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إِنَّكُمْ
बेशक तुम
لَتَأْتُونَ
अलबत्ता तुम आते हो
ٱلرِّجَالَ
मर्दों के पास
شَهْوَةً
शहवत के लिए
مِّن
अलावा
دُونِ
अलावा
ٱلنِّسَآءِۚ
औरतों के
بَلْ
बल्कि
أَنتُمْ
तुम
قَوْمٌ
लोग हो
مُّسْرِفُونَ
हद से गुज़रने वाले

Innakum latatoona alrrijala shahwatan min dooni alnnisai bal antum qawmun musrifoona

तुम स्त्रियों को छोड़कर मर्दों से कामेच्छा पूरी करते हो, बल्कि तुम नितान्त मर्यादाहीन लोग हो

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَا
और ना
كَانَ
था
جَوَابَ
जवाब
قَوْمِهِۦٓ
उसकी क़ौम का
إِلَّآ
मगर
أَن
ये कि
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
أَخْرِجُوهُم
निकाल दो उन्हें
مِّن
अपनी बस्ती से
قَرْيَتِكُمْۖ
अपनी बस्ती से
إِنَّهُمْ
बेशक वो
أُنَاسٌ
कुछ लोग हैं
يَتَطَهَّرُونَ
जो बहुत पाक बनते हैं

Wama kana jawaba qawmihi illa an qaloo akhrijoohum min qaryatikum innahum onasun yatatahharoona

उसकी क़ौम के लोगों का उत्तर इसके अतिरिक्त और कुछ न था कि वे बोले, 'निकालो, उन लोगों को अपनी बस्ती से। ये ऐसे लोग है जो बड़े पाक-साफ़ है!'

Tafseer (तफ़सीर )

فَأَنجَيْنَٰهُ
पस निजात दी हमने उसे
وَأَهْلَهُۥٓ
और उसके घर वालों को
إِلَّا
सिवाय
ٱمْرَأَتَهُۥ
उसकी बीवी के
كَانَتْ
थी वो
مِنَ
पीछे रह जाने वालों में से
ٱلْغَٰبِرِينَ
पीछे रह जाने वालों में से

Faanjaynahu waahlahu illa imraatahu kanat mina alghabireena

फिर हमने उसे और उसके लोगों को छुटकारा दिया, सिवाय उसकी स्त्री के कि वह पीछे रह जानेवालों में से थी

Tafseer (तफ़सीर )

وَأَمْطَرْنَا
और बरसाई हमने
عَلَيْهِم
उन पर
مَّطَرًاۖ
एक बारिश
فَٱنظُرْ
तो देखो
كَيْفَ
किस तरह
كَانَ
हुआ
عَٰقِبَةُ
अंजाम
ٱلْمُجْرِمِينَ
मुजरिमों का

Waamtarna 'alayhim mataran faonthur kayfa kana 'aqibatu almujrimeena

और हमने उनपर एक बरसात बरसाई, तो देखो अपराधियों का कैसा परिणाम हुआ

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِلَىٰ
और तरफ़ मदयन के
مَدْيَنَ
और तरफ़ मदयन के
أَخَاهُمْ
उनके भाई
شُعَيْبًاۗ
शुऐब को (भेजा)
قَالَ
उसने कहा
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
ٱعْبُدُوا۟
इबादत करो
ٱللَّهَ
अल्लाह की
مَا
नहीं है
لَكُم
तुम्हारे लिए
مِّنْ
कोई इलाह (बरहक़)
إِلَٰهٍ
कोई इलाह (बरहक़)
غَيْرُهُۥۖ
उसके सिवा
قَدْ
तहक़ीक़
جَآءَتْكُم
आ चुकी तुम्हारे पास
بَيِّنَةٌ
वाज़ेह दलील
مِّن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
رَّبِّكُمْۖ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
فَأَوْفُوا۟
पस पूरा करो
ٱلْكَيْلَ
नाप
وَٱلْمِيزَانَ
और तौल को
وَلَا
और ना
تَبْخَسُوا۟
तुम कम करके दो
ٱلنَّاسَ
लोगों को
أَشْيَآءَهُمْ
चीज़ें उनकी
وَلَا
और ना
تُفْسِدُوا۟
तुम फ़साद करो
فِى
ज़मीन में
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
بَعْدَ
बाद
إِصْلَٰحِهَاۚ
उसकी इस्लाह के
ذَٰلِكُمْ
ये बात
خَيْرٌ
बेहतर है
لَّكُمْ
तुम्हारे लिए
إِن
अगर
كُنتُم
हो तुम
مُّؤْمِنِينَ
ईमान वाले

Waila madyana akhahum shu'ayban qala ya qawmi o'budoo Allaha ma lakum min ilahin ghayruhu qad jaatkum bayyinatun min rabbikum faawfoo alkayla waalmeezana wala tabkhasoo alnnasa ashyaahum wala tufsidoo fee alardi ba'da islahiha thalikum khayrun lakum in kuntum mumineena

और मदयनवालों की ओर हमने उनके भाई शुऐब को भेजा। उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगों! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके अतिरिक्त तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण आ चुका है। तो तुम नाप और तौल पूरी-पूरी करो, और लोगों को उनकी चीज़ों में घाटा न दो, और धरती में उसकी सुधार के पश्चात बिगाड़ पैदा न करो। यही तुम्हारे लिए अच्छा है, यदि तुम ईमानवाले हो

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَا
और ना
تَقْعُدُوا۟
तुम बैठो
بِكُلِّ
हर रास्ते पर
صِرَٰطٍ
हर रास्ते पर
تُوعِدُونَ
तुम धमकाते हो
وَتَصُدُّونَ
और तुम रोकते हो
عَن
अल्लाह के रास्ते से
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते से
مَنْ
उसे जो
ءَامَنَ
ईमान लाया
بِهِۦ
उस पर
وَتَبْغُونَهَا
और तुम तलाश करते हो उसमें
عِوَجًاۚ
टेढ़ापन
وَٱذْكُرُوٓا۟
और याद करो
إِذْ
जब
كُنتُمْ
थे तुम
قَلِيلًا
थोड़े
فَكَثَّرَكُمْۖ
तो उसने ज़्यादा कर दिया तुम्हें
وَٱنظُرُوا۟
और देखो
كَيْفَ
किस तरह
كَانَ
हुआ
عَٰقِبَةُ
अंजाम
ٱلْمُفْسِدِينَ
फ़साद करने वालों का

Wala taq'udoo bikulli siratin too'idoona watasuddoona 'an sabeeli Allahi man amana bihi watabghoonaha 'iwajan waothkuroo ith kuntum qaleelan fakaththarakum waonthuroo kayfa kana 'aqibatu almufsideena

'और प्रत्येक मार्ग पर इसलिए न बैठो कि धमकियाँ दो और उस व्यक्ति को अल्लाह के मार्ग से रोकने लगो जो उसपर ईमान रखता हो और न उस मार्ग को टेढ़ा करने में लग जाओ। याद करो, वह समय जब तुम थोड़े थे, फिर उसने तुम्हें अधिक कर दिया। और देखो, बिगाड़ पैदा करनेवालो का कैसा परिणाम हुआ

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِن
और अगरचे
كَانَ
है
طَآئِفَةٌ
एक गिरोह
مِّنكُمْ
तुम में से
ءَامَنُوا۟
जो ईमान लाया
بِٱلَّذِىٓ
उस चीज़ पर जो
أُرْسِلْتُ
भेजा गया हूँ मैं
بِهِۦ
साथ जिसके
وَطَآئِفَةٌ
और एक गिरोह
لَّمْ
नहीं
يُؤْمِنُوا۟
वो ईमान लाया
فَٱصْبِرُوا۟
पस सब्र करो
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
يَحْكُمَ
फ़ैसला कर दे
ٱللَّهُ
अल्लाह
بَيْنَنَاۚ
दर्मियान हमारे
وَهُوَ
और वो
خَيْرُ
बेहतरीन है
ٱلْحَٰكِمِينَ
फ़ैसला करने वालों में

Wain kana taifatun minkum amanoo biallathee orsiltu bihi wataifatun lam yuminoo faisbiroo hatta yahkuma Allahu baynana wahuwa khayru alhakimeena

'और यदि तुममें एक गिरोह ऐसा है, जो उसपर ईमान लाया है, जिसके साथ मैं भेजा गया हूँ और एक गिरोह ऐसा है, जो उसपर ईमान लाया है, जिसके साथ मैं भेजा गया हूँ और एक गिरोह ईमान नहीं लाया, तो धैर्य से काम लो, यहाँ तक कि अल्लाह हमारे बीच फ़ैसला कर दे। और वह सबसे अच्छा फ़ैसला करनेवाला है।'

Tafseer (तफ़सीर )

قَالَ
कहा
ٱلْمَلَأُ
सरदारों ने
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
ٱسْتَكْبَرُوا۟
तकब्बुर किया
مِن
उसकी क़ौम में से
قَوْمِهِۦ
उसकी क़ौम में से
لَنُخْرِجَنَّكَ
अलबत्ता हम ज़रूर निकाल देंगे तुझे
يَٰشُعَيْبُ
ऐ शुऐब
وَٱلَّذِينَ
और उन्हें जो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हैं
مَعَكَ
साथ तेरे
مِن
अपनी बस्ती से
قَرْيَتِنَآ
अपनी बस्ती से
أَوْ
या
لَتَعُودُنَّ
अलबत्ता तुम ज़रूर पलटोगे
فِى
हमारी मिल्लत में
مِلَّتِنَاۚ
हमारी मिल्लत में
قَالَ
उसने कहा
أَوَلَوْ
क्या भला अगरचे
كُنَّا
हों हम
كَٰرِهِينَ
नापसंद करने वाले

Qala almalao allatheena istakbaroo min qawmihi lanukhrijannaka ya shu'aybu waallatheena amanoo ma'aka min qaryatina aw lata'oodunna fee millatina qala awalaw kunna kariheena

उनकी क़ौम के सरदारों ने, जो घमंड में पड़े थे, कहा, 'ऐ शुऐब! हम तुझे और तेरे साथ उन लोगों को, जो ईमान लाए है, अपनी बस्ती से निकालकर रहेंगे। या फिर तुम हमारे पन्थ में लौट आओ।' उसने कहा, 'क्या (तुम यही चाहोगे) यद्यपि यह हमें अप्रिय हो जब भी?

Tafseer (तफ़सीर )

قَدِ
तहक़ीक़
ٱفْتَرَيْنَا
गढ़ लिया हमने
عَلَى
अल्लाह पर
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
كَذِبًا
झूठ
إِنْ
अगर
عُدْنَا
पलटें हम
فِى
तुम्हारी मिल्लत में
مِلَّتِكُم
तुम्हारी मिल्लत में
بَعْدَ
बाद इसके
إِذْ
जब
نَجَّىٰنَا
निजात दी हमें
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
مِنْهَاۚ
उससे
وَمَا
और नहीं
يَكُونُ
है (जायज़)
لَنَآ
हमारे लिए
أَن
कि
نَّعُودَ
हम पलटें
فِيهَآ
उसमें
إِلَّآ
मगर
أَن
ये कि
يَشَآءَ
चाहे
ٱللَّهُ
अल्लाह
رَبُّنَاۚ
जो रब है हमारा
وَسِعَ
घेर रखा है
رَبُّنَا
हमारे रब ने
كُلَّ
हर
شَىْءٍ
चीज़ पर
عِلْمًاۚ
इल्म के ऐतबार से
عَلَى
अल्लाह ही पर
ٱللَّهِ
अल्लाह ही पर
تَوَكَّلْنَاۚ
तवक्कल किया हमने
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
ٱفْتَحْ
फ़ैसला कर दे
بَيْنَنَا
दर्मियान हमारे
وَبَيْنَ
और दर्मियान
قَوْمِنَا
हमारी क़ौम के
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
وَأَنتَ
और तू
خَيْرُ
बेहतर है
ٱلْفَٰتِحِينَ
सब फ़ैसला करने वालों से

Qadi iftarayna 'ala Allahi kathiban in 'udna fee millatikum ba'da ith najjana Allahu minha wama yakoonu lana an na'ooda feeha illa an yashaa Allahu rabbuna wasi'a rabbuna kulla shayin 'ilman 'ala Allahi tawakkalna rabbana iftah baynana wabayna qawmina bialhaqqi waanta khayru alfatiheena

'हम अल्लाह पर झूठ घड़नेवाले ठहरेंगे, यदि तुम्हारे पन्थ में लौट आएँ, इसके बाद कि अल्लाह ने हमें उससे छुटकारा दे दिया है। यह हमसे तो होने का नहीं कि हम उसमें पलट कर जाएँ, बल्कि हमारे रब अल्लाह की इच्छा ही क्रियान्वित है। ज्ञान की स्पष्ट से हमारा रब हर चीज़ को अपने घेरे में लिए हुए है। हमने अल्लाह ही पर भरोसा किया है। हमारे रब, हमारे और हमारी क़ौम के बीच निश्चित अटल फ़ैसला कर दे। और तू सबसे अच्छा फ़ैसला करनेवाला है।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالَ
और कहा
ٱلْمَلَأُ
सरदारों ने
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
مِن
उसकी क़ौम में से
قَوْمِهِۦ
उसकी क़ौम में से
لَئِنِ
अलबत्ता अगर
ٱتَّبَعْتُمْ
पैरवी की तुमने
شُعَيْبًا
शुऐब की
إِنَّكُمْ
बेशक तुम
إِذًا
तब
لَّخَٰسِرُونَ
अलबत्ता ख़सारा पाने वाले हो

Waqala almalao allatheena kafaroo min qawmihi laini ittaba'tum shu'ayban innakum ithan lakhasiroona

और क़ौम के सरदार, जिन्होंने इनकार किया था, बोले, 'यदि तुम शुऐब के अनुयायी बने तो तुम घाटे में पड़ जाओगे।'

Tafseer (तफ़सीर )