Allahu la ilaha illa huwa alhayyu alqayyoomu
अल्लाह ही पूज्य हैं, उसके सिवा कोई पूज्य नहीं। वह जीवन्त हैं, सबको सँम्भालने और क़ायम रखनेवाला
Nazzala 'alayka alkitaba bialhaqqi musaddiqan lima bayna yadayhi waanzala alttawrata waalinjeela
उसने तुमपर हक़ के साथ किताब उतारी जो पहले की (किताबों की) पुष्टि करती हैं, और उसने तौरात और इंजील उतारी
Min qablu hudan lilnnasi waanzala alfurqana inna allatheena kafaroo biayati Allahi lahum 'athabun shadeedun waAllahu 'azeezun thoo intiqamin
इससे पहले लोगों के मार्गदर्शन के लिए और उसने कसौटी भी उतारी। निस्संदेह जिन लोगों ने अल्लाह की आयतों का इनकार किया उनके लिए कठोर यातना हैं और अल्लाह प्रभुत्वशाली भी हैं और (बुराई का) बदला लेनेवाला भी
Inna Allaha la yakhfa 'alayhi shayon fee alardi wala fee alssamai
निस्संदेह अल्लाह से कोई चीज़ न धरती में छिपी हैं और न आकाश में
Huwa allathee yusawwirukum fee alarhami kayfa yashao la ilaha illa huwa al'azeezu alhakeemu
वही हैं जो गर्भाशयों में, जैसा चाहता हैं, तुम्हारा रूप देता हैं। उस प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी के अतिरिक्त कोई पूज्य-प्रभु नहीं
Huwa allathee anzala 'alayka alkitaba minhu ayatun muhkamatun hunna ommu alkitabi waokharu mutashabihatun faamma allatheena fee quloobihim zayghun fayattabi'oona ma tashabaha minhu ibtighaa alfitnati waibtighaa taweelihi wama ya'lamu taweelahu illa Allahu waalrrasikhoona fee al'ilmi yaqooloona amanna bihi kullun min 'indi rabbina wama yaththakkaru illa oloo alalbabi
वही हैं जिसने तुमपर अपनी ओर से किताब उतारी, वे सुदृढ़ आयतें हैं जो किताब का मूल और सारगर्भित रूप हैं और दूसरी उपलक्षित, तो जिन लोगों के दिलों में टेढ़ हैं वे फ़ितना (गुमराही) का तलाश और उसके आशय और परिणाम की चाह में उसका अनुसरण करते हैं जो उपलक्षित हैं। जबकि उनका परिणाम बस अल्लाह ही जानता हैं, और वे जो ज्ञान में पक्के हैं, वे कहते हैं, 'हम उसपर ईमान लाए, जो हर एक हमारे रब ही की ओर से हैं।' और चेतते तो केवल वही हैं जो बुद्धि और समझ रखते हैं
Rabbana la tuzigh quloobana ba'da ith hadaytana wahab lana min ladunka rahmatan innaka anta alwahhabu
हमारे रब! जब तू हमें सीधे मार्ग पर लगा चुका है तो इसके पश्चात हमारे दिलों में टेढ़ न पैदा कर और हमें अपने पास से दयालुता प्रदान कर। निश्चय ही तू बड़ा दाता है
Rabbana innaka jami'u alnnasi liyawmin la rayba feehi inna Allaha la yukhlifu almee'ada
हमारे रब! तू लोगों को एक दिन इकट्ठा करने वाला है, जिसमें कोई संदेह नही। निस्सन्देह अल्लाह अपने वचन के विरुद्ध जाने वाला नही है
Inna allatheena kafaroo lan tughniya 'anhum amwaluhum wala awladuhum mina Allahi shayan waolaika hum waqoodu alnnari
जिन लोगों ने इनकार की नीति अपनाई है अल्लाह के मुकाबले में तो न उसके माल उनके कुछ काम आएँगे और न उनकी संतान ही। और वही हैं जो आग (जहन्नम) का ईधन बनकर रहेंगे
القرآن الكريم: | آل عمران |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Ali 'Imran |
सूरा: | 3 |
कुल आयत: | 200 |
कुल शब्द: | 3480 |
कुल वर्ण: | 14520 |
रुकु: | 20 |
वर्गीकरण: | मदीनन सूरा |
Revelation Order: | 89 |
से शुरू आयत: | 293 |