Watharnee waalmukaththibeena olee alnna'mati wamahhilhum qaleelan
और तुम मुझे और झूठलानेवाले सुख-सम्पन्न लोगों को छोड़ दो और उन्हें थोड़ी मुहलत दो
Inna ladayna ankalan wajaheeman
निश्चय ही हमारे पास बेड़ियाँ है और भड़कती हुई आग
Wata'aman tha ghussatin wa'athaban aleeman
और गले में अटकनेवाला भोजन है और दुखद यातना,
Yawma tarjufu alardu waaljibalu wakanati aljibalu katheeban maheelan
जिस दिन धरती और पहाड़ काँप उठेंगे, और पहाड़ रेत के ऐसे ढेर होकर रह जाएगे जो बिखरे जा रहे होंगे
Inna arsalna ilaykum rasoolan shahidan 'alaykum kama arsalna ila fir'awna rasoolan
निश्चय ही हुमने तुम्हारी ओर एक रसूल तुमपर गवाह बनाकर भेजा है, जिस प्रकार हमने फ़़िरऔन की ओर एक रसूल भेजा था
Fa'asa fir'awnu alrrasoola faakhathnahu akhthan wabeelan
किन्तु फ़िरऔन ने रसूल की अवज्ञा कि, तो हमने उसे पकड़ लिया और यह पकड़ सख़्त वबाल थी
Fakayfa tattaqoona in kafartum yawman yaj'alu alwildana sheeban
यदि तुमने इनकार किया तो उस दिन से कैसे बचोगे जो बच्चों को बूढा कर देगा?
Alssamao munfatirun bihi kana wa'duhu maf'oolan
आकाश उसके कारण फटा पड़ रहा है, उसका वादा तो पूरा ही होना है
Inna hathihi tathkiratun faman shaa ittakhatha ila rabbihi sabeelan
निश्चय ही यह एक अनुस्मृति है। अब जो चाहे अपने रब की ओर मार्ग ग्रहण कर ले
Inna rabbaka ya'lamu annaka taqoomu adna min thuluthayi allayli wanisfahu wathuluthahu wataifatun mina allatheena ma'aka waAllahu yuqaddiru allayla waalnnahara 'alima an lan tuhsoohu fataba 'alaykum faiqraoo ma tayassara mina alqurani 'alima an sayakoonu minkum marda waakharoona yadriboona fee alardi yabtaghoona min fadli Allahi waakharoona yuqatiloona fee sabeeli Allahi faiqraoo ma tayassara minhu waaqeemoo alssalata waatoo alzzakata waaqridoo Allaha qardan hasanan wama tuqaddimoo lianfusikum min khayrin tajidoohu 'inda Allahi huwa khayran waa'thama ajran waistaghfiroo Allaha inna Allaha ghafoorun raheemun
निस्संदेह तुम्हारा रब जानता है कि तुम लगभग दो तिहाई रात, आधी रात और एक तिहाई रात तक (नमाज़ में) खड़े रहते हो, और एक गिरोंह उन लोगों में से भी जो तुम्हारे साथ है, खड़ा होता है। और अल्लाह रात और दिन की घट-बढ़ नियत करता है। उसे मालूम है कि तुम सब उसका निर्वाह न कर सकोगे, अतः उसने तुमपर दया-दृष्टि की। अब जितना क़ुरआन आसानी से हो सके पढ़ लिया करो। उसे मालूम है कि तुममे से कुछ बीमार भी होंगे, और कुछ दूसरे लोग अल्लाह के उदार अनुग्रह (रोज़ी) को ढूँढ़ते हुए धरती में यात्रा करेंगे, कुछ दूसरे लोग अल्लाह के मार्ग में युद्ध करेंगे। अतः उसमें से जितना आसानी से हो सके पढ़ लिया करो, और नमाज़ क़ायम करो और ज़कात देते रहो, और अल्लाह को ऋण दो, अच्छा ऋण। तुम जो भलाई भी अपने लिए (आगे) भेजोगे उसे अल्लाह के यहाँ अत्युत्तम और प्रतिदान की दृष्टि से बहुत बढ़कर पाओगे। और अल्लाह से माफ़ी माँगते रहो। बेशक अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है