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أَنِ
कि
ٱعْمَلْ
बनाओ
سَٰبِغَٰتٍ
कुशादह ज़रहें
وَقَدِّرْ
और अंदाज़े पर रखो
فِى
हल्क़े में
ٱلسَّرْدِۖ
हल्क़े में
وَٱعْمَلُوا۟
और अमल करो
صَٰلِحًاۖ
नेक
إِنِّى
बेशक मैं
بِمَا
उसे जो
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
بَصِيرٌ
ख़ूब देखने वाला हूँ

Ani i'mal sabighatin waqaddir fee alssardi wai'maloo salihan innee bima ta'maloona baseerun

कि 'पूरी कवचें बना और कड़ियों को ठीक अंदाज़ें से जोड।' - और तुम अच्छा कर्म करो। निस्संदेह जो कुछ तुम करते हो उसे मैं देखता हूँ

Tafseer (तफ़सीर )

وَلِسُلَيْمَٰنَ
और सुलैमान के लिए
ٱلرِّيحَ
हवा को(मुसख़्खर किया)
غُدُوُّهَا
सुबह का चलना उसका
شَهْرٌ
एक माह का
وَرَوَاحُهَا
और शाम का चलना उसका
شَهْرٌۖ
एक माह का
وَأَسَلْنَا
और बहा दिया हमने
لَهُۥ
उसके लिए
عَيْنَ
चश्मा
ٱلْقِطْرِۖ
पिघले हुए ताँबे का
وَمِنَ
और जिन्नों में से
ٱلْجِنِّ
और जिन्नों में से
مَن
जो
يَعْمَلُ
काम करते थे
بَيْنَ
उसके सामने
يَدَيْهِ
उसके सामने
بِإِذْنِ
इज़्न से
رَبِّهِۦۖ
उसके रब के
وَمَن
और जो
يَزِغْ
सरकशी करता
مِنْهُمْ
उनमें से
عَنْ
हमारे हुक्म से
أَمْرِنَا
हमारे हुक्म से
نُذِقْهُ
हम चखाते उसे
مِنْ
अज़ाब से
عَذَابِ
अज़ाब से
ٱلسَّعِيرِ
भड़कती हुई आग के

Walisulaymana alrreeha ghuduwwuha shahrun warawahuha shahrun waasalna lahu 'ayna alqitri wamina aljinni man ya'malu bayna yadayhi biithni rabbihi waman yazigh minhum 'an amrina nuthiqhu min 'athabi alssa'eeri

और सुलैमान के लिए वायु को वशीभुत कर दिया था। प्रातः समय उसका चलना एक महीने की राह तक और सायंकाल को उसका चलना एक महीने की राह तक - और हमने उसके लिए पिघले हुए ताँबे का स्रोत बहा दिया - और जिन्नों में से भी कुछ को (उसके वशीभूत कर दिया था,) जो अपने रब की अनुज्ञा से उसके आगे काम करते थे। (हमारा आदेशा था,) 'उनमें से जो हमारे हुक्म से फिरेगा उसे हम भडकती आग का मज़ा चखाएँगे।'

Tafseer (तफ़सीर )

يَعْمَلُونَ
वो बनाते
لَهُۥ
उसके लिए
مَا
जो
يَشَآءُ
वो चाहता
مِن
बड़ी-बड़ी इमारतें
مَّحَٰرِيبَ
बड़ी-बड़ी इमारतें
وَتَمَٰثِيلَ
और मुजस्समे
وَجِفَانٍ
और लगन
كَٱلْجَوَابِ
हौज़ की तरह
وَقُدُورٍ
और देगें
رَّاسِيَٰتٍۚ
गड़ी हुईं
ٱعْمَلُوٓا۟
अमल करो
ءَالَ
ऐ आले दाऊद
دَاوُۥدَ
ऐ आले दाऊद
شُكْرًاۚ
शुक्र करने के लिए
وَقَلِيلٌ
और कम ही हैं
مِّنْ
मेरे बन्दों में से
عِبَادِىَ
मेरे बन्दों में से
ٱلشَّكُورُ
शुक्र गुज़ार

Ya'maloona lahu ma yashao min mahareeba watamatheela wajifanin kaaljawabi waqudoorin rasiyatin i'maloo ala dawooda shukran waqaleelun min 'ibadiya alshshakooru

वे उसके लिए बनाते, जो कुछ वह चाहता - बड़े-बड़े भवन, प्रतिमाएँ, बड़े हौज़ जैसे थाल और जमी रहनेवाली देगें - 'ऐ दाऊद के लोगों! कर्म करो, कृतज्ञता दिखाने रूप में। मेरे बन्दों में कृतज्ञ थोड़े ही हैं।'

Tafseer (तफ़सीर )

فَلَمَّا
फिर जब
قَضَيْنَا
मुक़र्रर किया हमने
عَلَيْهِ
उस पर
ٱلْمَوْتَ
मौत को
مَا
ना
دَلَّهُمْ
ख़बर दी उनको
عَلَىٰ
उसकी मौत की
مَوْتِهِۦٓ
उसकी मौत की
إِلَّا
मगर
دَآبَّةُ
कीड़े ने
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन के
تَأْكُلُ
वो खाता रहा
مِنسَأَتَهُۥۖ
उसका असा
فَلَمَّا
फिर जब
خَرَّ
वो गिर पड़ा
تَبَيَّنَتِ
वाज़ेह हो गया
ٱلْجِنُّ
जिन्नों पर
أَن
कि
لَّوْ
अगर
كَانُوا۟
होते वो
يَعْلَمُونَ
वो इल्म रखते
ٱلْغَيْبَ
ग़ैब का
مَا
ना
لَبِثُوا۟
वो रहते
فِى
अज़ाब में
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब में
ٱلْمُهِينِ
रुस्वाकुन

Falamma qadayna 'alayhi almawta ma dallahum 'ala mawtihi illa dabbatu alardi takulu minsaatahu falamma kharra tabayyanati aljinnu an law kanoo ya'lamoona alghayba ma labithoo fee al'athabi almuheeni

फिर जब हमने उसके लिए मौत का फ़ैसला लागू किया तो फिर उन जिन्नों को उसकी मौत का पता बस भूमि के उस कीड़े ने दिया जो उसकी लाठी को खा रहा था। फिर जब वह गिर पड़ा, तब जिन्नों पर प्रकट हुआ कि यदि वे परोक्ष के जाननेवाले होते तो इस अपमानजनक यातना में पड़े न रहते

Tafseer (तफ़सीर )

لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
كَانَ
थी
لِسَبَإٍ
सबा के लिए
فِى
उनके घरों में
مَسْكَنِهِمْ
उनके घरों में
ءَايَةٌۖ
एक निशानी
جَنَّتَانِ
दो बाग़
عَن
दाऐं तरफ़
يَمِينٍ
दाऐं तरफ़
وَشِمَالٍۖ
और बाऐं तरफ़
كُلُوا۟
खाओ
مِن
रिज़्क़ में से
رِّزْقِ
रिज़्क़ में से
رَبِّكُمْ
अपने रब के
وَٱشْكُرُوا۟
और शुक्र करो
لَهُۥۚ
उसका
بَلْدَةٌ
शहर है
طَيِّبَةٌ
पाकीज़ा
وَرَبٌّ
और रब है
غَفُورٌ
ख़ूब बख़्शने वाला

Laqad kana lisabain fee maskanihim ayatun jannatani 'an yameenin washimalin kuloo min rizqi rabbikum waoshkuroo lahu baldatun tayyibatun warabbun ghafoorun

सबा के लिए उनके निवास-स्थान ही में एक निशानी थी - दाएँ और बाएँ दो बाग, 'खाओ अपने रब की रोज़ी, और उसके प्रति आभार प्रकट करो। भूमि भी अच्छी-सी और रब भी क्षमाशील।'

Tafseer (तफ़सीर )

فَأَعْرَضُوا۟
फिर वो मुँह मोड़ गए
فَأَرْسَلْنَا
तो भेजा हमने
عَلَيْهِمْ
उन पर
سَيْلَ
सैलाब
ٱلْعَرِمِ
बँद तोड़
وَبَدَّلْنَٰهُم
और बदल कर दिए हमने उन्हें
بِجَنَّتَيْهِمْ
बदले उनके दो बाग़ों के
جَنَّتَيْنِ
दो बाग़
ذَوَاتَىْ
बदमज़ह फलों वाले
أُكُلٍ
बदमज़ह फलों वाले
خَمْطٍ
बदमज़ह फलों वाले
وَأَثْلٍ
और झाओ के दरख़्त
وَشَىْءٍ
और कुछ
مِّن
बेरी के दरख़्त
سِدْرٍ
बेरी के दरख़्त
قَلِيلٍ
थोड़े से

Faa'radoo faarsalna 'alayhim sayla al'arimi wabaddalnahum bijannatayhim jannatayni thawatay okulin khamtin waathlin washayin min sidrin qaleelin

किन्तु वे ध्यान में न लाए तो हमने उनपर बँध-तोड़ बाढ़ भेज दी और उनके दोनों बाग़ों के बदले में उन्हें दो दूसरे बाग़ दिए, जिनमें कड़वे-कसैले फल और झाड़ थे, और कुछ थोड़ी-सी झड़-बेरियाँ

Tafseer (तफ़सीर )

ذَٰلِكَ
ये
جَزَيْنَٰهُم
बदला दिया हमने उन्हें
بِمَا
बवजह उसके जो
كَفَرُوا۟ۖ
उन्होंने नाशुक्री की
وَهَلْ
और नहीं
نُجَٰزِىٓ
हम बदला/सज़ा देते
إِلَّا
मगर
ٱلْكَفُورَ
सख़्त नाशुक्रे को

Thalika jazaynahum bima kafaroo wahal nujazee illa alkafoora

यह बदला हमने उन्हें इसलिए दिया कि उन्होंने कृतध्नता दिखाई। ऐसा बदला तो हम कृतध्न लोगों को ही देते है

Tafseer (तफ़सीर )

وَجَعَلْنَا
और बनाईं थीं हमने
بَيْنَهُمْ
दर्मियान उनके
وَبَيْنَ
और दर्मियान
ٱلْقُرَى
उन बस्तियों के
ٱلَّتِى
वो जो
بَٰرَكْنَا
बरकत दी हमने
فِيهَا
जिन में
قُرًى
बस्तियाँ
ظَٰهِرَةً
ज़ाहिर/नुमायाँ
وَقَدَّرْنَا
और अंदाज़े पर रखी हमने
فِيهَا
उनमें
ٱلسَّيْرَۖ
मसाफ़त
سِيرُوا۟
चले फिरो
فِيهَا
उसमें
لَيَالِىَ
रातों को
وَأَيَّامًا
और दिनों को
ءَامِنِينَ
अमन से रहने वाले

Waja'alna baynahum wabayna alqura allatee barakna feeha quran thahiratan waqaddarna feeha alssayra seeroo feeha layaliya waayyaman amineena

और हमने उनके और उन बस्तियों के बीच जिनमें हमने बरकत रखी थी प्रत्यक्ष बस्तियाँ बसाई और उनमें सफ़र की मंज़िलें ख़ास अंदाज़े पर रखीं, 'उनमें रात-दिन निश्चिन्त होकर चलो फिरो!'

Tafseer (तफ़सीर )

فَقَالُوا۟
तो उन्होंने कहा
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
بَٰعِدْ
दूरी पैदा कर दे
بَيْنَ
दर्मियान
أَسْفَارِنَا
हमारे सफ़रों के
وَظَلَمُوٓا۟
और उन्होंने ज़ुल्म किया
أَنفُسَهُمْ
अपनी जानों पर
فَجَعَلْنَٰهُمْ
तो बना दिया हमने उन्हें
أَحَادِيثَ
बातें/अफ़साने
وَمَزَّقْنَٰهُمْ
और रेज़ा-रेज़ा कर दिया हमने उन्हें
كُلَّ
हर तरह
مُمَزَّقٍۚ
रेज़ा-रेज़ा करना
إِنَّ
यक़ीनन
فِى
इसमें
ذَٰلِكَ
इसमें
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
لِّكُلِّ
वास्ते हर
صَبَّارٍ
बहुत सब्र करने वाले
شَكُورٍ
शुक्र गुज़ार के

Faqaloo rabbana ba'id bayna asfarina wathalamoo anfusahum faja'alnahum ahadeetha wamazzaqnahum kulla mumazzaqin inna fee thalika laayatin likulli sabbarin shakoorin

किन्तु उन्होंने कहा, 'ऐ हमारे रब! हमारी यात्राओं में दूरी कर दे।' उन्होंने स्वयं अपने ही ऊपर ज़ुल्म किया। अन्ततः हम उन्हें (अतीत की) कहानियाँ बनाकर रहे, औऱ उन्हें बिल्कुल छिन्न-भिन्न कर डाला। निश्चय ही इसमें निशानियाँ है प्रत्येक बड़े धैर्यवान, कृतज्ञ के लिए

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक
صَدَّقَ
सच कर दिखाया
عَلَيْهِمْ
उन पर
إِبْلِيسُ
इब्लीस ने
ظَنَّهُۥ
गुमान अपना
فَٱتَّبَعُوهُ
तो उन्होंने पैरवी की उसकी
إِلَّا
सिवाए
فَرِيقًا
एक गिरोह के
مِّنَ
मोमिनों में से
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों में से

Walaqad saddaqa 'alayhim ibleesu thannahu faittaba'oohu illa fareeqan mina almumineena

इबलीस ने उनके विषय में अपना गुमान सत्य पाया और ईमानवालो के एक गिरोह के सिवा उन्होंने उसी का अनुसरण किया

Tafseer (तफ़सीर )