
أَن
कि
يُنَزَّلَ
नाज़िल की जाए
عَلَيْكُم
तुम पर
مِّنْ
कोई ख़ैर
خَيْرٍ
कोई ख़ैर
مِّن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
رَّبِّكُمْۗ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
يَخْتَصُّ
वो ख़ास कर लेता है
بِرَحْمَتِهِۦ
साथ अपनी रहमत के
مَن
जिसे
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ذُو
फ़ज़ल वाला है
ٱلْفَضْلِ
फ़ज़ल वाला है
ٱلْعَظِيمِ
बहुत बड़े

Ma yawaddu allatheena kafaroo min ahli alkitabi wala almushrikeena an yunazzala 'alaykum min khayrin min rabbikum waAllahu yakhtassu birahmatihi man yashao waAllahu thoo alfadli al'atheemi

इनकार करनेवाले नहीं चाहते, न किताबवाले और न मुशरिक (बहुदेववादी) कि तुम्हारे रब की ओर से तुमपर कोई भलाई उतरे, हालाँकि अल्लाह जिसे चाहे अपनी दयालुता के लिए ख़ास कर ले; अल्लाह बड़ा अनुग्रह करनेवाला है

Tafseer (तफ़सीर )

مَا
जो भी
نَنسَخْ
हम मनसूख़ करते हैं
مِنْ
कोई आयत
ءَايَةٍ
कोई आयत
أَوْ
या
نُنسِهَا
हम भुलवा देते हैं उसे
نَأْتِ
हम ले आते हैं
بِخَيْرٍ
बेहतर
مِّنْهَآ
उससे
أَوْ
या
مِثْلِهَآۗ
उस जैसी
أَلَمْ
क्या नहीं
تَعْلَمْ
आपने जाना
أَنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
عَلَىٰ
ऊपर
كُلِّ
हर
شَىْءٍ
चीज़ के
قَدِيرٌ
बहुत क़ुदरत रखने वाला है

Ma nansakh min ayatin aw nunsiha nati bikhayrin minha aw mithliha alam ta'lam anna Allaha 'ala kulli shayin qadeerun

हम जिस आयत (और निशान) को भी मिटा दें या उसे भुला देते है, तो उससे बेहतर लाते है या उस जैसा दूसरा ही। क्या तुम नहीं जानते हो कि अल्लाह को हर चीज़ का सामर्थ्य प्राप्त है?

Tafseer (तफ़सीर )

أَلَمْ
क्या नहीं
تَعْلَمْ
आपने जाना
أَنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
لَهُۥ
उसी के लिए है
مُلْكُ
बादशाहत
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
وَٱلْأَرْضِۗ
और ज़मीन की
وَمَا
और नहीं
لَكُم
तुम्हारे लिए
مِّن
सिवाय
دُونِ
सिवाय
ٱللَّهِ
अल्लाह के
مِن
कोई दोस्त
وَلِىٍّ
कोई दोस्त
وَلَا
और ना
نَصِيرٍ
कोई मददगार

Alam ta'lam anna Allaha lahu mulku alssamawati waalardi wama lakum min dooni Allahi min waliyyin wala naseerin

क्या तुम नहीं जानते कि आकाशों और धरती का राज्य अल्लाह ही का है और अल्लाह से हटकर न तुम्हारा कोई मित्र है और न सहायक?

Tafseer (तफ़सीर )

أَمْ
क्या
تُرِيدُونَ
तुम चाहते हो
أَن
कि
تَسْـَٔلُوا۟
तुम सवाल करो
رَسُولَكُمْ
अपने रसूल से
كَمَا
जैसा कि
سُئِلَ
सवाल किए गए
مُوسَىٰ
मूसा
مِن
इससे क़ब्ल
قَبْلُۗ
इससे क़ब्ल
وَمَن
और जो कोई
يَتَبَدَّلِ
बदले में लेगा
ٱلْكُفْرَ
कुफ़्र को
بِٱلْإِيمَٰنِ
ईमान के
فَقَدْ
तो तहक़ीक़
ضَلَّ
वो भटक गया
سَوَآءَ
सीधे
ٱلسَّبِيلِ
रास्ते से

Am tureedoona an tasaloo rasoolakum kama suila moosa min qablu waman yatabaddali alkufra bialeemani faqad dalla sawaa alssabeeli

(ऐ ईमानवालों! तुम अपने रसूल के आदर का ध्यान रखो) या तुम चाहते हो कि अपने रसूल से उसी प्रकार से प्रश्न और बात करो, जिस प्रकार इससे पहले मूसा से बात की गई है? हालाँकि जिस व्यक्ति न ईमान के बदले इनकार की नीति अपनाई, तो वह सीधे रास्ते से भटक गया

Tafseer (तफ़सीर )

وَدَّ
चाहते हैं
كَثِيرٌ
बहुत से
مِّنْ
अहले किताब में से
أَهْلِ
अहले किताब में से
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से
لَوْ
काश
يَرُدُّونَكُم
वो फेर दें तुम्हें
مِّنۢ
बाद
بَعْدِ
बाद
إِيمَٰنِكُمْ
तुम्हारे ईमान के
كُفَّارًا
काफ़िर बना कर
حَسَدًا
हसद की बिना पर
مِّنْ
पास से
عِندِ
पास से
أَنفُسِهِم
अपने नफ़्सों के
مِّنۢ
बाद उसके
بَعْدِ
बाद उसके
مَا
जो
تَبَيَّنَ
वाज़ेह हो गया
لَهُمُ
उनके लिए
ٱلْحَقُّۖ
हक़
فَٱعْفُوا۟
पस माफ़ कर दो
وَٱصْفَحُوا۟
और दरगुज़र करो
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
يَأْتِىَ
ले आए
ٱللَّهُ
अल्लाह
بِأَمْرِهِۦٓۗ
हुक्म अपना
إِنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
عَلَىٰ
ऊपर
كُلِّ
हर
شَىْءٍ
चीज़ के
قَدِيرٌ
बहुत क़ुदरत रखने वाला है

Wadda katheerun min ahli alkitabi law yaruddoonakum min ba'di eemanikum kuffaran hasadan min 'indi anfusihim min ba'di ma tabayyana lahumu alhaqqu fao'foo waisfahoo hatta yatiya Allahu biamrihi inna Allaha 'ala kulli shayin qadeerun

बहुत-से किताबवाले अपने भीतर की ईर्ष्या से चाहते है कि किसी प्रकार वे तुम्हारे ईमान लाने के बाद फेरकर तुम्हे इनकार कर देनेवाला बना दें, यद्यपि सत्य उनपर प्रकट हो चुका है, तो तुम दरगुज़र (क्षमा) से काम लो और जाने दो यहाँ तक कि अल्लाह अपना फ़ैसला लागू न कर दे। निस्संदेह अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है

Tafseer (तफ़सीर )

وَأَقِيمُوا۟
और क़ायम करो
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
وَءَاتُوا۟
और अदा करो
ٱلزَّكَوٰةَۚ
ज़कात
وَمَا
और जो भी
تُقَدِّمُوا۟
तुम आगे भेजोगे
لِأَنفُسِكُم
अपने नफ़्सों के लिए
مِّنْ
कोई ख़ैर
خَيْرٍ
कोई ख़ैर
تَجِدُوهُ
तुम पाओगे उसे
عِندَ
अल्लाह के पास
ٱللَّهِۗ
अल्लाह के पास
إِنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
بِمَا
उसको जो
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
بَصِيرٌ
ख़ूब देखने वाला है

Waaqeemoo alssalata waatoo alzzakata wama tuqaddimoo lianfusikum min khayrin tajidoohu 'inda Allahi inna Allaha bima ta'maloona baseerun

और नमाज़ कायम करो और ज़कात दो और तुम स्वयं अपने लिए जो भलाई भी पेश करोगे, उसे अल्लाह के यहाँ मौजूद पाओगे। निस्संदेह जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह उसे देख रहा है

Tafseer (तफ़सीर )