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وَيَدْعُ
और दुआ करता है
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
بِٱلشَّرِّ
शर/बुराई की
دُعَآءَهُۥ
(जैसा) दुआ करना उसका
بِٱلْخَيْرِۖ
ख़ैर/भलाई की
وَكَانَ
और है
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
عَجُولًا
बहुत जल्द बाज़

Wayad'u alinsanu bialshsharri du'aahu bialkhayri wakana alinsanu 'ajoolan

मनुष्य उस प्रकार बुराई माँगता है जिस प्रकार उसकी प्रार्थना भलाई के लिए होनी चाहिए। मनुष्य है ही बड़ा उतावला!

Tafseer (तफ़सीर )

وَجَعَلْنَا
और बनाया हमने
ٱلَّيْلَ
रात
وَٱلنَّهَارَ
और दिन को
ءَايَتَيْنِۖ
दो निशानियाँ
فَمَحَوْنَآ
तो मिटा दी हमने
ءَايَةَ
निशानी
ٱلَّيْلِ
रात की
وَجَعَلْنَآ
और बनाई हमने
ءَايَةَ
निशानी
ٱلنَّهَارِ
दिन की
مُبْصِرَةً
रौशन
لِّتَبْتَغُوا۟
ताकि तुम तलाश करो
فَضْلًا
फ़ज़ल
مِّن
अपने रब का
رَّبِّكُمْ
अपने रब का
وَلِتَعْلَمُوا۟
और ताकि तुम जान लो
عَدَدَ
गिनती
ٱلسِّنِينَ
सालों की
وَٱلْحِسَابَۚ
और हिसाब
وَكُلَّ
और हर
شَىْءٍ
चीज़ को
فَصَّلْنَٰهُ
खोल कर बयान किया हमने उसे
تَفْصِيلًا
खोल कर बयान करना

Waja'alna allayla waalnnahara ayatayni famahawna ayata allayli waja'alna ayata alnnahari mubsiratan litabtaghoo fadlan min rabbikum walita'lamoo 'adada alssineena waalhisaba wakulla shayin fassalnahu tafseelan

हमने रात और दिन को दो निशानियाँ बनाई है। फिर रात की निशानी को हमने मिटी हुई (प्रकाशहीन) बनाया और दिन की निशानी को हमने प्रकाशमान बनाया, ताकि तुम अपने रब का अनुग्रह (रोज़ी) ढूँढो और ताकि तुम वर्षो की गणना और हिसाब मालूम कर सको, और हर चीज़ को हमने अलग-अलग स्पष्ट कर रखा है

Tafseer (तफ़सीर )

وَكُلَّ
और हर
إِنسَٰنٍ
इन्सान को
أَلْزَمْنَٰهُ
लाज़िम कर दिया हमने उसको
طَٰٓئِرَهُۥ
शगून उसका
فِى
उसकी गर्दन में
عُنُقِهِۦۖ
उसकी गर्दन में
وَنُخْرِجُ
और हम निकालेंगे
لَهُۥ
उसके लिए
يَوْمَ
दिन
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
كِتَٰبًا
एक किताब
يَلْقَىٰهُ
वो पाएगा उसे
مَنشُورًا
नशर किया हुआ/खुला हुआ

Wakulla insanin alzamnahu tairahu fee 'unuqihi wanukhriju lahu yawma alqiyamati kitaban yalqahu manshooran

हमने प्रत्येक मनुष्य का शकुन-अपशकुन उसकी अपनी गरदन से बाँध दिया है और क़ियामत के दिन हम उसके लिए एक किताब निकालेंगे, जिसको वह खुला हुआ पाएगा

Tafseer (तफ़सीर )

ٱقْرَأْ
पढ़ो
كِتَٰبَكَ
किताब अपनी
كَفَىٰ
काफ़ी है
بِنَفْسِكَ
तेरा नफ़्स ही
ٱلْيَوْمَ
आज
عَلَيْكَ
तुझ पर
حَسِيبًا
हिसाब लेने वाला

Iqra kitabaka kafa binafsika alyawma 'alayka haseeban

'पढ़ ले अपनी किताब (कर्मपत्र)! आज तू स्वयं ही अपना हिसाब लेने के लिए काफ़ी है।'

Tafseer (तफ़सीर )

مَّنِ
जो
ٱهْتَدَىٰ
हिदायत पाए
فَإِنَّمَا
तो बेशक
يَهْتَدِى
वो हिदायत पाता है
لِنَفْسِهِۦۖ
अपने ही नफ़्स के लिए
وَمَن
और जो
ضَلَّ
गुमराह हुआ/भटका
فَإِنَّمَا
तो बेशक
يَضِلُّ
वो भटकता है
عَلَيْهَاۚ
अपने ही ख़िलाफ़
وَلَا
और ना
تَزِرُ
बोझ उठाएगी
وَازِرَةٌ
कोई बोझ उठाने वाली
وِزْرَ
बोझ
أُخْرَىٰۗ
दूसरी का
وَمَا
और नहीं
كُنَّا
हैं हम
مُعَذِّبِينَ
अज़ाब देने वाले
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
نَبْعَثَ
हम भेजें
رَسُولًا
कोई रसूल

Mani ihtada fainnama yahtadee linafsihi waman dalla fainnama yadillu 'alayha wala taziru waziratun wizra okhra wama kunna mu'aththibeena hatta nab'atha rasoolan

जो कोई सीधा मार्ग अपनाए तो उसने अपने ही लिए सीधा मार्ग अपनाया और जो पथभ्रष्टो हुआ, तो वह अपने ही बुरे के लिए भटका। और कोई भी बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। और हम लोगों को यातना नहीं देते जब तक कोई रसूल न भेज दें

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذَآ
और जब
أَرَدْنَآ
इरादा करते हैं हम
أَن
कि
نُّهْلِكَ
हम हलाक कर दें
قَرْيَةً
किसी बस्ती को
أَمَرْنَا
हुक्म देते हैं हम
مُتْرَفِيهَا
उसके ख़ुशहाल लोगों को
فَفَسَقُوا۟
तो वो नाफ़रमानी करते हैं
فِيهَا
उसमें
فَحَقَّ
तो साबित हो जाती है
عَلَيْهَا
उस पर
ٱلْقَوْلُ
बात
فَدَمَّرْنَٰهَا
तो तबाह कर देते हैं हम उसे
تَدْمِيرًا
तबाह कर देना

Waitha aradna an nuhlika qaryatan amarna mutrafeeha fafasaqoo feeha fahaqqa 'alayha alqawlu fadammarnaha tadmeeran

और जब हम किसी बस्ती को विनष्ट करने का इरादा कर लेते है तो उसके सुखभोगी लोगों को आदेश देते है तो (आदेश मानने के बजाए) वे वहाँ अवज्ञा करने लग जाते है, तब उनपर बात पूरी हो जाती है, फिर हम उन्हें बिलकुल उखाड़ फेकते है

Tafseer (तफ़सीर )

وَكَمْ
और कितनी ही
أَهْلَكْنَا
हलाक कीं हमने
مِنَ
उम्मतें/बस्तियाँ
ٱلْقُرُونِ
उम्मतें/बस्तियाँ
مِنۢ
बाद
بَعْدِ
बाद
نُوحٍۗ
नूह के
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
بِرَبِّكَ
रब आपका
بِذُنُوبِ
गुनाहों की
عِبَادِهِۦ
अपने बन्दों के
خَبِيرًۢا
ख़ूब ख़बर रखने वाला
بَصِيرًا
ख़ूब देखने वाला

Wakam ahlakna mina alqurooni min ba'di noohin wakafa birabbika bithunoobi 'ibadihi khabeeran baseeran

हमने नूह के पश्चात कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर दिया। तुम्हारा रब अपने बन्दों के गुनाहों की ख़बर रखने, देखने के लिए काफ़ी है

Tafseer (तफ़सीर )

مَّن
जो कोई
كَانَ
है
يُرِيدُ
चाहता
ٱلْعَاجِلَةَ
जल्द मिलने वाली चीज़ को
عَجَّلْنَا
जल्द देते हैं हम
لَهُۥ
उसे
فِيهَا
उसमें
مَا
जो
نَشَآءُ
हम चाहते हैं
لِمَن
जिसके लिए
نُّرِيدُ
हम चाहते हैं
ثُمَّ
फिर
جَعَلْنَا
बना देते हैं हम
لَهُۥ
उसके लिए
جَهَنَّمَ
जहन्नम को
يَصْلَىٰهَا
वो जलेगा उसमें
مَذْمُومًا
मज़म्मत किया हुआ
مَّدْحُورًا
रहमत से दूर किया हुआ

Man kana yureedu al'ajilata 'ajjalna lahu feeha ma nashao liman nureedu thumma ja'alna lahu jahannama yaslaha mathmooman madhooran

जो कोई शीघ्र प्राप्त, होनेवाली को चाहता है उसके लिए हम उसी में जो कुछ किसी के लिए चाहते है शीघ्र प्रदान कर देते है। फिर उसके लिए हमने जहन्नम तैयार कर रखा है जिसमें वह अपयशग्रस्त और ठुकराया हुआ प्रवेश करेगा

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَنْ
और जो
أَرَادَ
चाहे
ٱلْءَاخِرَةَ
आख़िरत को
وَسَعَىٰ
और वो कोशिश करे
لَهَا
उसके लिए
سَعْيَهَا
(ज़रूरी) कोशिश उसकी
وَهُوَ
जबकि वो
مُؤْمِنٌ
मोमिन हो
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
كَانَ
है
سَعْيُهُم
कोशिश उनकी
مَّشْكُورًا
क़ाबिले क़द्र

Waman arada alakhirata wasa'a laha sa'yaha wahuwa muminun faolaika kana sa'yuhum mashkooran

और जो आख़िरत चाहता हो और उसके लिए ऐसा प्रयास भी करे जैसा कि उसके लिए प्रयास करना चाहिए और वह हो मोमिन, तो ऐसे ही लोग है जिनके प्रयास की क़द्र की जाएगी

Tafseer (तफ़सीर )

كُلًّا
हर एक को
نُّمِدُّ
हम मदद देते हैं
هَٰٓؤُلَآءِ
इनको (भी)
وَهَٰٓؤُلَآءِ
और उनको (भी)
مِنْ
अता में से
عَطَآءِ
अता में से
رَبِّكَۚ
आपके रब की
وَمَا
और नहीं
كَانَ
है
عَطَآءُ
अता
رَبِّكَ
आपके रब की
مَحْظُورًا
रोकी गई

Kullan numiddu haolai wahaolai min 'atai rabbika wama kana 'atao rabbika mahthooran

इन्हें भी और इनको भी, प्रत्येक को हम तुम्हारे रब की देन में से सहायता पहुँचाए जा रहे है, और तुम्हारे रब की देन बन्द नहीं है

Tafseer (तफ़सीर )