Ata amru Allahi fala tasta'jiloohu subhanahu wata'ala 'amma yushrikoona
आ गया आदेश अल्लाह का, तो अब उसके लिए जल्दी न मचाओ। वह महान और उच्च है उस शिर्क से जो व कर रहे है
Yunazzilu almalaikata bialrroohi min amrihi 'ala man yashao min 'ibadihi an anthiroo annahu la ilaha illa ana faittaqooni
वह फ़रिश्तों को अपने हुक्म की रूह (वह्यल) के साथ अपने जिस बन्दे पर चाहता है उतारता है कि 'सचेत कर दो, मेरे सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। अतः तुम मेरा ही डर रखो।'
Khalaqa alssamawati waalarda bialhaqqi ta'ala 'amma yushrikoona
उसने आकाशों और धरती को सोद्देश्य पैदा किया। वह अत्यन्त उच्च है उस शिर्क से जो वे कर रहे है
Khalaqa alinsana min nutfatin faitha huwa khaseemun mubeenun
उसने मनुष्यों को एक बूँद से पैदा किया। फिर क्या देखते है कि वह खुला झगड़नेवाला बन गया!
Waalan'ama khalaqaha lakum feeha difon wamanafi'u waminha takuloona
रहे पशु, उन्हें भी उसी ने पैदा किया, जिसमें तुम्हारे लिए ऊष्मा प्राप्त करने का सामान भी है और हैं अन्य कितने ही लाभ। उनमें से कुछ को तुम खाते भी हो
Walakum feeha jamalun heena tureehoona waheena tasrahoona
उनमें तुम्हारे लिए सौन्दर्य भी है, जबकि तुम सायंकाल उन्हें लाते और जबकि तुम उन्हें चराने ले जाते हो
Watahmilu athqalakum ila baladin lam takoonoo baligheehi illa bishiqqi alanfusi inna rabbakum laraoofun raheemun
वे तुम्हारे बोझ ढोकर ऐसे भूभाग तक ले जाते हैं, जहाँ तुम जी-तोड़ परिश्रम के बिना नहीं पहुँच सकते थे। निस्संदेह तुम्हारा रब बड़ा ही करुणामय, दयावान है
Waalkhayla waalbighala waalhameera litarkabooha wazeenatan wayakhluqu ma la ta'lamoona
और घोड़े और खच्चर और गधे भी पैदा किए, ताकि तुम उनपर सवार हो और शोभा का कारण भी। और वह उसे भी पैदा करता है, जिसे तुम नहीं जानते
Wa'ala Allahi qasdu alssabeeli waminha jairun walaw shaa lahadakum ajma'eena
अल्लाह के लिए ज़रूरी है उचित एवं अनुकूल मार्ग दिखाना और कुछ मार्ग टेढ़े भी है। यदि वह चाहता तो तुम सबको अवश्य सीधा मार्ग दिखा देता
Huwa allathee anzala mina alssamai maan lakum minhu sharabun waminhu shajarun feehi tuseemoona
वही है जिसने आकाश से तुम्हारे लिए पानी उतारा, जिसे तुम पीते हो और उसी से पेड़ और वनस्पतियाँ भी उगती है, जिनमें तुम जानवरों को चराते हो
القرآن الكريم: | النحل |
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आयत सजदा (سجدة): | 50 |
सूरा (latin): | An-Nahl |
सूरा: | 16 |
कुल आयत: | 128 |
कुल शब्द: | 2854 |
कुल वर्ण: | 7707 |
रुकु: | 16 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 70 |
से शुरू आयत: | 1901 |