Skip to main content

إِنَّ
बेशक
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
جَآءُو
लाए हैं
بِٱلْإِفْكِ
बोहतान
عُصْبَةٌ
एक गिरोह हैं
مِّنكُمْۚ
तुम में से
لَا
ना तुम समझो उसे
تَحْسَبُوهُ
ना तुम समझो उसे
شَرًّا
बुरा
لَّكُمۖ
अपने लिए
بَلْ
बल्कि
هُوَ
वो
خَيْرٌ
अच्छा है
لَّكُمْۚ
तुम्हारे लिए
لِكُلِّ
वास्ते हर
ٱمْرِئٍ
शख़्स के है
مِّنْهُم
उनमें से
مَّا
जो
ٱكْتَسَبَ
उसने कमाया
مِنَ
गुनाह से
ٱلْإِثْمِۚ
गुनाह से
وَٱلَّذِى
और वो जिसने
تَوَلَّىٰ
उठाया
كِبْرَهُۥ
बड़ा (बोझ) उसका
مِنْهُمْ
उनमें से
لَهُۥ
उसके लिए
عَذَابٌ
अज़ाब है
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा

Inna allatheena jaoo bialifki 'usbatun minkum la tahsaboohu sharran lakum bal huwa khayrun lakum likulli imriin minhum ma iktasaba mina alithmi waallathee tawalla kibrahu minhum lahu 'athabun 'atheemun

जो लोग तोहमत घड़ लाए है वे तुम्हारे ही भीतर की एक टोली है। तुम उसे अपने लिए बुरा मत समझो, बल्कि वह भी तुम्हारे लिए अच्छा ही है। उनमें से प्रत्येक व्यक्ति के लिए उतना ही हिस्सा है जितना गुनाह उसने कमाया, और उनमें से जिस व्यक्ति ने उसकी ज़िम्मेदारी का एक बड़ा हिस्सा अपने सिर लिया उसके लिए बड़ा यातना है

Tafseer (तफ़सीर )

لَّوْلَآ
क्यों ना
إِذْ
जब
سَمِعْتُمُوهُ
सुना तुमने उसे
ظَنَّ
गुमान किया
ٱلْمُؤْمِنُونَ
मोमिन मर्दों ने
وَٱلْمُؤْمِنَٰتُ
और मोमिन औरतों ने
بِأَنفُسِهِمْ
अपने बारे में
خَيْرًا
अच्छा
وَقَالُوا۟
और कहा उन्होंने
هَٰذَآ
ये है
إِفْكٌ
बोहतान
مُّبِينٌ
खुला

Lawla ith sami'tumoohu thanna almuminoona waalmuminatu bianfusihim khayran waqaloo hatha ifkun mubeenun

ऐसा क्यों न हुआ कि जब तुम लोगों ने उसे सुना था, तब मोमिन पुरुष और मोमिन स्त्रियाँ अपने आपसे अच्छा गुमान करते और कहते कि 'यह तो खुली तोहमत है?'

Tafseer (तफ़सीर )

لَّوْلَا
क्यों ना
جَآءُو
वो लाए
عَلَيْهِ
उस पर
بِأَرْبَعَةِ
चार
شُهَدَآءَۚ
गवाह
فَإِذْ
फिर जब
لَمْ
नहीं
يَأْتُوا۟
वो लाए
بِٱلشُّهَدَآءِ
गवाहों को
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
عِندَ
अल्लाह के यहाँ
ٱللَّهِ
अल्लाह के यहाँ
هُمُ
वो
ٱلْكَٰذِبُونَ
जो झूठे हैं

Lawla jaoo 'alayhi biarba'ati shuhadaa faith lam yatoo bialshshuhadai faolaika 'inda Allahi humu alkathiboona

आख़िर वे इसपर चार गवाह क्यों न लाए? अब जबकि वे गवाह नहीं लाए, तो अल्लाह की स्पष्ट में वही झूठे है

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْلَا
और अगर ना होता
فَضْلُ
फ़ज़ल
ٱللَّهِ
अल्लाह का
عَلَيْكُمْ
तुम पर
وَرَحْمَتُهُۥ
और रहमत उसकी
فِى
दुनिया में
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
وَٱلْءَاخِرَةِ
और आख़िरत में
لَمَسَّكُمْ
यक़ीनन पहुँचता तुम्हें
فِى
उसमें से जो
مَآ
उसमें से जो
أَفَضْتُمْ
पड़ गए थे तुम
فِيهِ
जिसमें
عَذَابٌ
अज़ाब
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा

Walawla fadlu Allahi 'alaykum warahmatuhu fee alddunya waalakhirati lamassakum fee ma afadtum feehi 'athabun 'atheemun

यदि तुमपर दुनिया और आख़िरत में अल्लाह की उदार कृपा और उसकी दयालुता न होती तो जिस बात में तुम पड़ गए उसके कारण तुम्हें एक बड़ी यातना आ लेती

Tafseer (तफ़सीर )

إِذْ
जब
تَلَقَّوْنَهُۥ
तुम ले रहे थे उसे
بِأَلْسِنَتِكُمْ
अपनी ज़बानों से
وَتَقُولُونَ
और तुम कह रहे थे
بِأَفْوَاهِكُم
अपने मुँहों से
مَّا
वो जो
لَيْسَ
नहीं (था)
لَكُم
तुम्हें
بِهِۦ
जिसका
عِلْمٌ
कोई इल्म
وَتَحْسَبُونَهُۥ
और तुम समझ रहे थे उसे
هَيِّنًا
मामूली
وَهُوَ
हालाँकि वो
عِندَ
नज़दीक
ٱللَّهِ
अल्लाह के
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा था

Ith talaqqawnahu bialsinatikum wataqooloona biafwahikum ma laysa lakum bihi 'ilmun watahsaboonahu hayyinan wahuwa 'inda Allahi 'atheemun

सोचो, जब तुम एक-दूसरे से उस (झूठ) को अपनी ज़बानों पर लेते जा रहे थे और तुम अपने मुँह से वह कुछ कहे जो रहे थे, जिसके विषय में तुम्हें कोई ज्ञान न था और तुम उसे एक साधारण बात समझ रहे थे; हालाँकि अल्लाह के निकट वह एक भारी बात थी

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْلَآ
और क्यों ना
إِذْ
जब
سَمِعْتُمُوهُ
सुना था तुमने उसे
قُلْتُم
कहा तुमने
مَّا
नहीं
يَكُونُ
है
لَنَآ
हमारे लिए
أَن
कि
نَّتَكَلَّمَ
हम कलाम करें
بِهَٰذَا
साथ इस( बात) के
سُبْحَٰنَكَ
पाक है तू
هَٰذَا
ये है
بُهْتَٰنٌ
बोहतान
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा

Walawla ith sami'tumoohu qultum ma yakoonu lana an natakallama bihatha subhanaka hatha buhtanun 'atheemun

और ऐसा क्यों न हुआ कि जब तुमने उसे सुना था तो कह देते, 'हमारे लिए उचित नहीं कि हम ऐसी बात ज़बान पर लाएँ। महान और उच्च है तू (अल्लाह)! यह तो एक बड़ी तोहमत है?'

Tafseer (तफ़सीर )

يَعِظُكُمُ
नसीहत करता है तुम्हें
ٱللَّهُ
अल्लाह
أَن
कि
تَعُودُوا۟
(ना) तुम दोबारा करना
لِمِثْلِهِۦٓ
इस जैसा
أَبَدًا
कभी भी
إِن
अगर
كُنتُم
हो तुम
مُّؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Ya'ithukumu Allahu an ta'oodoo limithlihi abadan in kuntum mumineena

अल्लाह तुम्हें नसीहत करता है कि फिर कभी ऐसा न करना, यदि तुम मोमिन हो

Tafseer (तफ़सीर )

وَيُبَيِّنُ
और बयान करता है
ٱللَّهُ
अल्लाह
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
ٱلْءَايَٰتِۚ
आयात को
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
عَلِيمٌ
ख़ूब इल्म वाला है
حَكِيمٌ
ख़ूब हिकमत वाला है

Wayubayyinu Allahu lakumu alayati waAllahu 'aleemun hakeemun

अल्लाह तो आयतों को तुम्हारे लिए खोल-खोलकर बयान करता है। अल्लाह तो सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है

Tafseer (तफ़सीर )

إِنَّ
बेशक
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
يُحِبُّونَ
पसंद करते हैं
أَن
कि
تَشِيعَ
फैले
ٱلْفَٰحِشَةُ
बेहयाई
فِى
उन लोगों में जो
ٱلَّذِينَ
उन लोगों में जो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
لَهُمْ
उनके लिए
عَذَابٌ
अज़ाब है
أَلِيمٌ
दर्दनाक
فِى
दुनिया में
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
وَٱلْءَاخِرَةِۚ
और आख़िरत में
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
يَعْلَمُ
जानता है
وَأَنتُمْ
और तुम
لَا
नहीं तुम जानते
تَعْلَمُونَ
नहीं तुम जानते

Inna allatheena yuhibboona an tashee'a alfahishatu fee allatheena amanoo lahum 'athabun aleemun fee alddunya waalakhirati waAllahu ya'lamu waantum la ta'lamoona

जो लोग चाहते है कि उन लोगों में जो ईमान लाए है, अश्लीहलता फैले, उनके लिए दुनिया और आख़िरत (लोक-परलोक) में दुखद यातना है। और अल्लाह बड़ा करुणामय, अत्यन्त दयावान है

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْلَا
और अगर ना होता
فَضْلُ
फ़ज़ल
ٱللَّهِ
अल्लाह का
عَلَيْكُمْ
तुम पर
وَرَحْمَتُهُۥ
और रहमत उसकी
وَأَنَّ
और बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
رَءُوفٌ
बहुत शफ़्क़त करने वाला है
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Walawla fadlu Allahi 'alaykum warahmatuhu waanna Allaha raoofun raheemun

और यदि तुमपर अल्लाह का उदार अनुग्रह और उसकी दयालुता न होती (तॊ अवश्य ही तुमपर यातना आ जाती) और यह कि अल्लाह बड़ा करुणामय, अत्यन्त दयावान है।

Tafseer (तफ़सीर )