مُّطَاعٍ
इताअत किया जाता है
ثَمَّ
वहाँ
أَمِينٍ
अमानतदार है
Muta'in thamma ameenin
उसका आदेश माना जाता है, वहाँ वह विश्वासपात्र है
وَمَا
और नहीं
صَاحِبُكُم
साथी तुम्हारा
بِمَجْنُونٍ
कोई मजनून
Wama sahibukum bimajnoonin
तुम्हारा साथी कोई दीवाना नहीं,
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
رَءَاهُ
उसने देखा उसे
بِٱلْأُفُقِ
आसमान के किनारे पर
ٱلْمُبِينِ
खुले
Walaqad raahu bialofuqi almubeeni
उसने तो (पराकाष्ठान के) प्रत्यक्ष क्षितिज पर होकर उस (फ़रिश्ते) को देखा है
وَمَا
और नहीं
هُوَ
वो
عَلَى
ग़ैब पर
ٱلْغَيْبِ
ग़ैब पर
بِضَنِينٍ
हरगिज़ बख़ील
Wama huwa 'ala alghaybi bidaneenin
और वह परोक्ष के मामले में कृपण नहीं है,
وَمَا
और नहीं है
هُوَ
वो
بِقَوْلِ
क़ौल
شَيْطَٰنٍ
शैतान
رَّجِيمٍ
मरदूद का
Wama huwa biqawli shaytanin rajeemin
और वह (क़ुरआन) किसी धुतकारे हुए शैतान की लाई हुई वाणी नहीं है
إِنْ
नहीं है
هُوَ
वो
إِلَّا
मगर
ذِكْرٌ
एक नसीहत
لِّلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों के लिए
In huwa illa thikrun lil'alameena
वह तो सारे संसार के लिए बस एक अनुस्मृति है,
لِمَن
उसके लिए जो
شَآءَ
चाहे
مِنكُمْ
तुम में से
أَن
ये कि
يَسْتَقِيمَ
वो सीधा चले
Liman shaa minkum an yastaqeema
उसके लिए तो तुममे से सीधे मार्ग पर चलना चाहे
وَمَا
और नहीं
تَشَآءُونَ
तुम चाहते
إِلَّآ
मगर
أَن
ये कि
يَشَآءَ
चाहे
ٱللَّهُ
अल्लाह
رَبُّ
जो रब है
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का
Wama tashaoona illa an yashaa Allahu rabbu al'alameena
और तुम नहीं चाह सकते सिवाय इसके कि सारे जहान का रब अल्लाह चाहे