Aliflamra tilka ayatu alkitabi waquranin mubeenin
अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह किताब अर्थात स्पष्ट क़ुरआन की आयतें हैं
Rubama yawaddu allatheena kafaroo law kanoo muslimeena
ऐसे समय आएँगे जब इनकार करनेवाले कामना करेंगे कि क्या ही अच्छा होता कि हम मुस्लिम (आज्ञाकारी) होते!
Tharhum yakuloo wayatamatta'oo wayulhihimu alamalu fasawfa ya'lamoona
छोड़ो उन्हें खाएँ और मज़े उड़ाएँ और (लम्बी) आशा उन्हें भुलावे में डाले रखे। उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा!
Wama ahlakna min qaryatin illa walaha kitabun ma'loomun
हमने जिस बस्ती को भी विनष्ट किया है, उसके लिए अनिवार्यतः एक निश्चित फ़ैसला रहा है!
Ma tasbiqu min ommatin ajalaha wama yastakhiroona
किसी समुदाय के लोग न अपने निश्चित समय से आगे बढ़ सकते है और न वे पीछे रह सकते है
Waqaloo ya ayyuha allathee nuzzila 'alayhi alththikru innaka lamajnoonun
वे कहते है, 'ऐ व्यक्ति, जिसपर अनुस्मरण अवतरित हुआ, तुम निश्चय ही दीवाने हो!
Law ma tateena bialmalaikati in kunta mina alssadiqeena
यदि तुम सच्चे हो तो हमारे समक्ष फ़रिश्तों को क्यों नहीं ले आते?'
Ma nunazzilu almalaikata illa bialhaqqi wama kanoo ithan munthareena
फ़रिश्तों को हम केवल सत्य के प्रयोजन हेतु उतारते है और उस समय लोगों को मुहलत नहीं मिलेगी
Inna nahnu nazzalna alththikra wainna lahu lahafithoona
यह अनुसरण निश्चय ही हमने अवतरित किया है और हम स्वयं इसके रक्षक हैं
Walaqad arsalna min qablika fee shiya'i alawwaleena
तुमसे पहले कितने ही विगत गिरोंहों में हम रसूल भेज चुके है
القرآن الكريم: | الحجر |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Al-Hijr |
सूरा: | 15 |
कुल आयत: | 99 |
कुल शब्द: | 54 |
कुल वर्ण: | 2760 |
रुकु: | 6 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 54 |
से शुरू आयत: | 1802 |